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जमीनी विवाद में भाइयों को फंसाने के लिए बाप ने बेटे को उतारा मौत के घाट

क्या कोई इंसान बदले की आग में अपने ही कलेजे के टुकड़े मौत के घाट उतार सकता है. जिले में ऐसा ही कुछ हुआ जहां बदले की आग में अपने सारे नाते रिश्ते भूल गया कर वो जमीनी रंजिश में अपने चचेरे भाइयों को फंसाने की नियत से अपने ही लड़के को मौत के घाट उतार दिया.

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Published : Mar 9, 2019, 1:01 AM IST

आरोपी पिता


बांसवाड़ा. क्या कोई इंसान बदले की आग में अपने ही कलेजे के टुकड़े मौत के घाट उतार सकता है. जिले में ऐसा ही कुछ हुआ जहां बदले की आग में अपने सारे नाते रिश्ते भूल गया कर वो जमीनी रंजिश में अपने चचेरे भाइयों को फंसाने की नियत से अपने ही लड़के को मौत के घाट उतार दिया.
मामला 8 महीने पुराना है जिसका पुलिस ने आखिरकार शुक्रवार शाम खुलासा करते हुए आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया. उसके खिलाफ हत्या सहित भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है.
3 जुलाई 2018 को कांतिलाल नामक व्यक्ति ने पुलिस थाने में रिपोर्ट दी कि 12 से 15 लोग उसके घर पर आ धमके और उसके 10 वर्षीय पुत्र विक्रम की जान लेने की नियत से उस पर कुल्हाड़ी से हमला बोल दिया. पुलिस को दी गई रिपोर्ट में जिन लोगों के नाम दर्ज कराए गए उनमें सब उसके चचेरे भाई थे. करीब डेढ़ महीने बाद विक्रम की दम घुटने से संदेहास्पद परिस्थितियों में मौत हो गई.
पुलिस ने प्राणघातक हमले सहित विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज कर अनुसंधान प्रारंभ किया जिसमें कांतिलाल द्वारा आरोपित लोग निर्दोष पाए. जिला पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रकरण की जांच के लिए.
आनंदपुरी थानाधिकारी सुरेंद्र सोलंकी के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी और बागीदौरा के पुलिस उपाधीक्षक गोपीचंद मीणा के निर्देशन में पुलिस टीम ने प्रकरण से संबंधित एक-एक कड़ी को जोड़ा जिसमें मृतक विक्रम के पिता कांतिलाल की भूमिका संदिग्ध पाई गई. आखिरकार पुलिस ने कांतिलाल को हिरासत में लिया और कड़ाई से पूछताछ की तो हत्या कांड की परत दर परत खुलती नजर आई.
थानाधिकारी सुरेंद्र सोलंकी ने बताया कि कांतिलाल का उसके चचेरे भाइयों से जमीन को लेकर विवाद चल रहा था. और इस संबंध में कई मामले कोर्ट और पुलिस में भी चल रहे थे. कांतिलाल ने चचेरे भाइयों को फसाने की नियत से अपने ही पुत्र विक्रम पर कुल्हाड़ी से हमला बोल दिया और भाइयों के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट दे दी.
हालांकि उस दौरान विक्रम बच गया लेकिन डेढ़ महीने बाद कांतिलाल ने गला घोटकर उसे मौत के घाट उतार दिया. थाना अधिकारी के अनुसार कांतिलाल के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है. 10 वर्षीय विक्रम मूक बधिर होने के साथ विकलांग भी था. कांतिलाल की सेवा से परेशान था और उससे छुटकारा पाना चाहता था. उस पर प्राणघातक हमला कर कांतिलाल एक तीर से दो निशान साधना चाहता था.


बांसवाड़ा. क्या कोई इंसान बदले की आग में अपने ही कलेजे के टुकड़े मौत के घाट उतार सकता है. जिले में ऐसा ही कुछ हुआ जहां बदले की आग में अपने सारे नाते रिश्ते भूल गया कर वो जमीनी रंजिश में अपने चचेरे भाइयों को फंसाने की नियत से अपने ही लड़के को मौत के घाट उतार दिया.
मामला 8 महीने पुराना है जिसका पुलिस ने आखिरकार शुक्रवार शाम खुलासा करते हुए आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया. उसके खिलाफ हत्या सहित भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है.
3 जुलाई 2018 को कांतिलाल नामक व्यक्ति ने पुलिस थाने में रिपोर्ट दी कि 12 से 15 लोग उसके घर पर आ धमके और उसके 10 वर्षीय पुत्र विक्रम की जान लेने की नियत से उस पर कुल्हाड़ी से हमला बोल दिया. पुलिस को दी गई रिपोर्ट में जिन लोगों के नाम दर्ज कराए गए उनमें सब उसके चचेरे भाई थे. करीब डेढ़ महीने बाद विक्रम की दम घुटने से संदेहास्पद परिस्थितियों में मौत हो गई.
पुलिस ने प्राणघातक हमले सहित विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज कर अनुसंधान प्रारंभ किया जिसमें कांतिलाल द्वारा आरोपित लोग निर्दोष पाए. जिला पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रकरण की जांच के लिए.
आनंदपुरी थानाधिकारी सुरेंद्र सोलंकी के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी और बागीदौरा के पुलिस उपाधीक्षक गोपीचंद मीणा के निर्देशन में पुलिस टीम ने प्रकरण से संबंधित एक-एक कड़ी को जोड़ा जिसमें मृतक विक्रम के पिता कांतिलाल की भूमिका संदिग्ध पाई गई. आखिरकार पुलिस ने कांतिलाल को हिरासत में लिया और कड़ाई से पूछताछ की तो हत्या कांड की परत दर परत खुलती नजर आई.
थानाधिकारी सुरेंद्र सोलंकी ने बताया कि कांतिलाल का उसके चचेरे भाइयों से जमीन को लेकर विवाद चल रहा था. और इस संबंध में कई मामले कोर्ट और पुलिस में भी चल रहे थे. कांतिलाल ने चचेरे भाइयों को फसाने की नियत से अपने ही पुत्र विक्रम पर कुल्हाड़ी से हमला बोल दिया और भाइयों के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट दे दी.
हालांकि उस दौरान विक्रम बच गया लेकिन डेढ़ महीने बाद कांतिलाल ने गला घोटकर उसे मौत के घाट उतार दिया. थाना अधिकारी के अनुसार कांतिलाल के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है. 10 वर्षीय विक्रम मूक बधिर होने के साथ विकलांग भी था. कांतिलाल की सेवा से परेशान था और उससे छुटकारा पाना चाहता था. उस पर प्राणघातक हमला कर कांतिलाल एक तीर से दो निशान साधना चाहता था.

Intro:बांसवाड़ा। क्या कोई इंसान बदले की आग में अपने ही कलेजे के टुकड़े का रक्त बहा सकता है? बांसवाड़ा में एक व्यक्ति बदले की आग में अपने सारे नाते रिश्ते भूल गया और महज जमीनी रंजिश में अपने चचेरे भाइयों को फंसाने की नियत से अपने ही पुत्र को मौत के घाट उतारने से भी नहीं झुका। मामला 8 महीने पुराना है जिसका पुलिस ने आखिरकार शुक्रवार शाम खुलासा करते हुए आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया। उसके खिलाफ हत्या सहित भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है। मामला आनंदपुरी थाना क्षेत्र का है।


Body:3 जुलाई 2018 को कांतिलाल नामक व्यक्ति ने पुलिस थाने में रिपोर्ट दी कि 12 से 15 लोग उसके घर पर आ धमके और उसके 10 वर्षीय पुत्र विक्रम की जान लेने की नियत से उस पर कुल्हाड़ी से हमला बोल दिया। पुलिस को दी गई रिपोर्ट में जिन लोगों के नाम दर्ज कराए गए उनमें सब उसके चचेरे भाई थे। करीब गेट महीने बाद विक्रम की दम घुटने से संदेहास्पद परिस्थितियों में मौत हो गई ।पुलिस ने प्राणघातक हमले सहित विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज कर अनुसंधान प्रारंभ किया जिसमें कांतिलाल द्वारा आरोपित लोग निर्दोष पाए गए। जिला पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रकरण की जांच के लिए


Conclusion:आनंदपुरी थानाधिकारी सुरेंद्र सोलंकी के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी और बागीदौरा के पुलिस उपाधीक्षक गोपीचंद मीणा के निर्देशन में पुलिस टीम ने प्रकरण से संबंधित एक-एक कड़ी को जोड़ा जिसमें मृतक विक्रम के पिता कांतिलाल की भूमिका संदिग्ध पाई गई। आखिरकार पुलिस ने कांतिलाल को हिरासत में लिया और कड़ाई से पूछताछ की तो इस अंधे हत्या कांड की परत दर परत खुलती नजर आई। थानाधिकारी सुरेंद्र सोलंकी ने बताया कि कांतिलाल का उसके चचेरे भाइयों से जमीन को लेकर विवाद चल रहा था और इस संबंध में कई मामले कोर्ट और पुलिस में भी चल रहे थे। कांतिलाल ने चचेरे भाइयों को फसाने की नियत से अपने ही पुत्र विक्रम पर कुल्हाड़ी से हमला बोल दिया और भाइयों के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट दे दी। हालांकि उस दौरान विक्रम बच गया लेकिन डेढ़ महीने बाद कांतिलाल ने गला घोटकर उसे मौत के घाट उतार दिया। थाना अधिकारी के अनुसार कांतिलाल के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है। 10 वर्षीय विक्रम मूक बधिर होने के साथ विकलांग भी था। कांतिलाल की सेवा से परेशान था और उससे छुटकारा पाना चाहता था। उस पर प्राणघातक हमला कर कांतिलाल एक तीर से दो निशान साद रहा था। आरोपी से पूछताछ की जा रही है।
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