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60 प्रतिशत कर्मचारियों की उम्र 50 से पार, 80 फीसदी ने थामा वीआरएस का दामन

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Published : Nov 30, 2019, 11:57 AM IST

घाटे तले दबा भारत संचार निगम लिमिटेड अब कर्मचारियों का भार कम करने की तैयारी में है. उसी के तहत 50 की उम्र पार कर चुके अधिकारी कर्मचारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का ऑप्शन दे रहा है.

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बीएसएनएल दे रहा अपने कर्मचारियों को वीआरएस का ऑप्शन

बांसवाड़ा. घाटे में चल रहा बीएसएनएल 50 की उम्र पार कर चुके अपने अधिकारी-कर्मचारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का ऑप्शन दे रहा है. यदि अगले महीनों में आपको बीएसएनल ऑफिसों में पुराने कर्मचारी नजर नहीं आए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी. 50 साल से अधिक उम्र के 80 प्रतिशत कर्मचारियों ने केंद्र सरकार के इस ऑप्शन को मंजूर कर लिया है.

बीएसएनएल दे रहा अपने कर्मचारियों को वीआरएस का ऑप्शन

वहीं डूंगरपुर और बांसवाड़ा जिले के सर्कल पर नजर डालें तो फिलहाल यहां बीएसएनल का कामकाज 149 कर्मचारी अधिकारी संभाल रहे हैं. इनमें सर्वाधिक लाइनमैन है, जिनके लिए लैंडलाइन काम खत्म होने के साथ संचार निगम में कोई काम नहीं रहा. इनकी संख्या दोनों ही जिलों में सर्वाधिक है.

निगम सूत्रों की माने तो सरकार यह ऑप्शन इस प्रकार के कर्मचारियों के सैलरी प्रेशर को कम करने के लिए लाई है. अमूमन यह कर्मचारी 50 की उम्र पार कर चुके हैं. इन कर्मचारियों को यह योजना सबसे ज्यादा भायी है. अब तक के आंकड़े बताते हैं कि 75 से अधिक कर्मचारियों ने वीआरएस स्कीम को थाम लिया है. कुल 149 कर्मचारी अधिकारियों में से 90 से अधिक कर्मचारी 50 से लेकर 60 वर्ष के उम्र के बीच आ रहे हैं. जिनमें से 80% अब तक वीआरएस ऑप्शन के लिए अप्लाई कर चुके हैं.

यह भी पढ़ेंः जेल में लॉरेंस और जगला गुट के बंदी भिड़े...

कुल मिलाकर अब तक 75 कर्मचारियों ने इसके लिए अप्लाई किया है. 4 नवंबर से 3 दिसंबर तक वीआरएस के लिए अप्लाई किया जा सकेगा. ऐसे में संख्या 90 से पार होने की संभावना जताई जा रही है.

आउटसोर्सिंग का विकल्प..

पता चला है कि करीब 50 प्रतिशत कर्मचारियों द्वारा ऑप्शन अप्लाई के चलते निगम की सेवाएं लड़खड़ा सकती है. इसे देखते हुए उच्चाधिकारियों द्वारा अभी से इसके विकल्प की तलाश शुरू कर दी गई है. सभी जिलाधिकारियों से पिछले दिनों इस संबंध में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विकल्प मांगे गए. अधिकांश अधिकारियों ने इसके लिए आउटसोर्सिंग को एक विकल्प बताया. साथ ही आउटसोर्सिंग की व्यवस्था होने तक अनुभवी पूर्व कर्मचारियों के जरिए काम चलाए जाने का विकल्प सुझाया गया.

यह भी पढ़ेंः तेलंगाना के शमशाबाद में एक और महिला का जला हुआ शव मिला

संभवत बीएसएनएल आउटसोर्सिंग के जरिए ही अब अपना अगला काम चलाएगा. इस पर काफी हद तक एक राय हो चुकी है. टेलीकॉम डिस्टिक मैनेजर पीके टेलर के अनुसार दोनों ही जिलों में वीआरएस अप्लाई करने वालों की संख्या 50 प्रतिशत तक पहुंच चुकी है और 3 दिसंबर तक यह संख्या और भी बढ़ने की संभावना है. इसके बदले आउटसोर्सिंग से काम चलाए जाने का विकल्प अपनाया जा सकता है. फिलहाल, हमारी नजरें इसके बाद सेवाओं को सुचारू रखने पर टिकी है.

बांसवाड़ा. घाटे में चल रहा बीएसएनएल 50 की उम्र पार कर चुके अपने अधिकारी-कर्मचारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का ऑप्शन दे रहा है. यदि अगले महीनों में आपको बीएसएनल ऑफिसों में पुराने कर्मचारी नजर नहीं आए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी. 50 साल से अधिक उम्र के 80 प्रतिशत कर्मचारियों ने केंद्र सरकार के इस ऑप्शन को मंजूर कर लिया है.

बीएसएनएल दे रहा अपने कर्मचारियों को वीआरएस का ऑप्शन

वहीं डूंगरपुर और बांसवाड़ा जिले के सर्कल पर नजर डालें तो फिलहाल यहां बीएसएनल का कामकाज 149 कर्मचारी अधिकारी संभाल रहे हैं. इनमें सर्वाधिक लाइनमैन है, जिनके लिए लैंडलाइन काम खत्म होने के साथ संचार निगम में कोई काम नहीं रहा. इनकी संख्या दोनों ही जिलों में सर्वाधिक है.

निगम सूत्रों की माने तो सरकार यह ऑप्शन इस प्रकार के कर्मचारियों के सैलरी प्रेशर को कम करने के लिए लाई है. अमूमन यह कर्मचारी 50 की उम्र पार कर चुके हैं. इन कर्मचारियों को यह योजना सबसे ज्यादा भायी है. अब तक के आंकड़े बताते हैं कि 75 से अधिक कर्मचारियों ने वीआरएस स्कीम को थाम लिया है. कुल 149 कर्मचारी अधिकारियों में से 90 से अधिक कर्मचारी 50 से लेकर 60 वर्ष के उम्र के बीच आ रहे हैं. जिनमें से 80% अब तक वीआरएस ऑप्शन के लिए अप्लाई कर चुके हैं.

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कुल मिलाकर अब तक 75 कर्मचारियों ने इसके लिए अप्लाई किया है. 4 नवंबर से 3 दिसंबर तक वीआरएस के लिए अप्लाई किया जा सकेगा. ऐसे में संख्या 90 से पार होने की संभावना जताई जा रही है.

आउटसोर्सिंग का विकल्प..

पता चला है कि करीब 50 प्रतिशत कर्मचारियों द्वारा ऑप्शन अप्लाई के चलते निगम की सेवाएं लड़खड़ा सकती है. इसे देखते हुए उच्चाधिकारियों द्वारा अभी से इसके विकल्प की तलाश शुरू कर दी गई है. सभी जिलाधिकारियों से पिछले दिनों इस संबंध में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विकल्प मांगे गए. अधिकांश अधिकारियों ने इसके लिए आउटसोर्सिंग को एक विकल्प बताया. साथ ही आउटसोर्सिंग की व्यवस्था होने तक अनुभवी पूर्व कर्मचारियों के जरिए काम चलाए जाने का विकल्प सुझाया गया.

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संभवत बीएसएनएल आउटसोर्सिंग के जरिए ही अब अपना अगला काम चलाएगा. इस पर काफी हद तक एक राय हो चुकी है. टेलीकॉम डिस्टिक मैनेजर पीके टेलर के अनुसार दोनों ही जिलों में वीआरएस अप्लाई करने वालों की संख्या 50 प्रतिशत तक पहुंच चुकी है और 3 दिसंबर तक यह संख्या और भी बढ़ने की संभावना है. इसके बदले आउटसोर्सिंग से काम चलाए जाने का विकल्प अपनाया जा सकता है. फिलहाल, हमारी नजरें इसके बाद सेवाओं को सुचारू रखने पर टिकी है.

Intro:बांसवाड़ा। घाटे तले दबा भारत संचार निगम लिमिटेड अब कर्मचारियों का भार कम करने की तैयारी में है। उसी के तहत 50 की उम्र पार कर चुके अधिकारी कर्मचारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का ऑप्शन दे रहा है। यदि अगले महीनों में आपको बीएसएनल ऑफिसों में पुराने कर्मचारी नजर नहीं आए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। 50 वर्ष से अधिक उम्र के 80% कर्मचारियों ने केंद्र सरकार के इस ऑप्शन को मंजूर कर लिया है।


Body:यदि डूंगरपुर और बांसवाड़ा जिले के सर्कल पर नजर डालें तो फिलहाल यहां बीएसएनल का कामकाज 149 कर्मचारी अधिकारी संभाल रहे हैं। इनमें सर्वाधिक लाइनमैन है जिनके लिए लैंडलाइन काम खत्म होने के साथ संचार निगम में कोई काम नहीं रहा। इनकी संख्या दोनों ही जिलों में सर्वाधिक है। निगम सूत्रों की माने तो सरकार यह ऑप्शन इस प्रकार के कर्मचारियों के सैलरी प्रेशर को कम करने के लिए लाई है। अमूमन यह कर्मचारी 50 की उम्र पार कर चुके हैं। इन कर्मचारियों को यह योजना सबसे ज्यादा भायी है। अब तक के आंकड़े बताते हैं कि 75 से अधिक कर्मचारियों ने वीआरएस स्कीम को थाम लिया है। कुल 149 कर्मचारी अधिकारियों में से 90 से अधिक कर्मचारी 50 से लेकर 60 वर्ष के उम्र के बीच आ रहे हैं जिनमें से 80% अब तक वेयर इस ऑप्शन के लिए अप्लाई कर चुके हैं।


Conclusion:कुल मिलाकर अब तक 75 कर्मचारियों ने इसके लिए अप्लाई किया है। 4 नवंबर से 3 दिसंबर तक वेयर इज के लिए अप्लाई किया जा सकेगा। ऐसे में संख्या 90 से पार होने की संभावना जताई जा रही है।

आउटसोर्सिंग का विकल्प

पता चला है कि करीब 50% कर्मचारियों द्वारा ऑप्शन अप्लाई के चलते निगम की सेवाएं लड़खड़ा सकती है। इसे देखते हुए उच्चाधिकारियों द्वारा अभी से इसके विकल्प की तलाश शुरू कर दी गई है। सभी जिलाधिकारियों से पिछले दिनों इस संबंध में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विकल्प मांगे गए। अधिकांश अधिकारियों ने इसके लिए आउटसोर्सिंग को एक विकल्प बताया। साथ ही आउटसोर्सिंग की व्यवस्था होने तक अनुभवी पूर्व कर्मचारियों के जरिए काम चलाए जाने का विकल्प सुझाया गया। संभवत बीएसएनएल आउटसोर्सिंग के जरिए ही अब अपना अगला काम का चलाएगा। इस पर काफी हद तक एक राय हो चुकी है। टेलीकॉम डिस्टिक मैनेजर पीके टेलर के अनुसार दोनों ही जिलों में वीआरएस अप्लाई करने वालों की संख्या 50% तक पहुंच चुकी है और 3 दिसंबर तक यह संख्या और भी बढ़ने की संभावना है। इसके बदले आउटसोर्सिंग से काम चलाए जाने का विकल्प अपनाया जा सकता है। फिलहाल हमारी नजरें इसके बाद सेवाओं को सुचारू रखने पर टिकी है।

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