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लॉक डाउनः गाड़िया लोहार खाने को हैं मोहताज, प्रशासन और भामाशाह का कर रहे इंतजार - Kishangarhbas news

अलवर में लॉक डाउन के कारण भूरपहाड़ी चौक पर रह रहे लोहार के परिवार मदद के लिए प्रशासन और भामाशाहों से आश लगाकर बैठे हैं. लोहारों का कहना है कि अब तक प्रशासन की ओर से कोई सहायता नहीं दी गई है, जिसके कारण उनके बच्चे और उनका परिवार रोटी के लिए मोहताज हो गए हैं.

गाड़िया लोहार न्यूज, Lock down in alwar
गाड़िया लोहार खाने को हैं मोहताज
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Published : Mar 26, 2020, 6:06 PM IST

किशनगढ़बास (अलवर). कोरोना महामारी के संक्रमण को लेकर किए जा रहे बचाव के कारण सरकार की ओर से पूरी तरह से लॉक डाउन का आदेश दिया गया है. इसके कारण गाड़िया लोहारों के परिवारों को दो वक्त के खाना को लेकर भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

गाड़िया लोहार खाने को हैं मोहताज

जानकारी के अनुसार किशनगढ़बास कस्बे के बाई पास स्थित भूरपहाड़ी चौक पर रह रहे लोहारों के परिवारों का प्रशासन ने लॉक डाउन होने के बाद एक भी दिन सुध नहीं ली है. जिसके कारण गाड़िया लोहारों के परिवारों के लोग 3 दिन से खाने के लिए मोहताज बने हुए हैं. कोरोना महामारी संक्रमण के विरूद्ध सरकार की ओर से किए गए लॉक डाउन के पांचवे दिन भी प्रशासन की ओर से किसी प्रकार भी राशन सामग्री नहीं पंहुचाई गई है.

पढ़ें- Corona effect: लॉकडाउन लंबा चलने पर हो सकती है सब्जियों की किल्लत

गाड़िया लोहारों का कहना है कि 5 दिन से बाजार बंद होने के कारण उन्हें रोजगार नहीं मिल पा रहा है. उन्होंने बताया कि वे लोग रोज जितना कमा लेते हैं उतने से ही अपने घर का खर्चा चलाते हैं. लोहारों को कहना है कि बाजार बंद होने के कारण प्रशासन की ओर से कोई सहायता नहीं दी जा रही है. इसके कारण उनके बच्चे और उनका परिवार रोटी के लिए मोहताज हो गए हैं.

किशनगढ़बास (अलवर). कोरोना महामारी के संक्रमण को लेकर किए जा रहे बचाव के कारण सरकार की ओर से पूरी तरह से लॉक डाउन का आदेश दिया गया है. इसके कारण गाड़िया लोहारों के परिवारों को दो वक्त के खाना को लेकर भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

गाड़िया लोहार खाने को हैं मोहताज

जानकारी के अनुसार किशनगढ़बास कस्बे के बाई पास स्थित भूरपहाड़ी चौक पर रह रहे लोहारों के परिवारों का प्रशासन ने लॉक डाउन होने के बाद एक भी दिन सुध नहीं ली है. जिसके कारण गाड़िया लोहारों के परिवारों के लोग 3 दिन से खाने के लिए मोहताज बने हुए हैं. कोरोना महामारी संक्रमण के विरूद्ध सरकार की ओर से किए गए लॉक डाउन के पांचवे दिन भी प्रशासन की ओर से किसी प्रकार भी राशन सामग्री नहीं पंहुचाई गई है.

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गाड़िया लोहारों का कहना है कि 5 दिन से बाजार बंद होने के कारण उन्हें रोजगार नहीं मिल पा रहा है. उन्होंने बताया कि वे लोग रोज जितना कमा लेते हैं उतने से ही अपने घर का खर्चा चलाते हैं. लोहारों को कहना है कि बाजार बंद होने के कारण प्रशासन की ओर से कोई सहायता नहीं दी जा रही है. इसके कारण उनके बच्चे और उनका परिवार रोटी के लिए मोहताज हो गए हैं.

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