बहरोड़ (अलवर). बहरोड़ विधानसभा में पंचायत चुनाव का तीसरा चरण 29 जनवरी को है. सरपंच पद व पंच पद के लिए 22 जनवरी को नामांकन किया जाएगा. बहरोड़ की शेरपुर ग्राम पंचायत में कुल मतदाता 4 हजार से ऊपर है. इसमें पुरूष मतदातों की संख्या ढाई हजार और महिला मतदाताओं की संख्या 18 सौ है. सरपंच पद के लिए अब तक चार प्रत्याशी मैदान में है. पिछले 5 साल में शेरपुर ग्राम पंचायत में क्या विकास हुआ है. इसकी पोल गोकलपुर गांव की सड़कें साफ बयां कर रही है.
बहरोड़ उपखड़ के गोकलपुर गांव के ग्रामीण नरकीय जीवन जीने को मजबूर है. गांव में भरे गंदे पानी के कारण यहां के लोगों का जीना मुश्किल हो गया है. यह समस्या गांव में पिछले दो साल से बनी हुई है. या यूं कहे कि गांव की सबसे बड़ी समस्या यही है. गांव की महिलाओं ने बताया कि इस गंदे पानी और टूटी सड़क से रोजाना परेशानी का सामना करना पड़ता है. गांव की इस बदहाल सड़क से बच्चे, बूढ़े, महिलाएं निकलती है, जो कई बार इसका शिकार बन जाते है.
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आपको बता दे कि केंद्र सरकार की ओर से नाबार्ड योजना के तहत बहरोड़ से बानसूर तक इस सड़क का निर्माण होना है, लेकिन दो साल बाद भी यह बन नहीं पाई है और सड़क की हालत खस्ता हो चुकी है. पिछले दो साल से सड़क निर्माण कार्य रूका हुआ है. सड़क जगह-जगह उखड़ी हुई है, बड़े-बड़े गड्ढे हो गए है. जिससे वाहन चालकों को काफी परेसानी का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन दो साल बीत जाने के बाद भी यह सड़क निर्माण पूरा नहीं हो पाया है.
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सबसे बड़ी बात सामने आई कि सड़क निर्माण के दौरान मुख्य मार्ग को चौड़ा करना था. जिस पर रास्ते पर बने मकानों को तोड़ दिया गया, लेकिन गांव के लोगों को आज तक भी इसका मुआवजा नहीं मिल पाया है. जिससे मकान में रह रहे लोगों का जीवन दूभर हो गया है.