अलवर. अलवर का भिवाड़ी दिल्ली से भी ज्यादा प्रदूषित हो गया है. शहर गैस चेंबर बनता जा रहा है. भिवाड़ी में प्रदूषण का स्तर मानक से 3 गुना से अधिक पहुंच चुका है. दिल्ली के बाद अब भिवाड़ी में बढ़ते प्रदूषण से शासन और प्रशासन की चिंता बढ़ने लगी है. हालात बेकाबू होने के बाद प्रदेश सरकार की नींद टूटी है. सरकार ने अब आनन-फानन में प्रशासनिक अधिकारियों को प्रदूषण नियंत्रण करने के निर्देश दिए हैं.
ऐसे में भिवाड़ी में वाहनों के संचालन पर रोक लगा दी गई है. ईंट-भट्ठे व औद्योगिक इकाइयों को बंद कर दिया गया है. सड़कों की सफाई, हाई राइजिंग भवनों का निर्माण कार्य व अन्य कार्यों पर भी रोक लगाई गई है। ऐसे में दिल्ली के बाद देश का भिवाड़ी दूसरा शहर बन चुका है. जहां सरकार की तरफ से प्रदूषण का लॉकडाउन किया गया है. इसका सीधा प्रभाव आम आदमी के जीवन पर पड़ रहा है.
देश के टॉप 3 प्रदूशित शहरों में भिवाड़ी
भिवाड़ी देश के सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों की टॉप 3 लिस्ट में शामिल हो चुका है. हालात का पता इसी से लगाया जा सकता है कि भिवाड़ी में प्रदूषण का स्तर (Bhiwadi pollution level) दिल्ली से भी ज्यादा पहुंच गया है. गुरुवार सुबह भिवाड़ी में प्रदूषण का स्तर (Bhiwadi pollution level) pm10-404 UG दर्ज किया गया जबकि दिल्ली में pm10-343 UG दर्ज किया गया है. ऐसे में साफ है कि भिवाड़ी के हालात बेकाबू हो रहे हैं. हालात खराब होने के बाद प्रदेश सरकार प्रशासन की नींद टूटी है.
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सरकार के आदेश के बाद अलवर प्रशासन अब आनन-फानन में नए आदेश निकाल रहा है. यह आदेश आम लोगों और कारोबारियों के लिए परेशानी बन रहे हैं. जिला प्रशासन और सरकार ने शुरुआत में बढ़ते प्रदूषण पर कोई ध्यान नहीं दिया, लेकिन हालात खराब होने के बाद मनमाने आदेश जारी किए जा रहे हैं. ऐसे में व्यापारी और कारोबारी खासा परेशान हैं. क्योंकि भिवाड़ी और अलवर प्रदेश की औद्योगिक राजधानी है. पूरे जिले में सेल टैक्स विभाग के आंकड़ों के अनुसार 25 हजार के आसपास छोटी-बड़ी औद्योगिक इकाइयां हैं. भिवाड़ी के अलावा खुशखेड़ा, नीमराणा, चौपांकी, बहरोड़, शाहजहांपुर, तिजारा, अलवर, राजगढ़ सहित छोटे-बड़े 32 औद्योगिक क्षेत्र हैं.
बीते दिनों प्रदूषण पर एक नजर
भिवाड़ी में एक नवंबर को pm10- 260 UG, 2 नवंबर को 245, 3 नवंबर को 263, 4 नवंबर को 335, 5 नवंबर को 418, 6 नवंबर को 410, 7 नवंबर को 396 UG प्रदूषण का स्तर दर्ज हुआ. 8 नवंबर को प्रदूषण का स्तर pm10 - 409 UG दर्ज किया गया. इसी तरह से 9 नवंबर को 359, 10 नवंबर को 364, 11 नवंबर को 410, 12 नवंबर को 469, 13 नवंबर को 446, 14 नवंबर को 308, 15 नवंबर को 337 और 16 नवंबर को 373 UG PM10 दर्ज किया गया.
कितना रहना चाहिए प्रदूषण
प्रदूषण विभाग के नियमों के अनुसार pm10- 100 UG होना चाहिए, लेकिन भिवाड़ी में 400 UG से अधिक pm10 हो चुका है. ऐसे में साफ है कि प्रदूषण का स्तर 4 गुना से अधिक हो गया है. यह स्तर खतरनाक से भी ऊंचे स्तर पर पहुंच चुका है.
प्रदूषण से लोग होने लगे बीमार
भिवाड़ी में बढ़ते प्रदूषण के कारण बच्चों और बुजुर्गों को भी परेशानी होने लगी है. हवा में स्मोक के कारण अस्थमा के मरीजों को दिक्कत आ रही है. प्रदूषण के कारण अस्पतालों में होने वाली परेशानी से मरीजों की संख्या बढ़ रही है. लोगों को आंखों में जलन, चेहरे पर खुजली आंखें लाल रहना, खांसी आना, सांस लेने में दिक्कत होना सहित कई तरह की परेशानियां हो रही हैं. इसके अलावा लोगों को त्वचा संबंधित कई तरह की तरह की शिकायतें हो रही है.
कार चलाने के लिए बना नियम
भिवाड़ी में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए कार चलाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. यह आदेश शुक्रवार सुबह से लागू होगा. कंपनियों के निजी कार्यों के लिए गाड़ियां चल सकेंगी. इसके लिए प्रशासन की तरफ से नियम निर्धारित किए गए हैं. 5 सीटर गाड़ी में 5 लोग मौजूद रहेंगे. शेयरिंग कर लोगों को आने जाने की छूट रहेगी. अगर गाड़ी में कम लोग मिलेंगे तो चालान काटा जाएगा. कंपनियों को बसों का उपयोग करने के लिए कहा गया है. इसके अलावा भिवाड़ी से गुजरने वाले वाहनों को सरकार ने छूट दी है. भिवाड़ी में बढ़ते प्रदूषण को कंट्रोल में लाने के लिए 10 अधिकारियों को नियुक्त किया गया है. इसमें यूआईटी सचिव, बीड़ा के सीईओ, अलवर नगर परिषद व भिवाड़ी नगर परिषद के आयुक्त, नगर पालिका के ईओ, आरटीओ एसपी व सभी एसडीएम व अन्य अधिकारियों को अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई है.
कई के कटे चालान
जिला प्रशासन ने बढ़ते हुए प्रदूषण को देखते हुए भिवाड़ी में गाड़ी की क्षमता के अनुसार यात्री होने के आदेश दिए। सीट की क्षमता से कम सवारी होने पर चालान काटने के निर्देश दिए. प्रशासन के इस आदेश के बाद गुरुवार को भिवाड़ी में लोगों के चालान काटे गए. यह चालान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं तो वहीं प्रशासन के इस आदेश का लोग भी खासा विरोध कर रहे हैं. लोगों ने प्रशासन के इस आदेश को तुगलकी फरमान कहा है.
बहरोड़ प्रशासन हुआ अलर्ट
बहरोड़ में बढ़ते प्रदूषण को लेकर प्रशासन भी अलर्ट हो गया है. हरियाणा की और जाने वाले बड़े वाहनों पर रोक लगा दी गई है. दिल्ली सरकार के बाद हरियाणा में ट्रक, डंपरों का प्रवेश बंद कर दिया गया है. राजस्थान सरकार के आदेश पर वाहन चालकों को भी सख्त आदेश दिए गए हैं. कहा गया है कि या तो अपने ट्रक और डंपरों को घर पर रखें होटल व ढाबों पर खड़ी करें. प्रशासन ने आदेश दिए हैं कि कोई भी बड़े वाहन हाईवे पर खड़े न किए जाएं नहीं तो सख्त कार्रवाई होगी.