बांसवाड़ा. कोरोना महामारी की ड्यूटी के साथ-साथ पुलिस आपराधिक वारदातों का भी पर्दाफाश कर रही हैं. सदर पुलिस ने लगभग आधा दर्जन चोरी की वारदातों का खुलासा किया हैं. पुलिस ने गिरोह के सरगना सहित तीन लोगों को दबोचा है. जिनमें दो नाबालिग भी शामिल है.
लगातार चोरी की वारदातों को देखते हुए पुलिस संदेह के आधार पर एक युवक पर नजर रख रही थी. सूचना थी कि दो किशोरों के साथ उक्त युवक दिन भर आराम के बाद रात भर घर से गायब रहता है. पुलिस ने युवक को दबोचा तो एक के बाद एक कर चोरी की सारी वारदातें खुलकर सामने आ गई. फिलहाल पुलिस आरोपियों से पूछताछ में जुटी हैं.
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मामला दरअसल इस प्रकार है कि सामरिया गांव के बस स्टैंड पर कैलाश भील ने अपने नए मकान में कंप्यूटर सिखाने की शॉप खोल रखी है. 16 मार्च की रात अज्ञात व्यक्ति ताला तोड़कर चार कंप्यूटर और एक पोस मशीन चुरा ले गए. अगले दिन कैलाश द्वारा इस संबंध में रिपोर्ट देने के बाद पुलिस अनुसंधान में जुट गई.
जिला पुलिस अधीक्षक केसर सिंह शेखावत और पुलिस उप अधीक्षक अनिल मीणा ने चोरी के साथ नकबजनी की वारदातों को देखते हुए थाना प्रभारी बाबूलाल मुरारिया के निर्देशन में टीम गठित की और अनुसंधान अधिकारी हेड कांस्टेबल निर्भय सिंह राणावत, तलवाड़ा चौकी प्रभारी दशरथ सिंह कांस्टेबल मणिलाल सुरेश शंकर लाल और कैलाश चंद्र को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए.
पुलिस टीम अनुसंधान के दौरान चौबीसों का पाडला गांव निवासी 19 वर्षीय कल्पेश की भूमिका संदिग्ध नजर आई. मुखबिर से पता चला कि कल्पेश गांव के ही दो किशोर के साथ दिन भर आराम करता है और रात को गांव से गायब हो जाता है. टीम को यह भी सूचना मिली कि फिलहाल उसके घर पर कंप्यूटर और और मोटरसाइकिल रखी हुई है. पुलिस कल्पेश को थाने ले आई और पूछताछ की तो उसने कैलाश के अलावा के अन्य स्थानों पर भी चोरी और नकबजनी की वारदातों को अंजाम देना कबूल कर लिया.
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पुलिस अब तक पूछताछ के आधार पर उसकी निशानदेही से करीब 40 हजार का माल बरामद कर चुकी है. पुलिस ने इन वारदातों में शामिल दो किशोर भी डिटेन किए हैं. थाना प्रभारी ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ में और भी वारदातें खुलने की संभावना हैं.