जयपुर : जयपुर में सीकर रोड और अजमेर रोड से न्यू सांगानेर रोड पर विकसित किया गया बीआरटीएस (बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) कॉरिडोर अब हटाया जाएगा. जयपुर विकास प्राधिकरण के एग्जीक्यूटिव कमेटी ने इसे हटाने का फैसला लिया है. शहर में यातायात सुविधा को बेहतर बनाने के लिए अजमेर रोड पर अंडरपास बनाने, झोटवाड़ा में एलिवेटेड का निर्माण करने, सीकर रोड पर अंडरपास बनाने और विद्याधर नगर में प्रस्तावित मेट्रो जैसे प्रोजेक्ट्स के चलते अब बीआरटीएस कॉरिडोर को हटाने का फैसला किया गया है. हालांकि, इस पर अंतिम फैसला राज्य सरकार लेगी.
विद्याधर नगर तक मेट्रो की डीपीआर की घोषणा: जयपुर विकास प्राधिकरण आयुक्त आनंदी के अनुसार वर्तमान में एनएचएआई ने जयपुर-अजमेर दिशा में 200 फीट बायपास जंक्शन पर अंडरपास बनाने का प्रस्ताव रखा है. इससे करीब 1.0 किलोमीटर में बीआरटीएस कॉरिडोर खत्म हो जाएगा. झोटवाड़ा आरओबी के निर्माण के कारण पानीपेच से राव शेखा सर्किल तक का कॉरिडोर खत्म हो गया है. एनएचएआई ने सीकर रोड-सी जोन बायपास पर भी अंडरपास का प्रस्ताव दिया है. इसके कारण सीकर रोड पर 1.2 किलोमीटर लंबाई में बीआरटीएस कॉरिडोर को खत्म करना पड़ेगा. वहीं, राज्य सरकार के संशोधित बजट 2024-25 में विद्याधर नगर तक मेट्रो की डीपीआर की घोषणा की गई है. इन सभी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए बीआरटीएस कॉरिडोर को निष्क्रिय किए जाने के लिए प्रस्ताव अंतिम फैलसे के लिए राज्य सरकार को भिजवाया जाएगा.
आपको बता दें कि जयपुर में 4 पैकेज में इस प्रोजेक्ट के तहत कॉरिडोर विकसित करना था. सरकार ने साल 2007 में इसका काम शुरू करवाया, लेकिन 2 ही कॉरिडोर बन कर तैयार हुए. इस प्रोजेक्ट पर करीब 150 करोड़ रुपए सरकार ने खर्च किए. इसमें 50 फीसदी राशि केन्द्र सरकार, 20 फीसदी राज्य सरकार और 30 फीसदी जेडीए ने लगाई. सीकर रोड पर बने कॉरिडोर का उद्घाटन साल 2010 में कांग्रेस सरकार के समय अशोक गहलोत ने किया था, जबकि न्यू सांगानेर रोड कॉरिडोर को साल 2015 में बीजेपी सरकार के समय वसुंधरा राजे ने किया था.
जहां समस्या थी, वहां आज भी काम पेंडिंग : कई जगह जमीन अधिग्रहण की समस्या आई, कई जगह सड़कें कम चौड़ी होने से वहां जमीन अधिग्रहण नहीं की जा सकी और न ही उन सड़कों को चौड़ा किया जा सका. ऐसी स्थिति में जहां सड़कें चौड़ी थी, वहां तो बीआरटीएस कॉरिडोर का निर्माण कर दिया गया और जहां समस्या थी, वहां आज भी ये पेंडिंग ही है. ऐसे में प्रोजेक्टर द्वारा लेने के कारण इसका मूल उद्देश्य ही पूरा नहीं हो पाया. यही वजह है कि अब इसे हटाने के लिए फाइल राज्य सरकार को भेजी जा रही है.
बीआरटीएस कॉरिडोर के अलावा एग्जीक्यूटिव कमेटी ने ये लिए फैसले :
- स्वर्ण विहार सांगानेर में सीक्वेंशियल बैच रिएक्टर एसबीआर प्रौद्योगिकी पर आधारित 30 एमएलडी क्षमता के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस कार्य के लिए 3.70 करोड़ निविदा की स्वीकृति दी गई.
- नेवटा के पीआरएन (उत्तर) क्षेत्र में 30 एमएलडी एसटीपी मैनहोल के निर्माण के साथ मुख्य ट्रंक सीवर लाइन बिछाने और जोड़ने के कार्य के लिए 34 करोड़ निविदा की स्वीकृति दी गई.
- जोन-14 में वाटिका रोड के नवीनीकरण और सुदृढीकरण कार्य के लिए निविदा की कार्योत्तर स्वीकृति प्रदान की गई.
- किशन बाग परियोजना के मेंटेनेंस और मैनेजमेंट के लिए विभिन्न शर्ते, स्कॉप ऑफ वर्क निविदा दस्तावेजों का अनुमोदन किया गया.
- जेडीए कर्मचारी (भर्ती और पदोन्नति) में कार्मिक विभाग के निर्धारित नियमों को शामिल करने के लिए प्रस्ताव प्राधिकरण बैठक में रखे जाने का फैसला लिया गया.