पुरी: पुरी में जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार की मरम्मत और जीर्णोद्धार का काम जल्द ही शुरू होगा. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के अधिकारियों के 'रत्न भंडार' की जीपीआर-जीपीएस सर्वेक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत की.
हैदराबाद स्थित एनजीआरआई (राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान) ने 12वीं सदी के मंदिर के रत्न भंडार या खजाने की जीपीआर-जीपीएस सर्वेक्षण की रिपोर्ट तैयार करने में एएसआई की सहायता की. तकनीकी रिपोर्ट प्राप्त करने के बाद, मंदिर प्रशासन ने 'एएसआई अधिकारियों से पूरे 'रत्न भंडार' की मरम्मत, रखरखाव और संरक्षण कार्य को तुरंत शुरू करने का अनुरोध किया है.
जगन्नाथ मंदिर के मुख्य प्रशासक अरविंद पाधी ने कहा कि मंदिर प्रशासन इस संबंध में एएसआई का सहयोग करने जा रहा है. उन्होंने कहा कि मंदिर प्रशासन हमेशा मंदिर की संरचनात्मक स्थिरता और सुरक्षा को लेकर सतर्क रहा है.
उन्होंने कहा कि तकनीकी रिपोर्ट मिलने के बाद से मंदिर प्रशासन ने एएसआई अधिकारियों से अनुरोध किया है कि वे पूरे रत्न भंडार की मरम्मत, रखरखाव और संरक्षण का काम तुरंत शुरू करें. मंदिर प्रशासन इस महत्वपूर्ण कार्य में अपना पूरा सहयोग देगा.
हालांकि, पाधी जीपीआर रिपोर्ट पर चुप्पी साधे रहे. उनके अनुसार रत्न भंडार की जीपीआर रिपोर्ट के बारे में कुछ भी कहना संभव नहीं है. 45 पन्नों की रिपोर्ट होने पर इसका समग्र मूल्यांकन किया जाएगा. हालांकि, उन्होंने कहा कि एएसआई को मरम्मत कार्य योजना के बारे में मंदिर प्रबंधन को सूचित करने के लिए कहा गया है.
कोई गुप्त कमरा नहीं है: रिपोर्ट के शुरुआती आंकड़ों से पता चलता है कि रत्न भंडार में ऐसा कोई छिपा हुआ या गुप्त कमरा नहीं है. पूरी रिपोर्ट का विश्लेषण करने के बाद सभी विवरण पता चलेंगे. सूत्रों ने बताया कि एएसआई की तकनीकी रिपोर्ट में फर्श और दीवारों में कुछ खामियां पाई गईं और मरम्मत कार्य का सुझाव दिया गया.