बांसवाड़ा. कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर लॉकडाउन का दूसरा चरण चल रहा है. इस महामारी से मुकाबले के लिए चिकित्सा विभाग का हर कारिंदा जी जान से जुटा है. इसके चलते आम रोगियों को राहत देते हुए राज्य सरकार के निर्देश पर बांसवाड़ा में गांव गांव चिकित्सा सेवा पहुंचाने की पहल के रूप में मोबाइल ओपीडी शुरू की गई है.
इसके अंतर्गत डॉक्टर और नर्सिंग कर्मी चिन्हित गांव में पहुंचकर लोगों की जांच के साथ ही उपचार और निशुल्क दवा भी उपलब्ध करा रहे हैं. योजना के पहले दिन करीब पौने पांच सौ लोगों को उपचार सुविधा उपलब्ध कराई गई.
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राज्य सरकार द्वारा जिले में 10 मोबाइल ओपीडी को स्वीकृति प्रदान की गई थी. उसी को देखते हुए जिले के सभी 8 लोक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी खंड के अंतर्गत मोबाइल ओपीडी यूनिट उपलब्ध कराई गई. इसके अलावा बांसवाड़ा शहर के लिए भी दो यूनिट शुरू की गई है.
कोविड-19 के अतिरिक्त किडनी, हाइपरटेंशन, डायबिटीज, सर्दी खांसी जुकाम के मरीजों के साथ गर्भवती महिलाओं का इलाज उनके आवास के नजदीक उपलब्ध कराया गया. ताकि उन्हें लॉकडाउन के दौरान किसी प्रकार की परेशानी नहीं उठानी पड़े.
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सीएमएचओ डॉ. हीरालाल ताबीयार ने बताया कि पहले दिन जिलेभर में 483 मरीजों को इसका लाभ उठाया. मोबाइल ओपीडी में 12 गर्भवती महिलाओं के अपने घर पर ही जांच कराने की सुविधा दी गई. राज्य सरकार द्वारा मुख्य तौर पर गर्भवती महिलाओं को कोरोना संक्रमण के दौर में आने की समस्या को देखते हुए यह सेवा शुरू की गई. मोबाइल ओपीडी यूनिट लगातार अपने अपने खंड क्षेत्र में गांव गांव जाकर लोगों को चिकित्सा सेवा प्रदान करेगी.