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रामगढ़ः श्मशान के रास्ते में भरा है कीचड़ का पानी, जनाजे में शामिल होने से घबराते है ग्रामीण...

अलवर के रामगढ़ स्थित खेड़ी गांव में किसी की मौत हो जाने पर ग्रामीणों को कीचड़ से भरे रास्ते से गुजर कर शव को श्मशान तक ले जाना पड़ता है. जिससे उन्हें कई तरह की परेशनियों का सामना करना पड़ता है. ग्रामीणों ने बताया कि कई बार इसकी शिकायत विकास अधिकारी से लेकर जिला परिषद के कार्यकारी अधिकारी तक की जा चुकी है. लेकिन आज तक इस समस्या पर कोई सुनवाई नहीं हुई है.

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Published : Nov 11, 2019, 4:45 AM IST

रामगढ़ (अलवर). जिले के रामगढ़ पंचायत समिति क्षेत्र के ग्राम पंचायत मुख्यालय खेड़ी में अगर किसी की मौत हो जाए तो वहां के ग्रामीण उनके जनाजे में शामिल होने से भी घबराते है. दरअसल बात ये है कि बीते कई वर्षों से शमशान के रास्ते में कीचड़ युक्त पानी भरा हुआ है. जिससे इस रास्ते पर आने-जाने वाले राहगीरों को जैसे-तैसे कर के रास्ता पार कर श्मशान तक पहुंचना पड़ता है. इसी कारण से लोग इस रास्ते पर जाना नहीं चाहते है.

खेड़ी गांव में श्मशान के रास्ते में भरा है कीचड़ का पानी

जानकारी के अनुसार इस रास्ते पर 3 वर्ष पहले ही 49 लाख रुपए की लागत से गौरव पथ का निर्माण होना था. लेकिन खेड़ी- बिलासपुर मार्ग की तरफ कच्चे रास्ते में लागत ज्यादा आने से गौरव पथ का निर्माण रामगढ़ रेलवे फाटक के तरफ बढ़ा दिया गया. जिसके चलते खेड़ी-बिलासपुर मार्ग को जोड़ने और शमशान जाने वाले करीब 200 मीटर लंबे रास्ते पर पक्का निर्माण नहीं हो पाया. यहीं कारण है कि इस रास्ते पर वर्ष भर गंदा पानी और कीचड़ जमा रहता है.

पढ़ेंः अयोध्या फैसला लोकतंत्र की आस्था की जीतः गजेंद्र सिंह शेखावत

बता दें कि शुक्रवार को गांव की 90 वर्षीय वृद्धा सोमोती पत्नी रतन लाल सैनी की मौत हो गई. जिससे परिवार वाले वृध्दा का शव यात्रा निकालना चाहते थे. लेकिन समस्या यह थी कि श्मशान के रास्ते को पार कैसे किया जाए. इस दौरान शव यात्रा निकालने से पहले गांव के कुछ लोग कीचड़ से भरे रास्ते का मुआयना करने के लिए उसमें उतरे. साथ ही ग्रामीण सुनिश्चित करना चाहते थे कि कीचड़ युक्त पानी के रास्ते में गड्ढे तो नहीं है ताकि कंधा देने वाले को चोट ना लगे और शव नीचे ना गिर जाए. वहीं रास्ते का जायजा लेने के बाद शव यात्रा निकाला गया और जैसे-तैसे रास्ता पार कर ग्रामीण शव को लेकर श्मशान पहुंचे.

पढ़ेंः राम मंदिर पर फैसला आने के बाद पुलिस अलर्ट, संवेदनशील इलाकों में ड्रोन कैमरे से रखी जा रही नजर

ग्रामीणों ने बताया कि कई बार इसकी शिकायत विकास अधिकारी से लेकर जिला परिषद के कार्यकारी अधिकारी तक की जा चुकी है. लेकिन आज तक गांव की इस समस्या पर कोई सुनवाई नहीं हुई. साथ ही इस रास्ते पर दोनों तरफ बने मकानों के मुख्य द्वार तक कीचड़ लगा रहता है. जिससे इस रास्ते पर शव ले जाना मौत को दावत देने जैसा है.

रामगढ़ (अलवर). जिले के रामगढ़ पंचायत समिति क्षेत्र के ग्राम पंचायत मुख्यालय खेड़ी में अगर किसी की मौत हो जाए तो वहां के ग्रामीण उनके जनाजे में शामिल होने से भी घबराते है. दरअसल बात ये है कि बीते कई वर्षों से शमशान के रास्ते में कीचड़ युक्त पानी भरा हुआ है. जिससे इस रास्ते पर आने-जाने वाले राहगीरों को जैसे-तैसे कर के रास्ता पार कर श्मशान तक पहुंचना पड़ता है. इसी कारण से लोग इस रास्ते पर जाना नहीं चाहते है.

खेड़ी गांव में श्मशान के रास्ते में भरा है कीचड़ का पानी

जानकारी के अनुसार इस रास्ते पर 3 वर्ष पहले ही 49 लाख रुपए की लागत से गौरव पथ का निर्माण होना था. लेकिन खेड़ी- बिलासपुर मार्ग की तरफ कच्चे रास्ते में लागत ज्यादा आने से गौरव पथ का निर्माण रामगढ़ रेलवे फाटक के तरफ बढ़ा दिया गया. जिसके चलते खेड़ी-बिलासपुर मार्ग को जोड़ने और शमशान जाने वाले करीब 200 मीटर लंबे रास्ते पर पक्का निर्माण नहीं हो पाया. यहीं कारण है कि इस रास्ते पर वर्ष भर गंदा पानी और कीचड़ जमा रहता है.

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बता दें कि शुक्रवार को गांव की 90 वर्षीय वृद्धा सोमोती पत्नी रतन लाल सैनी की मौत हो गई. जिससे परिवार वाले वृध्दा का शव यात्रा निकालना चाहते थे. लेकिन समस्या यह थी कि श्मशान के रास्ते को पार कैसे किया जाए. इस दौरान शव यात्रा निकालने से पहले गांव के कुछ लोग कीचड़ से भरे रास्ते का मुआयना करने के लिए उसमें उतरे. साथ ही ग्रामीण सुनिश्चित करना चाहते थे कि कीचड़ युक्त पानी के रास्ते में गड्ढे तो नहीं है ताकि कंधा देने वाले को चोट ना लगे और शव नीचे ना गिर जाए. वहीं रास्ते का जायजा लेने के बाद शव यात्रा निकाला गया और जैसे-तैसे रास्ता पार कर ग्रामीण शव को लेकर श्मशान पहुंचे.

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ग्रामीणों ने बताया कि कई बार इसकी शिकायत विकास अधिकारी से लेकर जिला परिषद के कार्यकारी अधिकारी तक की जा चुकी है. लेकिन आज तक गांव की इस समस्या पर कोई सुनवाई नहीं हुई. साथ ही इस रास्ते पर दोनों तरफ बने मकानों के मुख्य द्वार तक कीचड़ लगा रहता है. जिससे इस रास्ते पर शव ले जाना मौत को दावत देने जैसा है.

Intro:रामगढ़ पंचायत समिति क्षेत्र के ग्राम पंचायत मुख्यालय खेड़ी में किसी की मौत हो जाने पर वहां के ग्रामीण उनके जनाजे में शामिल होने से घबराते हैं Body:कारण बीते कई वर्षों से कीचड़ युक्त पानी से भरा शमशान का रास्ता न्यू तो गांव में इस रास्ते पर 3 वर्ष पूर्व करीब 49 लाख रुपए की लागत से गौरव पथ का निर्माण होना था लेकिन खेड़ी- बिलासपुर मार्ग की तरफ कच्चे रास्ते में लागत ज्यादा आने से गौरव पथ का निर्माण रामगढ़ रेलवे फाटक के तरफ बढ़ा दिया और नतीजा यह हुआ की खेड़ी- बिलासपुर मार्ग को जोड़ने व शमशान जाने वाले करीब 200 मीटर लंबा रास्ता कच्चा और नीचे रह गया। वहा वर्ष भर गंदा पानी व कीचड़ जमा रहता है ।दोनों तरफ बने पक्के मकानों के मुख्य द्वार तक पानी भरा रहता है।शव ले जाना जोखिम भरा काम रहता हैं । श्मशान में लोग प्रशासन को कोसते रहे। गांव की 90 वर्षीय वृद्धा सोमोती पत्नी रतन लाल सैनी की मौत हो गई ।परिवार वाले चकडोल निकालना चाहता था। लेकिन समस्या श्मशान के रास्ते को पार करने की थी । लेकिन कीचड़ युक्त रास्ते पर आते ही कानदियो ने चकडोल को नीचे रख दिया। चकडोल निकालने से पहले गांव के लोगों ने श्मशान के रास्ते मे कीचड़ युक्त पानी से भरे रास्ते का मुआवना करने उस में उतरे। कही कीचड़ युक्त पानी के रास्ते में गड्ढे तो नहीं है जिस में कानधिया को चोट लागकर शव नीचे गिर जाए । रास्ते के मुआवना के बाद शव यात्रा को लेकर चले । Conclusion:उसके बाद जैसे-तैसे रास्ता पार कर शमशान पहुंचे ग्रामीणों ने बताया कि कई बार इसकी शिकायत विकास अधिकारी से लेकर जिला परिषद के कार्यकारी अधिकारी कर चुके हैं लेकिन आज तक गांव की समस्या पर कोई समाधान नहीं दिया गया

बाईट:---दिपक कुमार(ग्राम विकास अधिकारी खेड़ी)
बाईट:---रंगीराम(मृतका का भाई)
बाईट:---सरदार महेंद्र सिंह(ग्रामीण)
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