बांसवाड़ा. जिले के उदयपुर रोड पर क्षत्रिय समाज नगर परिषद के सहयोग से वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की 16 फीट ऊंची धातु की प्रतिमा स्थापित करने जा रहा है. फिलहाल ग्वालियर से मूर्ति आने के बाद प्रताप सर्किल पर स्थापित भी कर दिया गया है. अब बेस स्थापना का काम चल रहा है, जो अंतिम चरण में पहुंच गया है. क्षत्रिय समाज नवरात्र में इस विशाल प्रतिमा के अनावरण की तैयारी कर रहा है.
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संभवत बांसवाड़ा शहर में ये सबसे ऊंची प्रतिमा होगी. 2200 किलोग्राम वजनी ये प्रतिमा पूरी तरह से धातु की बनी है. 61 फीसदी हिस्सा कांसे का है. इसके अतिरिक्त 29 फीसदी जस्ता, 5-5 फीसदी लेड और टीन से मूर्ति को और मजबूती मिलेगी. जिले के प्रताप सर्किल पर इसके लिए नगर परिषद बेस निर्माण का काम कर रही है. बेस निर्माण का कार्य लगभग अंतिम चरण में है. इसकी सबसे बड़ी खासियत ये है कि बेस पर प्रतिमा स्थापना होने के बाद ये चौराहे के चारों मार्गों से करीब 200 मीटर दूर से ही दिखाई देगी.
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इसकी पूरी डिजाइनिंग मुंबई के आर्किटेक्चर से करवाई गई है. वहीं, कोरोना के चलते मूर्ति को बांसवाड़ा लाने में दिक्कत आ रही थी. लेकिन, सरकार से कुछ रियायत मिलने के बाद क्षत्रिय समाज द्वारा विशाल प्रतिमा बांसवाड़ा मंगवा ली गई. इस प्रतिमा को क्रेन के जरिए बेस पर स्थापित कर दिया गया है.
क्षत्रिय महासभा बांसवाड़ा के जिला अध्यक्ष राजेंद्र सिंह आनंदपुरी ने बताया कि नगर परिषद द्वारा निर्माण कार्य किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि प्रयास है कि कोरोना का प्रकोप कुछ कम होने पर नवरात्र में राष्ट्रीय स्तर का समारोह आयोजित कर इसका अनावरण किया जाएगा.
ग्वालियर के मूर्तिकार ने बनाई प्रतिमा
पिछले साल जुलाई में एक मनचले द्वारा प्रताप सर्किल पर प्रताप की प्रतिमा को खंडित कर दिया गया था. इस घटना को लेकर क्षत्रिय समाज के लोगों में काफी रोष था. लेकिन, प्रशासन का सहयोग करते हुए क्षत्रिय समाज ने ही एकजुटता दिखाते हुए प्रतिमा का खर्च वहन करने का निर्णय किया. काफी खोजबीन के बाद ग्वालियर के प्रख्यात मूर्तिकार प्रभात राय से संपर्क साधा गया, उन्होंने करीब आधी राशि 22 लाख रुपये में प्रतिमा तैयार करने पर अपनी सहमति जताई और कोरोना पीरियड में प्रतिमा तैयार कर पिछले सप्ताह बांसवाड़ा भिजवा दिया.