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बांसवाड़ा: 10 गुना दाम पर भी नहीं मिल रहे मास्क, मार्केट से सैनिटाइजर गायब

कोरोना वायरस को लेकर सभी लोग खौफ में है. वहीं, इस समय लोगों को सबसे ज्यादा जरुरत सैनिटाइजर और मास्क की है. लेकिन इनकी डिमांड के साथ ही कालाबाजारी ने भी तेजी पकड़ ली है. यहां तक कि सभी कंपनियां मास्क की दस दस गुना कीमत वसूल रही है.

कोरोना वायरस की खबर, banswara news
10 गुना दाम पर भी नहीं मिल रहे हैं मास्क
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Published : Mar 21, 2020, 9:39 PM IST

बांसवाड़ा. देश और दुनिया किलर कोरोना वायरस को लेकर खौफ में जी रही है और सरकार इस महामारी को रोकने के लिए हर संभव कदम उठा रही है, लेकिन आपदा की स्थिति में भी कुछ लोग चांदी कूटने के मोह को नहीं त्याग पा रहे हैं. कोरोना से बचाव के लिए मास्क और सैनिटाइजर काफी अहम है. जबसे इनकी डिमांड बढ़ी है, इनकी कालाबाजारी ने भी जोर पकड़ लिया है. यहां तक कि डिमांड के मुकाबले सप्लाई एक चौथाई भी नहीं हो रही है. नतीजतन मास्क की दस दस गुना कीमत वसूली जा रही है और पूरे शहर में मेडिकल स्टोर पर मास्क नहीं मिल रहे हैं.

10 गुना दाम पर भी नहीं मिल रहे हैं मास्क

बताया जा रहा है कि जिन कंपनियों से मॉस्क और सैनिटाइजर मंगवाए जा रहे थे वहां से सप्लाई एकदम बंद कर दी गई है. कुछ कंपनियां जो माल भेज रही है वो भी मांग के मुकाबले बहुत कम है. ऐसे में इन दोनों ही वस्तुओं की कीमतें आसमान छू रही है. जब से कोरोना वायरस की हवा चली है तब से ही धीरे धीरे मॉस्क और सैनिटाइजर गायब ही हो गए है. जबकि वर्तमान में प्रिकॉशंस के तौर पर इनकी सबसे ज्यादा जरूरत है.

ईटीवी भारत की टीम ने शहर के कुछ मेडिकल स्टोर पर पड़ताल की तो सामने आया कि पिछले एक पखवाड़े से मेडिकल स्टोर्स पर पड़ताल की गई तो सैनिटाइजर तो दूर की बात है मास्क तक उपलब्ध नहीं थे. मेडिकल व्यवसायियों का कहना था कि पिछले 15 दिन से दोनों ही वस्तुओं की कमी चल रही है. पहले तो कंपनियां मांग के मुकाबले सप्लाई ही नहीं दे रही है और थोड़ी बहुत सप्लाई भेज रही है तो वह भी 25 से 30 रुपए की एमआरपी लगा कर भेज रही है. उनके सामने सबसे बड़ी दुविधा ये है कि इस रेट में यदि ग्राहकों को मॉस्क बेचे जाए तो हम पर सवाल उठाए जाते हैं. यहां तक कि प्रशासन को शिकायत तक की जाती है. यह सही है कि हमें 15 दिन पहले तक ₹3 में मॉस्क मिल रहे थे, लेकिन अब कंपनियों की ओर से ही रेट बढ़ाकर सप्लाई की जा रही है तो हम क्या कर सकते हैं.

पढ़ें- COVID-19: बांसवाड़ा के 26 लोगों से संपर्क में आया था प्रतापगढ़ का कोरोना पॉजिटिव रोगी

फार्मासिस्ट दीपक मेहता के अनुसार प्रतिदिन हमारे स्टोर पर करीब 1 हजार लोग मॉस्क की डिमांड कर रहे हैं, लेकिन हमारे पास माल नहीं है उन्हें मना करना पड़ रहा है. आगे से ही कंपनियां सप्लाई नहीं दे रही है. जो सप्लाई हो रहा है वो मांग के मुकाबले बहुत कम है. सैनिटाइजर तो बिल्कुल गायब है.

दवा व्यवसाई विकास जैन के अनुसार सैनिटाइजर की मांग बहुत ज्यादा है, लेकिन हमें सप्लाई नहीं मिल रही है जबकि कंपनियों को हमने ऑर्डर दे रखे हैं. जो थोड़े बहुत मॉस्क और सैनिटाइजर थे, बिक चुके हैं. हालांकि जिला कलेक्टर के निर्देशानुसार टीम की ओर से इसकी जांच की जा रही है. अपने निरीक्षण के दौरान टीम ने मेडिकल स्टोर पर मॉस्क और सैनिटाइजर की कमी पाई. अब देखना होगा कि टीम की रिपोर्ट पर जिला प्रशासन इनकी उपलब्धता के लिए क्या कदम उठाता है.

बांसवाड़ा. देश और दुनिया किलर कोरोना वायरस को लेकर खौफ में जी रही है और सरकार इस महामारी को रोकने के लिए हर संभव कदम उठा रही है, लेकिन आपदा की स्थिति में भी कुछ लोग चांदी कूटने के मोह को नहीं त्याग पा रहे हैं. कोरोना से बचाव के लिए मास्क और सैनिटाइजर काफी अहम है. जबसे इनकी डिमांड बढ़ी है, इनकी कालाबाजारी ने भी जोर पकड़ लिया है. यहां तक कि डिमांड के मुकाबले सप्लाई एक चौथाई भी नहीं हो रही है. नतीजतन मास्क की दस दस गुना कीमत वसूली जा रही है और पूरे शहर में मेडिकल स्टोर पर मास्क नहीं मिल रहे हैं.

10 गुना दाम पर भी नहीं मिल रहे हैं मास्क

बताया जा रहा है कि जिन कंपनियों से मॉस्क और सैनिटाइजर मंगवाए जा रहे थे वहां से सप्लाई एकदम बंद कर दी गई है. कुछ कंपनियां जो माल भेज रही है वो भी मांग के मुकाबले बहुत कम है. ऐसे में इन दोनों ही वस्तुओं की कीमतें आसमान छू रही है. जब से कोरोना वायरस की हवा चली है तब से ही धीरे धीरे मॉस्क और सैनिटाइजर गायब ही हो गए है. जबकि वर्तमान में प्रिकॉशंस के तौर पर इनकी सबसे ज्यादा जरूरत है.

ईटीवी भारत की टीम ने शहर के कुछ मेडिकल स्टोर पर पड़ताल की तो सामने आया कि पिछले एक पखवाड़े से मेडिकल स्टोर्स पर पड़ताल की गई तो सैनिटाइजर तो दूर की बात है मास्क तक उपलब्ध नहीं थे. मेडिकल व्यवसायियों का कहना था कि पिछले 15 दिन से दोनों ही वस्तुओं की कमी चल रही है. पहले तो कंपनियां मांग के मुकाबले सप्लाई ही नहीं दे रही है और थोड़ी बहुत सप्लाई भेज रही है तो वह भी 25 से 30 रुपए की एमआरपी लगा कर भेज रही है. उनके सामने सबसे बड़ी दुविधा ये है कि इस रेट में यदि ग्राहकों को मॉस्क बेचे जाए तो हम पर सवाल उठाए जाते हैं. यहां तक कि प्रशासन को शिकायत तक की जाती है. यह सही है कि हमें 15 दिन पहले तक ₹3 में मॉस्क मिल रहे थे, लेकिन अब कंपनियों की ओर से ही रेट बढ़ाकर सप्लाई की जा रही है तो हम क्या कर सकते हैं.

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फार्मासिस्ट दीपक मेहता के अनुसार प्रतिदिन हमारे स्टोर पर करीब 1 हजार लोग मॉस्क की डिमांड कर रहे हैं, लेकिन हमारे पास माल नहीं है उन्हें मना करना पड़ रहा है. आगे से ही कंपनियां सप्लाई नहीं दे रही है. जो सप्लाई हो रहा है वो मांग के मुकाबले बहुत कम है. सैनिटाइजर तो बिल्कुल गायब है.

दवा व्यवसाई विकास जैन के अनुसार सैनिटाइजर की मांग बहुत ज्यादा है, लेकिन हमें सप्लाई नहीं मिल रही है जबकि कंपनियों को हमने ऑर्डर दे रखे हैं. जो थोड़े बहुत मॉस्क और सैनिटाइजर थे, बिक चुके हैं. हालांकि जिला कलेक्टर के निर्देशानुसार टीम की ओर से इसकी जांच की जा रही है. अपने निरीक्षण के दौरान टीम ने मेडिकल स्टोर पर मॉस्क और सैनिटाइजर की कमी पाई. अब देखना होगा कि टीम की रिपोर्ट पर जिला प्रशासन इनकी उपलब्धता के लिए क्या कदम उठाता है.

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