मालाखेड़ा (अलवर). मालाखेड़ा उपखंड में नगरियों के तिवारे के समीप दो बाइकों की भिड़ंत में एक युवक की दर्दनाक मौत हो गई. दरअसल, बाइक की टक्कर के बाद मृतक की मोटर साइकिल काफी दूर घसीटते हुए चली गई और जिससे मृतक का हेलमेट भी टूट गया. मृतक के दाह संस्कार के लिए श्मशान घाट तक लकड़ी से भरा हुआ ट्रैक्टर-ट्रॉली रास्ता नहीं होने के कारण घंटों सड़क पर खड़ा रहा. बाद में प्रशासन की ओर से भेजे गए पटवारी की समझाइश से कटीले तारों को हटवाकर ट्रैक्टर को श्मशान घाट तक पहुंचाया गया.
दरअसल, यह मामला शनिवार सुबह का है, जब विजेन्द्र योगी अपनी बहन के यहां से फैक्ट्री में चौकीदारी के काम पर जाने के लिए निकला तो जमालपुर आते समय उसकी बाइक को दूसरे मोटर साइकिल के चालक ने टक्कर मार दी. ऐसे में उसकी बाइक काफी दूर घसीटते हुए चली गई और बाइक भी क्षतिग्रस्त हो गई. एक्सीडेंट के बाद दूसरा बाइक चालक मौके से भाग गया. सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने विजेन्द्र योगी को सरकारी अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. पुलिस ने पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया है.
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एएसआई विजेंद्र सिंह ने बताया विजेन्द्र योगी निवासी जमालपुर अपनी बहन बेरला के यहां से फैक्टरी पर जाने के लिए रवाना हुआ. विजेन्द्र योगी एक फैक्ट्री में चौकीदार का कार्य करता है और घर की माली हालत खराब है. विधवा माता सहित पांच बहनों में यही एक फैक्ट्री में चौकीदारा करके परिवार का पालन-पोषण करता था. जो फैक्ट्री में चौकीदारी पर जा रहा था. जहां एक मोटरसाइकिल में इसकी बाइक को टक्कर मार दी, जिससे उसकी मौत हो गई. सूचना पाकर अस्पताल में सरपंच हिम्मत सिंह चौधरी सहित उसके परिजन मांगीलाल, सुंदरलाल, हरिराम, मोहित, रमेश, राधेश्याम और एडवोकेट जनक सिंह पहुंचे. विधवा मां पुत्र के एक्सीडेंट की सूचना पाकर बेहोश हो गई. वहीं बहनों का भी रो रोकर बुरा हाल था, पूरे गांव में गमगीन माहोल हो गया.
दाह संस्कार के लिए श्मशान घाट में लकड़ियों से भरे ट्रैक्टर दो पक्षों के द्वारा खेतों की तारबंदी की वजह से श्मशान घाट तक नहीं पहुंचा, जिसकी सूचना मालाखेड़ा तहसीलदार अनुराग हरित को दी गई. उन्होंने मौके पर पटवारी हरि सिंह, ग्राम सचिव निर्देश कुमार, कानूनगो मुकेश कुमार चाबुक को भेजा. जिन्होंने नक्शा मौका देखा और लकड़ियों से भरे ट्रैक्टर को श्मशान तक भिजवाने के लिए खेत पर जगदीश सिंह से बातचीत की. जहां पटवारी की समझाइश से वह मान गए. मौके से लगाए हुए कटीले तार हटाए, तब जाकर लकड़ियों से भरे हुए ट्रैक्टर-ट्रॉली को श्मशान तक ले जाया गया. ग्रामीणों का कहना है कि श्मशान तक सही रास्ता नहीं है, जिसके चलते भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. जिला प्रशासन से ग्रामीणों ने स्थाई रास्ता दिलवाने की मांग की है.