बांसवाड़ा. नियमितीकरण की मांग को लेकर राजस्थान मदरसा शिक्षा सहयोगी संघ विरोध प्रदर्शन कर रहा है. अपनी मांगों के समर्थन में संगठन सदस्यों ने सोमवार से धरना शुरू किया, जो 28 जुलाई तक चलेगा. बताया जा रहा है कि इसके बाद भी सरकार ने कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया तो कार्यकर्ता जयपुर कूच करेंगे.
प्रदेशव्यापी आंदोलन के क्रम में संगठन के सदस्यों ने सोमवार को धरना प्रदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया गया. इसमें कहा गया है कि विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस द्वारा उन्हें नियमित करने का आश्वासन दिया गया था. इसके उलट बजट में स्थायीकरण तो दूर की बात, मानदेय तक नहीं बढ़ाया गया. कई शिक्षा सहयोगी पांच साल से पिछले 18 साल से संविदा आधारित सेवाएं दे रहे हैं. साथ ही बता दें कि अकेले बांसवाड़ा जिले में ऐसे 20 मदरसा शिक्षा केंद्र संचालित है, जहां करीब 48 लोग काम कर रहे हैं.
कमेटी का गठन एक छलावा
संगठन के संभागीय अध्यक्ष सरफराज खान ने कहा कि उनके स्थायीकरण की मांग पर सरकार द्वारा कमेटी का गठन किया गया, जोकि छलावा मात्र है. सरकार स्थायीकरण तो दूर, बजट में उनके मानदेय तक में बढ़ोतरी तक का कोई प्रावधान नहीं किया गया है.
कामकाज तृतीय श्रेणी अध्यापक के समान
संगठन के मुताबिक मदरसा पैराटीचर्स द्वारा तृतीय श्रेणी शिक्षक के समान काम किया जा रहा है. शिक्षण कार्य के साथ-साथ पोषाहार से लेकर बीएलओ चुनावी ड्यूटी जैसे समस्त कार्यों को बखूबी अंजाम दे रहे हैं. लंबे समय से काम करने के बावजूद आज भी उन्हें न्यूनतम मानदेय पर कार्य करना पड़ रहा है, जिससे परिवार का भरण पोषण करना मुश्किल हो रहा है. संभागीय अध्यक्ष के मुताबिक उनके साथ किए जा रहे अन्याय के खिलाफ 22 से 28 जुलाई तक मदरसों में कार्य का बहिष्कार किया जाएगा, जिसकी शुरुआत समाज से कर दी गई. इसके बाद भी सरकार द्वारा उनकी मांगों पर कोई सकारात्मक फैसला नहीं लिया जाने पर 29 जुलाई को प्रदेशभर से मदरसा पैराटीचर्स जयपुर के लिए कूच करेंगे.