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व्याख्याताओं की कमी को लेकर छात्रों ने कॉलेज गेट पर जड़ा ताला, अनिश्चितकालीन प्रदर्शन का किया ऐलान - Student sit-in demonstration

बांसवाड़ा में सोमवार को गोविंद गुरु राजकीय महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने कॉलेज पर ताला जड़ दिया और अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए. वहीं धरने पर बैठे छात्रों ने कहा कि जब तक उनकी मांग को पूरा नहीं किया जाता, तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा.

छात्रों का धरना-प्रदर्शन, Student sit-in demonstration
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Published : Nov 18, 2019, 1:04 PM IST

बांसवाड़ा. गोविंद गुरु राजकीय महाविद्यालय में व्याख्याताओं की कमी को लेकर छात्रों में भरा गुस्से का गुबार आखिरकार सोमवार को फूट पड़ा. सरकारी उपेक्षा के खिलाफ छात्र-छात्राओं ने कॉलेज पर ताला जड़ दिया और अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए. हालांकि प्रशासन द्वारा उन्हें समझाने का प्रयास किया गया, लेकिन आंदोलनकारी छात्र-छात्राएं डटे रहे और कहा कि जब तक उनकी मांग को पूरा नहीं किया जाता, तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा.

छात्रों ने कॉलेज गेट पर जड़ा ताला

उदयपुर संभाग के सबसे बड़े कॉलेज में करीब 7 हजार बच्चे अध्यनरत है. यहां कुल 109 व्याख्याताओं के पद स्वीकृत है, लेकिन उसके मुकाबले में वास्तविकता में 36 व्याख्याता भी नहीं है. ऐसे में बीते दिनों सरकार ने यहां से कुछ और व्याख्याताओं को डेपुटेशन पर अन्यत्र लगा दिया, जिसके चलते हजारों छात्र-छात्राओं का भविष्य चौपट हो रहा है.

पढ़ेंः जस्टिस एसए बोबडे ने 47वें CJI के तौर पर शपथ ली

छात्र संघ अध्यक्ष भवानी निनामा के नेतृत्व में प्रशासन को दो बार ज्ञापन भी दिया गया, लेकिन इन मांगों को लेकर कोई कदम नहीं उठाया गया. इसे लेकर छात्र-छात्राओं में भरा गुस्सा आखिरकार सोमवार को बाहर आ गया और कॉलेज खुलने से पहले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से संबद्ध छात्र-छात्राओं ने मुख्य प्रवेश द्वार पर ताला जड़ दिया. आक्रोशित छात्र-छात्राओं ने व्याख्याताओं को भी अंदर नहीं जाने दिया. प्रिंसिपल सरला पांड्या पहुंची तो उन्हें भी छात्रों ने घेर लिया और अपनी समस्या से अवगत कराया. प्रिंसिपल ने उनकी मांगों को वाजिब बताते हुए कॉलेज निदेशालय से टेलीफोन पर बातचीत की. जहां से उन्हें व्यवस्थाएं बनाए रखने को कहा गया.

प्रिंसिपल ने छात्र-छात्राओं को शीघ्र ही व्याख्याताओं की व्यवस्था कराए जाने का आश्वासन दिया, लेकिन छात्र-छात्राओं ने उनकी एक नहीं सुनी. इस धरना को देखते हुए मौके पर भारी पैमाने पर पुलिस बल पहुंचा.

पढ़ेंः स्पेशल: भोर बनारस, प्रयाग दोपहरी, शाम अवध और बुंदेलखंडी रात को समेटने वाली 'गुलाबी नगरी' हुई 292 साल की

जिला प्रशासन द्वारा प्रतिनिधि के तौर पर तहसीलदार को भेजा गया. जिन्होंने छात्र-छात्राओं को समझाने का प्रयास किया, लेकिन विद्यार्थी टस से मस नहीं हुए. वहीं उन्होंने मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री के खिलाफ नारेबाजी भी की.

छात्र संघ अध्यक्ष निनामा ने छात्र-छात्राओं से पूछा कि जब तक मांग पूरी नहीं हो जाए तब तक वह यहां बैठे रहने को तैयार है. ऐसे में विद्यार्थियों की स्वीकृति सुनकर छात्र संघ अध्यक्ष ने व्याख्याताओं की व्यवस्था नहीं होने तक डटे रहने का एलान किया. निनामा ने कहा कि यह मांग हमारी लंबे समय से चल रही है, लेकिन प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है. इसलिए धरना प्रदर्शन का कदम उठाना पड़ा.

पढ़ेंः बीकानेर में बस और ट्रक में भीषण भिड़ंत, 11 की मौत, 20 से अधिक जख्मी

वहीं प्रिंसिपल सरला पांड्या के अनुसार वाकई विद्यार्थियों की मांग वाजिब है और हमारे यहां एक तिहाई व्याख्याता भी नहीं है. ऐसे में छात्र-छात्राओं का इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. हमने छात्रों की मांग को आगे पहुंचा दिया है.

बांसवाड़ा. गोविंद गुरु राजकीय महाविद्यालय में व्याख्याताओं की कमी को लेकर छात्रों में भरा गुस्से का गुबार आखिरकार सोमवार को फूट पड़ा. सरकारी उपेक्षा के खिलाफ छात्र-छात्राओं ने कॉलेज पर ताला जड़ दिया और अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए. हालांकि प्रशासन द्वारा उन्हें समझाने का प्रयास किया गया, लेकिन आंदोलनकारी छात्र-छात्राएं डटे रहे और कहा कि जब तक उनकी मांग को पूरा नहीं किया जाता, तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा.

छात्रों ने कॉलेज गेट पर जड़ा ताला

उदयपुर संभाग के सबसे बड़े कॉलेज में करीब 7 हजार बच्चे अध्यनरत है. यहां कुल 109 व्याख्याताओं के पद स्वीकृत है, लेकिन उसके मुकाबले में वास्तविकता में 36 व्याख्याता भी नहीं है. ऐसे में बीते दिनों सरकार ने यहां से कुछ और व्याख्याताओं को डेपुटेशन पर अन्यत्र लगा दिया, जिसके चलते हजारों छात्र-छात्राओं का भविष्य चौपट हो रहा है.

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छात्र संघ अध्यक्ष भवानी निनामा के नेतृत्व में प्रशासन को दो बार ज्ञापन भी दिया गया, लेकिन इन मांगों को लेकर कोई कदम नहीं उठाया गया. इसे लेकर छात्र-छात्राओं में भरा गुस्सा आखिरकार सोमवार को बाहर आ गया और कॉलेज खुलने से पहले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से संबद्ध छात्र-छात्राओं ने मुख्य प्रवेश द्वार पर ताला जड़ दिया. आक्रोशित छात्र-छात्राओं ने व्याख्याताओं को भी अंदर नहीं जाने दिया. प्रिंसिपल सरला पांड्या पहुंची तो उन्हें भी छात्रों ने घेर लिया और अपनी समस्या से अवगत कराया. प्रिंसिपल ने उनकी मांगों को वाजिब बताते हुए कॉलेज निदेशालय से टेलीफोन पर बातचीत की. जहां से उन्हें व्यवस्थाएं बनाए रखने को कहा गया.

प्रिंसिपल ने छात्र-छात्राओं को शीघ्र ही व्याख्याताओं की व्यवस्था कराए जाने का आश्वासन दिया, लेकिन छात्र-छात्राओं ने उनकी एक नहीं सुनी. इस धरना को देखते हुए मौके पर भारी पैमाने पर पुलिस बल पहुंचा.

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जिला प्रशासन द्वारा प्रतिनिधि के तौर पर तहसीलदार को भेजा गया. जिन्होंने छात्र-छात्राओं को समझाने का प्रयास किया, लेकिन विद्यार्थी टस से मस नहीं हुए. वहीं उन्होंने मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री के खिलाफ नारेबाजी भी की.

छात्र संघ अध्यक्ष निनामा ने छात्र-छात्राओं से पूछा कि जब तक मांग पूरी नहीं हो जाए तब तक वह यहां बैठे रहने को तैयार है. ऐसे में विद्यार्थियों की स्वीकृति सुनकर छात्र संघ अध्यक्ष ने व्याख्याताओं की व्यवस्था नहीं होने तक डटे रहने का एलान किया. निनामा ने कहा कि यह मांग हमारी लंबे समय से चल रही है, लेकिन प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है. इसलिए धरना प्रदर्शन का कदम उठाना पड़ा.

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वहीं प्रिंसिपल सरला पांड्या के अनुसार वाकई विद्यार्थियों की मांग वाजिब है और हमारे यहां एक तिहाई व्याख्याता भी नहीं है. ऐसे में छात्र-छात्राओं का इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. हमने छात्रों की मांग को आगे पहुंचा दिया है.

Intro:बांसवाड़ा। यहां गोविंद गुरु राजकीय महाविद्यालय मैं व्याख्याताओं की कमी को लेकर छात्रों में भरा गुस्से का गुबार आखिरकार सोमवार को फट पड़ा। सरकारी उपेक्षा के खिलाफ छात्र छात्राओं ने कॉलेज पर ताला जड़ दिया और अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए। हालांकि प्रशासन द्वारा उन्हें समझाने का प्रयास किया लेकिन आंदोलनकारी छात्र छात्राएं डटे रहे और जब तक मांग को पूरा नहीं किया जाता प्रदर्शन जारी करने का ऐलान किया है।


Body:उदयपुर संभाग के सबसे बड़े कॉलेज में करीब 7000 बच्चे अध्यनरत है। यहां कुल 109 व्याख्याताओं के पद स्वीकृत है लेकिन उसके मुकाबले फिलहाल तीन दर्जन व्याख्याता भी नहीं है। गत दिनों सरकार ने यहां से कुछ और व्याख्याताओं को डेपुटेशन पर अन्यत्र लगा दिया जिससे हजारों छात्र-छात्राओं का भविष्य चौपट हो रहा है। छात्रसंघ अध्यक्ष भवानी निनामा के नेतृत्व में प्रशासन को दो बार ज्ञापन भी दिया गया लेकिन इन मांगों को लेकर कोई कदम नहीं उठाया गया। इसे लेकर छात्र-छात्राओं में भरा गुस्सा आखिरकार आज बाहर आ गया और कॉलेज खुलने से पहले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से संबद्ध छात्र छात्राओं ने मुख्य प्रवेश द्वार पर ताला जड़ दिया। आक्रोशित छात्र-छात्राओं ने व्याख्याताओं को भी अंदर नहीं जाने दिया। प्रिंसिपल सरला पांड्या पहुंची तो उन्हें भी छात्रों ने घेर लिया और अपनी समस्या से अवगत कराया। प्रिंसिपल ने उनकी मांगों को वाजिब बताते हुए कॉलेज निदेशालय से टेलीफोन पर बातचीत की जहां से उन्हें व्यवस्थाएं बनाए रखने को कहा गया।


Conclusion:प्रिंसिपल ने छात्र छात्राओं को शीघ्र ही व्याख्याताओं की व्यवस्था कराए जाने का आश्वासन दिया लेकिन छात्र-छात्राओं ने उनकी एक नहीं सुनी। मौके पर भारी पैमाने पर पुलिस बल पहुंच गया। जिला प्रशासन द्वारा प्रतिनिधि के तौर पर तहसीलदार को भेजा गया जिन्होंने छात्र छात्राओं को समझाने का प्रयास किया लेकिन विद्यार्थी टस से मस नहीं हुए और मुख्यमंत्री तथा शिक्षा मंत्री के खिलाफ नारेबाजी पर उतर गए। छात्रसंघ अध्यक्ष निनामा ने छात्र छात्राओं से पूछा कि जब तक मांग पूरी नहीं हो जाए तब तक वह यहां बैठे रहने को तैयार है। विद्यार्थियों की स्वीकृति सुनकर छात्रसंघ अध्यक्ष ने व्याख्याताओं की व्यवस्था नहीं होने तक डटे रहने का एलान किया। निनामा ने कहा कि यह मांग हमारी लंबे समय से चल रही है लेकिन प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है इसलिए धरना प्रदर्शन का कदम उठाना पड़ा। प्रिंसिपल सरला पांड्या के अनुसार वाकई विद्यार्थियों की मांग वाजिब है और हमारे यहां एक तिहाई व्याख्याता भी नहीं है ऐसे में छात्र छात्राओं का इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। हमने छात्रों की मांग को आगे पहुंचा दिया है।

बाइट..... भवानी निनामा अध्यक्ष छात्र संघ
सरला पांड्या प्रिंसिपल गोविंद गुरु राजकीय महाविद्यालय बांसवाड़ा
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