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कर्ज की वजह से मेरे पिता ने आत्महत्या की : मृतक किसान के पुत्र का बयान

कांग्रेस हो या भाजपा की सरकार सभी कर्ज माफी करने के दावे जरूर कर रही है, लेकिन बारां जिले में किसान अर्जुनलाल के कीटनाशक पीकर आत्महत्या करना इन दावों की पोल खोल रहा है.

बारां: कर्ज से परेशान होकर किसान ने की आत्महत्या
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Published : Jun 28, 2019, 2:11 PM IST

बारां. वर्तमान और पूर्ववती सरकारों की ओर से की गई कर्जमाफी की घोषणा का लाभ नहीं मिल पाने के कारण कर्जतले दबे किसानों की आत्महत्याओं का सिलसिला शुरू हो गया है. इसी क्रम में बारां जिले के किशनगंज थाना क्षेत्र के राधापुरा गांव निवासी किसान अर्जुन लाल कंडारा ने कीटनाशक पी लिया. जिसे एक निजी चिकित्सालय में भर्ती कराया गया, जहां से उसे कोटा रेफर कर दिया था. जिसकी 26 जून को कोटा के एमबीएस अस्पताल में ईलाज के दौरान मौत हो गई.

बारां: कर्ज से परेशान होकर किसान ने की आत्महत्या

प्राप्त जानकारी के अनुसार किसान पर भारतीय स्टेट बैंक की किशनगंज शाखा का 4 तीन लाख रूपए का कर्ज बताया जा रहा है तथा साढ़े 3 लाख रुपये देनदारी बाजार की बताई गई है. किसान के एक बेटा और 4 बेटियां है और 12 बीघा जमीन है. हालांकि कर्जमाफी को लेकर सरकार की ओर से स्थिति स्पष्ट नहीं किए जाने के कारण किसान अभी भी असमंजस में है और कर्जमाफी के चक्कर में कृषि ऋण नहीं चुका पा रहे है. बैंक वाले नोटिस किसानों को थमा रहे है. लम्बे समय से फसलों के भाव नहीं मिल पाने के कारण कर्जा नहीं चुका पाए.

बारां. वर्तमान और पूर्ववती सरकारों की ओर से की गई कर्जमाफी की घोषणा का लाभ नहीं मिल पाने के कारण कर्जतले दबे किसानों की आत्महत्याओं का सिलसिला शुरू हो गया है. इसी क्रम में बारां जिले के किशनगंज थाना क्षेत्र के राधापुरा गांव निवासी किसान अर्जुन लाल कंडारा ने कीटनाशक पी लिया. जिसे एक निजी चिकित्सालय में भर्ती कराया गया, जहां से उसे कोटा रेफर कर दिया था. जिसकी 26 जून को कोटा के एमबीएस अस्पताल में ईलाज के दौरान मौत हो गई.

बारां: कर्ज से परेशान होकर किसान ने की आत्महत्या

प्राप्त जानकारी के अनुसार किसान पर भारतीय स्टेट बैंक की किशनगंज शाखा का 4 तीन लाख रूपए का कर्ज बताया जा रहा है तथा साढ़े 3 लाख रुपये देनदारी बाजार की बताई गई है. किसान के एक बेटा और 4 बेटियां है और 12 बीघा जमीन है. हालांकि कर्जमाफी को लेकर सरकार की ओर से स्थिति स्पष्ट नहीं किए जाने के कारण किसान अभी भी असमंजस में है और कर्जमाफी के चक्कर में कृषि ऋण नहीं चुका पा रहे है. बैंक वाले नोटिस किसानों को थमा रहे है. लम्बे समय से फसलों के भाव नहीं मिल पाने के कारण कर्जा नहीं चुका पाए.

Intro:कांग्रेस हो या भाजपा की सरकार सभी कर्ज माफी करने के दावे जरूर कर रही है, लेकिन बारां जिले में किसान अर्जुनलाल में कीटनाशक पीकर आत्महत्या करना इन दावों की पोल खोल रहा है।Body:बारां.
वर्तमान व पूर्ववती सरकारों के द्वारा
की गई कर्जमाफी की घौषणा का लाभ नहीं मिल पाने के कारण कर्ज फिर से कर्जतले दबे किसानों की आत्महत्याओं सिलसिला शुरू हो गया है। इसी क्रम मे बारां जिले के किशनगंज थाना क्षेत्र के राधापुरा गांव निवासी किसान अर्जुन लाल कंडारा ने कीटनाशक पी लिया. जिसे एक निजी चिकित्सालय मे भर्ती कराया गया, जहां से उसे कोटा रेफर कर दिया था। जिसकी 26 जून को कोटा के एमबीएस अस्पताल मे ईलाज के दौरान मौत हो गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार किसान पर भारतीय स्टेट बैंक की किशनगंज शाखा का 4 तीन लाख रूपए का कर्ज बताया जा रहा है तथा साढ़े 3 लाख रुपये देनदारी बाजार की बताई गई है। किसान के एक बेटा व 4 बेटियां है और 12 बीघा जमीन है।Conclusion:हालांकि कर्जमाफी को लेकर सरकार के द्वारा स्थिति स्पष्ट नहीं किए जाने के कारण किसान अभी भी असमंजस में है और कर्जमाफी के चक्कर मे कृषि ऋण नहीं चुका पा रहै है और बैंक वाले तकाजे नोटिस किसानों को थमा रहे है। लम्बे समय से फसलों के भाव नहीं मिल पाने के कारण कर्जा नहीं चुका पाए।



बाइट-- हेमराज कंडारा, मृतक किसान का पुत्र
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