बांसवाड़ा. राज्य सरकार एक बार फिर आदिवासी वर्ग के लोगों को रोडवेज के जरिए विशेष सौगात देने जा रही है. उदयपुर संभाग के राजसमंद और प्रतापगढ़ को छोड़कर सभी डिपो (आगार) जनजाति वर्ग के यात्रियों को किराए में एक चौथाई राशि की छूट देगी. सिरोही, आबूरोड और फालना आगार भी योजना में शामिल किए गए हैं. इस संबंध में रोडवेज के संबंधित कर्मचारियों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं. साथ ही प्रबंधन अधिकाधिक लोगों को इसका फायदा दिलाने के प्रयासों में जुट गया है.
हालांकि, फरवरी में ही यह प्रावधान कर दिया गया था लेकिन कोरोना के कारण मार्च में लॉकडाउन घोषित कर दिया गया और करीब 3 महीने तक बसों का संचालन बंद रहा. अब धीरे-धीरे कर रोडवेज पटरी पर आ गई तो रोडवेज प्रबंधन की ओर से संबंधित डिपो को इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए.
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7 डिपो दायरे में...
राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम की ओर से योजना के अंतर्गत 7 आगार शामिल किए गए हैं. इनमें उदयपुर संभाग के डूंगरपुर, बांसवाड़ा, उदयपुर, चित्तौड़गढ़ के अलावा निकटवर्ती सिरोही, आबू रोड और फालना डिपो सम्मिलित है.
साधारण बसों में मिलेगी राहत
25 फीसदी किराए में छूट इन डिपो की साधारण बसों में ही उपलब्ध रहेगी. अन्य कैटेगरी की बसों में पूरा किराया देना होगा. अधिकांश साधारण बसों का संचालन जिलों के विभिन्न ग्रामीण रूट पर ही किया जा रहा है. ऐसे में संबंधित जिलों में गांव-कस्बों में कामकाज के लिए प्रतिदिन आने-जाने वाले लोगों को खासा लाभ मिलने की संभावना है.
4 में से दिखाना होगा एक दस्तावेज
इस योजना का फायदा लेने के लिए रोडवेज ने 4 दस्तावेज निर्धारित किए हैं. कोई भी व्यक्ति बस कंडक्टर या बुकिंग सेंटर पर चुनाव आयोग का फोटो पहचान पत्र, बीपीएल कार्ड राशन कार्ड या सक्षम अधिकारी की ओर से जारी जाति प्रमाण पत्र दिखाकर विशेष छूट हासिल कर सकेगा.
बांसवाड़ा आगार के मुख्य प्रबंधक रवि मेहरा के अनुसार जनजाति वर्ग का कोई भी व्यक्ति जरूरी दस्तावेज दिखाकर साधारण बस में विशेष छूट हासिल कर सकेगा. मुख्यालय के निर्देशानुसार हमने बुकिंग विंडो तथा चालक परिचालकों को दिशा निर्देश देते हुए पात्र लोगों को छूट देने के लिए पाबंद किया है.
रोडवेज की ओर आकर्षित होंगे लोग
इस रियायत के जरिए जनजाति वर्ग के लोगों के रोडवेज की ओर आकर्षित होने की संभावना है. वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्र के अधिकांश रूट पर निजी बसों का कब्जा है. निजी बसों का किराया भी अपेक्षाकृत अधिक है. ऐसे में रोडवेज को ग्रामीण क्षेत्र का यात्री भार बढ़ने की उम्मीद है.