बांसवाड़ा. राज्य सरकार ने नगर परिषद के वार्डों में इजाफा करते हुए 45 से बढ़ाकर 60 कर दिए थे. उसी के अनुरूप नगर परिषद द्वारा सीमांकन कर उन पर आम जनता से आपत्तियां मांगी गई हैं. भाजपा जिला अध्यक्ष मनोहर त्रिवेदी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने जिला कलेक्टर को दिए ज्ञापन में राज्य सरकार की मंशा पर सवाल उठाया है.
ज्ञापन में कहा गया है कि वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार वर्ष 2014 में स्थानीय निकायों का परिसीमन किया गया था. लेकिन मात्र 5 साल में ही फिर से परिसीमन किया जाना राज्य सरकार की राजनीतिक लाभ उठाने की साजिश है. भाजपा के अनुसार एक-एक मोहल्ले को तीन-तीन हिस्सों में बांट दिया गया. जनसंख्या का निर्धारित मापदंड भी भुला दिया गया. इससे आने वाले समय में जनता की समस्याएं और बढ़ेंगी. सीटों के फिक्सेशन एवं नोटिफाइड किए बिना ही राजनीतिक लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से केवल फॉर्मूले के अनुसार वार्डों का परिसीमन किया गया है, जबकि 2011 की जनगणना के अनुसार 2014 में परिसीमन हो चुका है और उस समय भी 2011 की जनगणना के आधार पर परिसीमन किया गया था.
वहीं, अवैध तरीके से नगर पालिका के चुनाव 2019-2000 के लिए वर्तमान सरकार अवैध तरीके का सहारा ले रही है. शहर के अधिकांश भागों को इधर-उधर मिला दिया गया. इससे लोग काफी दुखी होंगे. प्रतिनिधिमंडल में शामिल नगर उपसभापति महावीर वोरा के अनुसार यह सिर्फ राजनीतिक लाभ प्राप्त करने के लिए रचा गया प्रपंच है. एक-एक गली मोहल्ले को 3-3 भागों में बांट दिया गया, जिसका फिलहाल कोई तुक नजर नहीं आता. हमने परिसीमन पर रोक लगाते पुराने वार्ड के आधार पर चुनाव कराने का आग्रह किया है.