बांसवाड़ा. मोदी मैजिक ने ऐसा जादू बिखेरा कि एक बार फिर कांग्रेस चारों खाने चित्त हो गई. लगातार दूसरी बार कांग्रेस ने राजस्थान में सभी 25 सीटें खो दी. लोकसभा क्षेत्र बांसवाड़ा से भाजपा के कनक मल कटारा भारी मतों से जीतने में कामयाब रहे. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के ताराचंद भगोरा को 3,05,464 मतों के बड़े अंतराल से पराजित किया.
जिला निर्वाचन अधिकारी आशीष गुप्ता ने गुरुवार देर शाम उन्हें निर्वाचन प्रमाण पत्र जारी किया. हालांकि दिन भर मतगणना प्रक्रिया चलती रही और कुछ राउंड में उतार-चढ़ाव भी देखे गए लेकिन विधानसभा वार कटारा कांग्रेस के भगोरा को हर समय मात देते नजर आए. स्थिति यह रही कि भगोरा के मुकाबले नई पार्टी भारतीय ट्राइबल पार्टी ओर अधिक प्रभावी नजर आई.
बांसवाड़ा लोकसभा क्षेत्र में डूंगरपुर की 3 विधानसभा डूंगरपुर सागवाड़ा और चौरासी शामिल है. कुल मिलाकर इस लोकसभा क्षेत्र में 8 विधानसभा सम्मिलित है. इनमें से एक भी विधानसभा सीट ऐसी नहीं रही जहां पर कांग्रेस प्रत्याशी भगोरा भाजपा के कनक पल कटारा के विजय रथ को रोक पाए. हर विधानसभा क्षेत्र में भगोरा भाजपा के कटारा के मुकाबले नंबर दो से आगे नहीं बढ़ पाए.
भगोरा के मुकाबले नई पार्टी बीटीपी ओर भी अधिक प्रभावशाली नजर आई जिसने चौरासी विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के कटारा को पटखनी दी. यहां कटारा ने 54,154 मत लाए जबकि बीटीपी के कांतिलाल रोत ने 56,152 मतों के साथ उनसे आगे रहे. डूंगरपुर के सागवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में बीटीपी विधानसभा चुनाव के नतीजों को दोहरा नहीं पाई और कटारा के मुकाबले 22,531 मतों से पिछड़ गई. यहां कांग्रेस 27,114 मतों के साथ तीसरे स्थान पर रही.
कांग्रेस प्रत्याशी भगोरा इन आठ विधानसभा क्षेत्रों में से एक में भी अपनी बढ़त नहीं बना पाए और भाजपा प्रत्याशी कटारा के हाथों बुरी तरह से पराजित हुए. हालत यह थी कि घाटोल में भाजपा 1,25,316 तो कांग्रेस को मात्र 56,920 मतदाताओं का समर्थन हासिल हुआ. वहीं गढ़ी में कटारा को 1,17,811 मत मिलें जबकि कांग्रेस को 46,525 मत मिले.
बांसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी को 1,24,213 मत मिले तो कांग्रेस 60,920 पर ही अटक गई. मोदी की इस आंधी में इस बार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और बागीदौरा से तीसरी बार विधायक चुने गए महेंद्र जीत सिंह मालवीय भी पार्टी को बढ़त नहीं दिला पाए और यहां से भाजपा को 9 हजार से अधिक मतों से बढ़त मिली. वहीं कुशलगढ़ से निर्दलीय चुनी गई रमिला खड़िया अपने प्रभाव को कायम नहीं रख पाई. कुल मिलाकर कांग्रेस विधानसभा चुनाव परिणामों को भी मेंटेन नहीं रख पाई और बांसवाड़ा, कुशलगढ़, डूंगरपुर, बागीदौरा, सिरोही विधानसभा में भाजपा के आगे पस्त नजर आई.