बांसवाड़ा. चेचक और खसरा सहित विभिन्न जानलेवा रोगों से बच्चों के बचाव के लिए राष्ट्रीय स्तर पर चलाए जा रहे मीजल्स-रूबेला अभियान को लेकर मुस्लिम समाज के अनेक अभिभावक चिंतित नजर आ रहे हैं. इसके पीछे वजह सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो को बताया जा रहा है. जिसमें वैक्सीनेशन के बाद बच्चों के स्वास्थ्य पर होने वाले असर के बारे में बताया गया है. इसके बाद ईटीवी भारत टीम ने शुक्रवार को शहर की एक निजी में स्कूल पहुंचकर वायरल वीडियो का सच जाने का प्रयास किया.
हालांकि, अभिभावकों के एक बड़े वर्ग द्वारा आपत्ति जताने के बाद चिकित्सा विभाग की टीम स्कूल पहुंची और अभिभावकों से समझाइश का प्रयास किया. इसके बावजूद अभिभावकों के मन में मीजल्स-रूबेला को लेकर अजीब तरह का भाव देखा जा रहा है. ईटीवी भारत संवाददाता ने शुक्रवार को इंदिरा कॉलोनी पहुंचकर शाइनिंग फ्यूचर पब्लिक स्कूल के अभिभावकों से बातचीत कर उनके मन की शंकाओं को जानने की कोशिश की. साथ ही चिकित्सा विभाग के मुखिया से बातचीत कर अफवाह की सच्चाई तक जाने का प्रयास किया.
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वायरल वीडियो से चिंतित है अभिभावक
अभिभावकों से टीकाकरण को लेकर की गई बातचीत के दौरान उनके मन में कई शंकाएं सामने आई. नासिर खान जो अपने दोनों बच्चों को स्कूल लेने पहुंचे थे, बोले कि सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें वैक्सीनेशन को लेकर कुछ अलग बातें की गई है. इसी कारण फिलहाल मैंने सहमति नहीं दी.
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सच्चाई जानने का प्रयास किया, इस सवाल पर जहीर खान ने कहा कि नहीं उन्होंने वीडियो में बताई गई बात के बारे में किसी से पता नहीं किया है. उनका कहना रहा कि हमारे दिल को गवारा नहीं है, इसलिए वैक्सीनेशन नहीं करवाना.
मोहम्मद हाफिज ने कहा कि उन्होंने वैक्सीनेशन से मना कर दिया है. उनका कहना रहा कि वे हॉस्पिटल में टीकाकरण करवा लेंगे. रिजवान मोहम्मद खान ने अपनी बच्ची को टीका तो लगवा लिया, लेकिन उसके तुरंत बाद अन्य लोगों के जरिए वायरल वीडियो देखा तो एकबारगी वे भी सोच में पड़ गए. उन्होंने कहा कि वायरल वीडियो में इसे लेकर कई तरह की बातें चल रही है.
अयूब खान जो कि अंजुमन स्कूल के प्रिंसिपल है, इस वीडियो को लेकर बच्चों के टीकाकरण पर सोचने को मजबूर हो गए और फिलहाल टीका नहीं लगवाया, लेकिन उन्होंने यह जरूर कहा कि टीकाकरण जरूर होगा. बच्चा अभी बीमार है. पास के एक अन्य स्कूल में 170 बच्चों का टीकाकरण हो चुका है और हमारे अंजुमन स्कूल में भी अभिभावकों को बुलाया गया है.
नोटिस के जवाब में इनकार ही इनकार
शाइनिंग फ्यूचर पब्लिक स्कूल के प्रिंसिपल साजिद मोहम्मद से बातचीत करने पर सामने आया कि उन्होंने वैक्सीनेशन की परमिशन के लिए बच्चों के साथ अभिभावकों को नोटिस भेजा था. जिसमें अधिकांश अभिभावकों ने मना कर दिया था. इसके पीछे एक तेजी से फैल रहे वीडियो को बताते हुए साजिद मोहम्मद ने कहा कि शायद उसी की वजह से अभिभावक वैक्सीनेशन को लेकर तैयार नहीं है.
वहीं चिकित्सा विभाग की टीम स्कूल पहुंची और उन्हें समझाया. वे विभाग की टीम के साथ अभिभावकों को फिर से समझाने का प्रयास करेंगे. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एचएल ताबियार के अनुसार उन्हें भी इस संबंध में जानकारी मिली थी.
बच्चों का सुरक्षा कवच
पीएमओ के नेतृत्व में टीम मौके पर भेजी गई थी. इसे लेकर वायरल वीडियो में कोई सच्चाई नहीं है. यह टीका बच्चों को भविष्य में होने वाली कई प्रकार की जानलेवा बीमारियों से बचाव कर सकता है. उन्होंने कहा कि वे फिर से टीम भेजकर बच्चों के अभिभावकों को समझाकर टीकाकरण के लिए तैयार करेंगे.