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बांसवाड़ा: पंचायत चुनाव में ईवीएम पर ग्रामीणों ने लगाया मुहर

बांसवाड़ा में पंचायती राज चुनाव के पहले चरण में ही काफी दिक्कते देखने को मिली. दरअसल शुक्रवार को हुए पहले चरण के चुनाव में सरपंच के लिए ईवीएम और पंच के लिए बैलेट पेपर होने की वजह से ग्रामीण को समझ ही नहीं पाए, जिससे मतदान में काफी परेशानी आई.

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Published : Jan 17, 2020, 9:57 PM IST

बांसवाड़ा की खबर, banswara news
चुनाव में ईवीएम पर ग्रामीणों ने लगाया मुहर

बांसवाड़ा. पंचायती राज चुनाव के पहले चरण में जिले की 4 पंचायत समितियों के 197 ग्राम पंचायतों में शुक्रवार को पंच और सरपंच पदों के लिए मतदान हुआ. मतदान की गति आश्चर्यजनक रुप से कम देखी गई, जबकि मतदान केंद्रों पर दिन भर मतदाताओं की कतारें लगी रही. वहीं दोपहर के 2 बजे तक भी अधिकांश मतदान केंद्रों पर मतदान 50 प्रतिशत तक भी नहीं हुआ था.

चुनाव में ईवीएम पर ग्रामीणों ने लगाया मुहर

ईटीवी भारत ने जब मतदान कार्मिकों से बातचीत की तो सामने आया कि इस चुनाव में मतदान के दो तरीके अपनाए गए. जहां एक ओर सरपंच पद के लिए ईवीएम का उपयोग किया गया, वहीं पंचों के चुनाव के लिए बैलेट पेपर का उपयोग किया गया. जिसे ग्रामीणों को समझने में थोड़ी परेशानी भी हुई. खासकर ये परेशानी महिलाओं में देखने को मिली.

पढ़ें- गुजरात बॉर्डर पर पहुंचा ईटीवी भारत, देखा चुनावी उत्साह का नजारा

मजे की बात यह देखने को मिली कि कुछ लोगों ने मुहर को ईवीएम पर लगा दिया, जिससे कारण बाद में ईवीएम को साफ करना पड़ा. ऐसा एक जगह नहीं, बल्कि बहुत से ग्राम पंचायतों में देखने को मिला. जिसके चलते प्रत्येक मतदाता के लिए 2 से 3 मिनट तक देना पड़ा. इसके कारण मतदान का प्रतिशत 10 बजे तक 15 से 20 प्रतिशत के बीच ही डोलता रहा.

इसके बाद मतदान कर्मियों ने नया तरीका अपनाया और कार्मिकों ने मतदाताओं को पहले ईवीएम का इस्तेमाल कराया. उसके बाद उन्हें बैलट पेपर और मुहर दी गई. इस प्रोसेस को अपनाने के बाद मतदान के प्रतिशत में तेजी आ पाई. इसके कारण कई मतदान केंद्रों पर शाम 6:30 बजे तक और 7 बजे तक मतदान प्रक्रिया चलती रही. जांच में यह भी पाया गया कि निर्वाचन विभाग कर्मचारियों के लिए भोजन की व्यवस्था तक नहीं कर पाया. जिससे दिनभर मतदान कर्मियों के साथ पुलिसकर्मियों को भी भूखे पेट रहने पड़े.

बांसवाड़ा. पंचायती राज चुनाव के पहले चरण में जिले की 4 पंचायत समितियों के 197 ग्राम पंचायतों में शुक्रवार को पंच और सरपंच पदों के लिए मतदान हुआ. मतदान की गति आश्चर्यजनक रुप से कम देखी गई, जबकि मतदान केंद्रों पर दिन भर मतदाताओं की कतारें लगी रही. वहीं दोपहर के 2 बजे तक भी अधिकांश मतदान केंद्रों पर मतदान 50 प्रतिशत तक भी नहीं हुआ था.

चुनाव में ईवीएम पर ग्रामीणों ने लगाया मुहर

ईटीवी भारत ने जब मतदान कार्मिकों से बातचीत की तो सामने आया कि इस चुनाव में मतदान के दो तरीके अपनाए गए. जहां एक ओर सरपंच पद के लिए ईवीएम का उपयोग किया गया, वहीं पंचों के चुनाव के लिए बैलेट पेपर का उपयोग किया गया. जिसे ग्रामीणों को समझने में थोड़ी परेशानी भी हुई. खासकर ये परेशानी महिलाओं में देखने को मिली.

पढ़ें- गुजरात बॉर्डर पर पहुंचा ईटीवी भारत, देखा चुनावी उत्साह का नजारा

मजे की बात यह देखने को मिली कि कुछ लोगों ने मुहर को ईवीएम पर लगा दिया, जिससे कारण बाद में ईवीएम को साफ करना पड़ा. ऐसा एक जगह नहीं, बल्कि बहुत से ग्राम पंचायतों में देखने को मिला. जिसके चलते प्रत्येक मतदाता के लिए 2 से 3 मिनट तक देना पड़ा. इसके कारण मतदान का प्रतिशत 10 बजे तक 15 से 20 प्रतिशत के बीच ही डोलता रहा.

इसके बाद मतदान कर्मियों ने नया तरीका अपनाया और कार्मिकों ने मतदाताओं को पहले ईवीएम का इस्तेमाल कराया. उसके बाद उन्हें बैलट पेपर और मुहर दी गई. इस प्रोसेस को अपनाने के बाद मतदान के प्रतिशत में तेजी आ पाई. इसके कारण कई मतदान केंद्रों पर शाम 6:30 बजे तक और 7 बजे तक मतदान प्रक्रिया चलती रही. जांच में यह भी पाया गया कि निर्वाचन विभाग कर्मचारियों के लिए भोजन की व्यवस्था तक नहीं कर पाया. जिससे दिनभर मतदान कर्मियों के साथ पुलिसकर्मियों को भी भूखे पेट रहने पड़े.

Intro:बांसवाड़ा। पंचायत राज चुनाव के पहले चरण में जिले की 4 पंचायत समितियों के 197 ग्राम पंचायतों में पंच और सरपंचों के लिए मतदान हुआ। मतदान की गति आश्चर्यजनक रूप से कम देखी गई जबकि मतदान केंद्रों पर दिन भर मतदाताओं की कतारें नजर आई। पोपट 2:00 बजे तक हालत यह थी कि अधिकांश मतदान केंद्रों पर मतदान प्रतिशत 50% तक भी नहीं पहुंच पाया।


Body:ईटीवी भारत द्वारा कई मतदान केंद्रों का दौरा किया गया। इस दौरान की गई पड़ताल में एक बड़ी विसंगति सामने आई। मतदान कार्मिकों से बातचीत के दौरान सामने आया कि इस चुनाव में मतदान के दो तरीके अपनाए गए। सरपंचों के चुनाव ईवीएम के जरिए कराए गए वही पंचों के चुनाव में बैलट पेपर का इस्तेमाल किया गया। ग्रामीण क्षेत्र में मतदाता इसे समझ नहीं पाए। खासकर महिला मतदाताओं के साथ यह परेशानी अधिक देखी गई। स्थिति यह थी कि जो बैलट पेपर और मोहर वार्ड पंच के लिए दी गई थी बड़ी संख्या में मतदाताओं ने मोहर का ठप्पा ईवीएम मशीन पर लगा दिया गया। इस कारण कई स्थानों पर ईवीएम मशीन को भी साफ करना पड़ा। दूसरी बात यह सामने आई कि दोनों ही प्रोसेस के लिए मतदाताओं को अलग अलग जानकारी दी गई।


Conclusion:इस प्रोसेस में काफी समय लग गया । हर मतदाता के लिए 2 से 3 मिनट निकालने पड़े । इसके चलते मतदान का प्रतिशत 10:00 बजे तक 15 और 20% के बीच डोलता रहा। 12:00 बजे तक 25 से 30% तो 2:00 बजे तक 45 से 50% तक मतदान का ग्राफ पहुंच पाया। इसके बाद मतदान कर्मियों ने नया तरीका अपनाया और कार्मिकों ने मतदाताओं को पहले ईवीएम का इस्तेमाल कराया गया और उसके बाद उन्हें बैलट पेपर और मुहर दी गई। इस प्रोसेस को अपनाने के बाद मतदान के प्रतिशत में तेजी आ पाई। कई मतदान केंद्रों पर शाम 6:30 बजे तक और 7:00 बजे तक मतदान प्रक्रिया चलती रही। दौरे के दौरान यह भी सामने आया कि निर्वाचन विभाग कर्मचारियों के लिए भोजन की व्यवस्था तक नहीं कर पाया। सुबह ही बड़ी संख्या में मतदाता मतदान केंद्र पर पहुंच गए ऐसे में पोलिंग ऑफिसर नाश्ते तक की व्यवस्था नहीं कर पाए और दिन भर मतदान कर्मियों के साथ पुलिसकर्मियों को भी भूखे पेट भजन करने पड़ गए।
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