बांसवाड़ा. उदयपुर रोड स्थित चिड़िया वासा क्षेत्र में गुरुवार को शटडाउन लेने के बाद लाइनमैन नटवर लाल यादव फाल्ट सही करने को खंभे पर चढ़ा था, लेकिन अचानक सप्लाई शुरू हो गई, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई. वहीं, इसको लेकर तकनीकी कर्मचारियों ने अधीक्षण अभियंता के कार्यालय का घेराव कर दिया. वहीं, प्रबंधन के साथ वार्ता में कोई नतीजा नहीं निकला. ऐसे में कर्मचारी शाम तक जमे रहे.
दरअसल, गुरुवार को चिड़िया वासा क्षेत्र में शटडाउन लेने के बाद लाइनमैन नटवर लाल यादव फाल्ट सही करने को खंभे पर चढ़ा था. लेकिन, अचानक सप्लाई शुरू हो गई और नटवरलाल खंबे पर ही चिपक गया. इसके विरोध में ग्रामीणों ने राजमार्ग जाम कर दिया. ग्रामीण अधिकारियों को मौके पर बुला रहे थे. यह मामला ठंडा भी नहीं पड़ा की कर्मचारियों का गुस्सा उबल गया और शुक्रवार को बड़ी संख्या में तकनीकी कर्मचारी अधीक्षण अभियंता ऑफिस पहुंच गए. यहां तकनीकी कर्मचारी संगठनों के नेता भी पहुंच गए और मृत कर्मचारी को न्याय दिलाने सहित ठेका कर्मचारियों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराते हुए ठेका प्रथा को बंद करने के समर्थन में जमकर नारेबाजी की गई.
शाम करीब 4 बजे तकनीकी विद्युत कर्मचारी एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष भगवती लाल डिंडोर सहित संगठन के नेता वार्ता के लिए पहुंचे. अधिशासी अभियंता कमलेंद्र खोइवाल ने उनके साथ वार्ता की, लेकिन कर्मचारी अपनी मांगों पर तत्काल फैसला चाह रहे थे. अधिशासी अभियंता ने शनिवार को अधीक्षण अभियंता आरआर खटीक के साथ वार्ता का ऑफर दिया. उधर, बाहर बैठे कर्मचारी इसके लिए तैयार नहीं हैं और बैठक तक डटे रहने का ऐलान किया है.
वहीं, कर्मचारियों के रोष को देखते हुए निगम प्रबंधन भी घबरा गया और अंततः अधिशासी अभियंता ने बाहर आकर कर्मचारियों को शनिवार को बैठक रखे जाने की सूचना दी. साथ ही सकारात्मक रुख अपनाए जाने का भी आश्वासन दिया. इसके बाद कर्मचारी अपने अपने सत्र के लिए रवाना हो गए. तकनीकी कर्मचारी संगठन के जिलाध्यक्ष डिंडोर के अनुसार नटवर लाल यादव की मौत का कारण ठेका कर्मी ही रहे हैं. ठेका प्रथा को निगम से खत्म किया जाए, साथ ही तकनीकी कर्मचारियों को ऑफिस की बजाए फील्ड में लगाया जाए.