बांसवाड़ा. जिले के दोनों कॉलेजों छात्रसंघ चुनाव की मतगणना के दौरान चौंकाने वाली बात सामने आई. 10 से 15 फीसदी छात्रों के मत किसी न किसी कारण खारिज कर दिए गए. इसमें आश्चर्यजनक पहलू यह है कि मतदान से पहले छात्र-छात्राओं को बकायदा कॉलेज प्रबंधन द्वारा प्रशिक्षण भी दिया गया था. इसके बावजूद बड़ी संख्या में मतों का खारिज होना चिंताजनक माना जा रहा है.
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हरिदेव जोशी राजकीय कन्या महाविद्यालय के चुनाव पर नजर डालें तो यहां 1732 में से 1117 मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया. अध्यक्ष पद के मतदान से 81 मत खारिज किए गए. इसी प्रकार उपाध्यक्ष पद के लिए 138 महासचिव पद के लिए141 और संघ सचिव पद के लिए सबसे अधिक 173 मत खारिज किए गए.
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वहीं उदयपुर संभाग के सबसे बड़े गोविंद गुरु राजकीय महाविद्यालय के छात्र संघ चुनाव के मतदान को देखें तो कुल 6700 से अधिक मतदाताओं में से 3998 ने मतदान किया. लेकिन यहां पर भी बड़ी संख्या में मतदाता मत देने की प्रक्रिया से अनजान नजर आए. अध्यक्ष पद पर 214, महासचिव पद पर 363, संयुक्त सचिव पद पर 361 और उपाध्यक्ष पद के लिए सबसे अधिक 375 मत खारिज किए गए.
मत खारिज न होते तो परिणाम कुछ और होता
दोनों ही महाविद्यालय में कई पदाधिकारी खारिज हुए वोटों की संख्या से कम अंतर से जीत पाए. मतदाता सही तरीके से मतदान करते तो शायद छात्रसंघ चुनाव के परिणाम कुछ और होते. कन्या महाविद्यालय में संयुक्त सचिव पद के लिए सुषमा कुमारी 138 वोट से जीत पाई जबकि इस पद पर 173 मत खारिज हुए. इसी प्रकार गोविंद गुरु कॉलेज में संयुक्त सचिव पद पर शकुंतला गणावा 264 वोट से जीतने में कामयाब रही जबकि इस पद के लिए 361 वोट निरस्त किए गए.