अलवर. सरिस्का, रणथम्भौर और मुकुंदरा सहित प्रदेश के सभी राष्ट्रीय उद्यान और पार्कों को मानसून सीजन के दौरान 3 महीने के लिए बंद कर दिया गया है. हालांकि इसके बाद भी अलवर में लोग जंगल सफारी का आनंद ले सकते हैं. शहर के नजदीक बाला किला बफर जोन पर्यटकों की पहली पसंद बन रहा है. बफर जोन में चार बाघों की मूवमेंट है. साथ ही पैंथर, सांभर और चीतल सहित कई वन्यजीव यहां दिख जाते हैं.
इस जोन में होगी सफारी : बाला किला बफर जोन प्रभारी और रेंजर शंकर सिंह ने बताया कि 1 जुलाई से सरिस्का बंद हो गया है. 3 महीने के लिए मानसून सीजन के दौरान सरिस्का सहित प्रदेश के सभी टाइगर रिजर्व और उद्यानों को बंद कर दिया जाता है. इस बीच पर्यटक अलवर के बाला किला बफर जोन में सफारी का आनंद ले सकते हैं. बफर जोन में सफारी के दो रूट हैं, बाला किला और बारा लिवारी. बारा लिवारी रूट लंबा है, जो सिलीसेढ़ सहित आसपास के बाहरी क्षेत्र को भी कवर करता है.
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पर्यटकों को प्रतिदिन बाघ की साइटिंग : बाला किला बफर जोन में बाघ, पैंथर, सांभर, चीतल सहित कई वन्यजीवों का मूवमेंट है. इसके अलावा बाघ एसटी 18, 19 और उनके दो शावकों की मूवमेंट बफर जोन क्षेत्र में है. यहां आने वाले पर्यटकों को प्रतिदिन बाघ की साइटिंग हो रही है, इसलिए वन प्रेमी सफारी का आनंद लेने के लिए बाला किला बफर जोन में पहुंच रहे हैं.
सफारी का क्या है किराया : बाला किला रूट में सफारी के दौरान डेढ़ घंटे का समय लगता है. एक जिप्सी के लिए पर्यटकों को 1942 रुपए देने पड़ते हैं, जिसमें 6 लोग सफर कर सकते हैं. बारा लिवारी रूट में सफारी के दौरान 3 से 4 घंटे का समय लगता है. इसमें एक जिप्सी के लिए 6700 रुपए पर्यटकों को देने पड़ते हैं, जिसमें 6 पर्यटक एक जिप्सी में सफारी का आंनद ले सकते हैं.
कैसे बुक होती है सफारी : अलवर शहर के नजदीक प्रताप बंद पर वन विभाग की चौकी है. वहां काउंटर पर पर्यटक जिप्सी बुक करा सकते हैं. बारा लिवारी रूट पर घूमने के लिए सरिस्का के सीसीएफ ऑफिस के पास सफारी बुक होती है. साथ ही प्रताप बंद स्थित चौकी पर भी सफारी के लिए जिप्सी बुक हो सकती है. दोनों ही जगह अलवर शहर के परिसीमन में आती है. आने जाने में पर्यटकों को ज्यादा समय नहीं लगता है.
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बाघ और पैंथर के अलावा हैं कई प्रजातियां : वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बाला किला बफर जोन में बाघ, पैंथर के अलावा सांभर, चीतल, नीलगाय, हिरण सहित वन्यजीवों की कई प्रजातियां हैं, जिनका आनंद सफारी के दौरान पर्यटक ले सकते हैं. इसके अलावा विदेशी प्रजातियों के पक्षी भी बाला किला बफर जोन में विभिन्न जगहों पर नजर आते हैं.
भालू की साइटिंग के लिए करना पड़ेगा इंतजार : सरिस्का के अधिकारियों ने बताया कि भालू की साइटिंग के लिए लोगों को अभी इंतजार करना पड़ सकता है, क्योंकि भालू लगातार जंगल से बाहर निकल रहे हैं. ऐसे में कई बार भालू वन विभाग के क्षेत्र में पहुंच जाते हैं, इसलिए भालू की साइटिंग के लिए अलग से रूट बनाया जाएगा. इस पर लोग सफारी के दौरान भालू की साइटिंग कर सकेंगे.
बढ़ रही है पर्यटकों की संख्या : रेंजर शंकर सिंह ने बताया कि सरिस्का बंद होने से बफर जोन में पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है. प्रतिदिन बड़ी संख्या में पर्यटक सफारी का आनंद लेने के लिए बफर जोन में आ रहे हैं. यहां आने वाले पर्यटकों को बाघ की साइटिंग भी हो रही है. चार बाघों का मूवमेंट इसी क्षेत्र में है. इसके अलावा बाला किला बफर जोन में हरियाली, पहाड़ और जंगल हैं. यह क्षेत्र सभी को अपनी ओर आकर्षित करता है.