बांसवाड़ा. किसी कि मदद करने की बात कोई ठान ले व सामने वाले को मदद करने की दृढ़ इच्छा मन मे हो तो कोई जाति धर्म को नहीं देखा जाता. इसी का उदाहरण बागीदौरा में इन दिनों देखा जा रहा है. बागीदौरा के एक मुस्लिम परिवार द्वारा रामदेवरा जाने आने वाले श्रद्धालुओं के लिए राम रसोड़े का संचालन किया जा रहा है. उसके पीछे उनका एक ही मकसद है कि सेवा भावना में कोई धर्म नही देखा जाता चाहे वह किसी भी समाज या धर्म का हो.
यह मुस्लिम परिवार आज कई वर्षो से इस राम रसोड़े का संचालन कर मानवता की मिसाल कायम कर रहा है. कुशलगढ़ से गढ़ी के बीच बागीदौरा के अलावा एक भी राम रसोड़ा नहीं है. ऐसे में रामदेवरा जाने आने वाले भक्तों के लिए यह किसी उपहार से कम नही है. बागीदौरा के इस राम रसोड़े में प्रतिदिन आठ से हजार श्रद्धालु पहुंचे है.
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मुस्लिम परिवार के अंसार मोहम्मद का मानना है कि उन्हें इस तरह की सेवा करने से बहुत ही खुशी मिलती है, सेवा भाव मे कभी जाति धर्म को नही देखा जाता है. अंसार मोहम्मद हमेशा से ही सेवा कार्यो में अग्रणी रहते है जो कि किसी समाज धर्म को नही देखते है. इन्हें सहयोग के लिए बागीदौरा के समस्त लोग आगे आते है जिनमें अमरेंग भाई, भारता भाई, अकबर भाई, नरबु भाई, दिनेश भाई, सका भाई का विशेष सहयोग रहता है.