शाहबाद (बारां). एक तरफ तो राजस्थान सरकार शाहबाद किशनगंज विधानसभा क्षेत्र में निवास करने वाले सहरिया गरीब वर्ग के लोगों को जन कल्याणकारी योजनाएं चलाकर लाभान्वित करने का प्रयास कर रही है तो वहीं दूसरी ओर सरकारी तंत्र के उदासीन रवैए के चलते सहरिया परिवार के लोगों को सरकार की इन योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है.
उल्लेखनीय बात यह है कि शाहबाद किशनगंज विधानसभा क्षेत्र की विधायक भी सहरिया समाज से हैं. फिर भी सहरिया परिवारों की मुसीबतें थमने का नाम नहीं ले रही है. जी हां, हम बात कर रहे हैं बैहठा ग्राम पंचायत क्षेत्र के किराड़ पहाड़ी, तेलनी गांव के बीपीएल पात्र राशन कार्डधारी सहरिया परिवारों की. जिनको सरकारी लाइसेंस सुदा राशन डीलर द्वारा समय पर राशन सामग्री नहीं दी जा रही है.
परेशान लोगों का कहना है कि राशन डीलर द्वारा राशन उपभोक्ताओं से पोस मशीन में फिंगरप्रिंट लगवा लिया जाता है, लेकिन राशन सामग्री नहीं दी जाती है. इस संबंध में राशन उपभोक्ताओं ने कई बार संबंधित विभाग के आला अधिकारियों को शिकायत दी, लेकिन संबंधित विभाग के अधिकारी मामले को नजरअंदाज करते हुए अभी तक अनजान बने हुए हैं. लोगों का कहना है कि सरकारी राशन की दुकान संचालन करने वाले डीलर की राजनीतिक पहुंच होने के कारण उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती है.
इसके चलते लोगों में राशन डीलर और संबंधित विभाग के आला अधिकारियों के खिलाफ रोष बना हुआ है. सुवेदा बाई ने बताया कि 3 वर्ष से पति गुमशुदा है. तब से ही राशन उपभोक्ता सुवेदा बाई सहरिया को राशन सामग्री का वितरण नहीं हुआ है. पीड़ित महिला ने इस संबंध में संबंधित विभाग के अधिकारियों को कई बार शिकायत की, लेकिन शिकायत के बाद भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया है.
ग्रामीणों ने सहरिया परियोजना अधिकारी जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर राशन डीलर के खिलाफ उचित कार्रवाई करने की भी मांग की है.
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उपखंड अधिकारी दीनानाथ बब्बल ने बताया कि सहरिया परिवारों को राशन डीलर द्वारा राशन सामग्री का वितरण नहीं किया जा रहा है और लापरवाही बरती जा रही है. ऐसे में जांच कराकर उचित कार्रवाई की जाएगी. अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या सरकारी तंत्र के जिम्मेदार अधिकारी और जनता के द्वारा चुने गए जनप्रतिनिधि इस मामले को गंभीरता से लेते हैं या नहीं, या फिर यूं ही सहरिया परिवार के लोग कागजों में ही लाभान्वित होते रहेंगे.