ETV Bharat / state

बांसवाड़ा में एसडीएम के फर्जी साइन करके बाबू ने जारी किए 100 से ज्यादा लाइसेंसी हथियार, ऐसे हुआ खुलासा

बांसवाड़ा के गढ़ी उपखंड अधिकारी कार्यालय से धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. जिसमें एक बाबू ने एसडीएम के फर्जी साइन कर हथियारों के लाइसेंस जारी कर रहा था. बता दें कि अब तक करीब 100 से अधिक फर्जी लाइसेंस जारी किए जाने की बात सामने आई है.

बांसवाड़ा न्यूज, banswara news, एसडीएम के फर्जी साइन, राजस्थान न्यूज
जूनियर क्लर्क ने एसडीएम के फर्जी हस्ताक्षर कर बंदूक का लाइसेंस जारी किया
author img

By

Published : Mar 4, 2020, 1:18 PM IST

बांसवाड़ा. गढ़ी उपखंड अधिकारी कार्यालय के एक बाबू का सनसनीखेज मामला सामने आया है. कनिष्ठ लिपिक प्रकाश भोई एसडीएम के फर्जी साइन कर हथियारों के लाइसेंस जारी कर रहा था. यहां तक कि कई एसडीएम ट्रांसफर हो चुके हैं, लेकिन अपने घर से ही उनके फर्जी हस्ताक्षर से मोटी रकम लेकर टोपीदार बंदूकों के लाइसेंस जारी करने से नहीं चूका. बंदूकों की एकाएक डिमांड को देखकर उदयपुर का गन हाउस संचालक चौंक गया. फर्जी लाइसेंस जारी होने की आशंका जताते हुए उसने एसडीएम रामचंद्र खटीक को सूचना दी.

जिसके बाद एसडीएम ने अपने स्तर पर कराई जांच में प्रारंभिक तौर पर प्रकाश भोई द्वारा करीब 100 से अधिक फर्जी लाइसेंस जारी किए जाने की बात सामने आई है. एसडीम की सूचना पर पुलिस अधीक्षक केसर सिंह शेखावत के नेतृत्व में एसडीएम कार्यालय पर छापा मारा गया. इस मामले में पुलिस ने रातभर एसडीएम कार्यालय के बाद प्रकाश के घर की भी तलाशी ली और उसके एक मित्र को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया.

जूनियर क्लर्क ने एसडीएम के फर्जी हस्ताक्षर कर बंदूक का लाइसेंस जारी किया

कनिष्ठ लिपिक प्रकाश भाई के साथी के घर से हथियार जारी करने के दस्तावेज बरामद होने की बात सामने आ रही है और इस पूरे प्रकरण में दलाल गिरोह की सक्रियता उभर कर सामने आ रही है. पुलिस ने प्रकाश से प्रारंभिक पूछताछ के बाद रात भर अलग-अलग स्थानों पर छापा मारकर 22 बंदूके जब्त की. पुलिस अधीक्षक केसर सिंह शेखावत ने इस पूरे प्रकरण में 100 से अधिक बंदूकों के लाइसेंस जारी होने की आशंका जताते हुए बताया कि बांसवाड़ा डीवाईएसपी अनिल मीणा के नेतृत्व में गढ़ी अरथुना आनंदपुरी लोहारिया और सदर थाना अधिकारियों की एक विशेष टीम बनाई गई है, जो मामले की पड़ताल कर रही है.

2013 के बाद एक भी लाइसेंस नहीं

एसडीएम कार्यालय की ओर से वर्ष 2013 के बाद टोपीदार बंदूक का एक भी लाइसेंस जारी नहीं किया गया, लेकिन उन एसडीएम के हस्ताक्षरओं से 100 से भी ज्यादा लाइसेंस जारी कर दिए गए. तत्कालीन एसडीएम प्रभु दयाल शर्मा और पूजा पार्थ के नाम से फर्जी सील बनाए जाने की आशंका से भी इनकार नहीं किया जा सकता.

गन हाउस की सूचना पर खुला मामला

उदयपुर के गन हाउस में एक के बाद एक बड़ी संख्या में टोपीदार बंदूक के खरीददारों के पहुंचने का क्रम शुरू हो गया. अनुज्ञा पत्र में कुछ कमियां रहने और एकाएक टोपीदार बंदूक हासिल करने वालों की संख्या बढ़ने पर गन हाउस संचालक को शक हुआ और उसने एसडीएम रामचंद्र खटीक को इसकी सूचना दी. एसडीएम खटीक ने जांच कराई तो पता चला कि गढ़ी एसडीएम कार्यालय से एक भी लाइसेंस जारी नहीं हुआ है.

पढ़ें: अलवरः लड़की के अपहरण की कोशिश करने वाले 4 आरोपी गिरफ्तार

उन्होंने कलेक्टर कैलाश बेरवा और एसपी केसर सिंह शेखावत को इस बारे में जानकारी दी. इस पर एडीएम नरेश बुनकर, एसपी शेखावत पुलिस बल के साथ एसडीएम ऑफिस पहुंचे. थाना प्रभारी गोविंद सिंह राजपुरोहित ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है और अब तक 22 टोपीदार बंदूक के जब्त की जा चुकी है. प्रकाश को गिरफ्तार कर लिया गया है. संदेह के आधार पर उसके कुछ साथियों को भी हिरासत में लिया गया है.

बांसवाड़ा. गढ़ी उपखंड अधिकारी कार्यालय के एक बाबू का सनसनीखेज मामला सामने आया है. कनिष्ठ लिपिक प्रकाश भोई एसडीएम के फर्जी साइन कर हथियारों के लाइसेंस जारी कर रहा था. यहां तक कि कई एसडीएम ट्रांसफर हो चुके हैं, लेकिन अपने घर से ही उनके फर्जी हस्ताक्षर से मोटी रकम लेकर टोपीदार बंदूकों के लाइसेंस जारी करने से नहीं चूका. बंदूकों की एकाएक डिमांड को देखकर उदयपुर का गन हाउस संचालक चौंक गया. फर्जी लाइसेंस जारी होने की आशंका जताते हुए उसने एसडीएम रामचंद्र खटीक को सूचना दी.

जिसके बाद एसडीएम ने अपने स्तर पर कराई जांच में प्रारंभिक तौर पर प्रकाश भोई द्वारा करीब 100 से अधिक फर्जी लाइसेंस जारी किए जाने की बात सामने आई है. एसडीम की सूचना पर पुलिस अधीक्षक केसर सिंह शेखावत के नेतृत्व में एसडीएम कार्यालय पर छापा मारा गया. इस मामले में पुलिस ने रातभर एसडीएम कार्यालय के बाद प्रकाश के घर की भी तलाशी ली और उसके एक मित्र को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया.

जूनियर क्लर्क ने एसडीएम के फर्जी हस्ताक्षर कर बंदूक का लाइसेंस जारी किया

कनिष्ठ लिपिक प्रकाश भाई के साथी के घर से हथियार जारी करने के दस्तावेज बरामद होने की बात सामने आ रही है और इस पूरे प्रकरण में दलाल गिरोह की सक्रियता उभर कर सामने आ रही है. पुलिस ने प्रकाश से प्रारंभिक पूछताछ के बाद रात भर अलग-अलग स्थानों पर छापा मारकर 22 बंदूके जब्त की. पुलिस अधीक्षक केसर सिंह शेखावत ने इस पूरे प्रकरण में 100 से अधिक बंदूकों के लाइसेंस जारी होने की आशंका जताते हुए बताया कि बांसवाड़ा डीवाईएसपी अनिल मीणा के नेतृत्व में गढ़ी अरथुना आनंदपुरी लोहारिया और सदर थाना अधिकारियों की एक विशेष टीम बनाई गई है, जो मामले की पड़ताल कर रही है.

2013 के बाद एक भी लाइसेंस नहीं

एसडीएम कार्यालय की ओर से वर्ष 2013 के बाद टोपीदार बंदूक का एक भी लाइसेंस जारी नहीं किया गया, लेकिन उन एसडीएम के हस्ताक्षरओं से 100 से भी ज्यादा लाइसेंस जारी कर दिए गए. तत्कालीन एसडीएम प्रभु दयाल शर्मा और पूजा पार्थ के नाम से फर्जी सील बनाए जाने की आशंका से भी इनकार नहीं किया जा सकता.

गन हाउस की सूचना पर खुला मामला

उदयपुर के गन हाउस में एक के बाद एक बड़ी संख्या में टोपीदार बंदूक के खरीददारों के पहुंचने का क्रम शुरू हो गया. अनुज्ञा पत्र में कुछ कमियां रहने और एकाएक टोपीदार बंदूक हासिल करने वालों की संख्या बढ़ने पर गन हाउस संचालक को शक हुआ और उसने एसडीएम रामचंद्र खटीक को इसकी सूचना दी. एसडीएम खटीक ने जांच कराई तो पता चला कि गढ़ी एसडीएम कार्यालय से एक भी लाइसेंस जारी नहीं हुआ है.

पढ़ें: अलवरः लड़की के अपहरण की कोशिश करने वाले 4 आरोपी गिरफ्तार

उन्होंने कलेक्टर कैलाश बेरवा और एसपी केसर सिंह शेखावत को इस बारे में जानकारी दी. इस पर एडीएम नरेश बुनकर, एसपी शेखावत पुलिस बल के साथ एसडीएम ऑफिस पहुंचे. थाना प्रभारी गोविंद सिंह राजपुरोहित ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है और अब तक 22 टोपीदार बंदूक के जब्त की जा चुकी है. प्रकाश को गिरफ्तार कर लिया गया है. संदेह के आधार पर उसके कुछ साथियों को भी हिरासत में लिया गया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.