अलवर. जिले का करणी माता मंदिर देशभर में काफी प्रसिद्ध है. ऐसा कहा जाता है कि सालों पुराने इस मंदिर में पहले राजा महाराजा पूजा-अर्चना करते थे. लेकिन अब मंदिर को आम लोगों के लिए खोल दिया गया है.
35 साल में पहली बार मंदिर आम लोगों के लिए बंद किया गया और नवरात्रों के समय यहां मेला नहीं लग सका. वैसे प्रत्येक नवरात्रों में यहां 9 दिन मेला लगता है. आसपास के राज्यों और शहरों से लोग माता के दर्शन के लिए आते हैं.
कोरोना वायरस के चलते देश के सभी मंदिरों को आम लोगों के लिए बंद करा दिया गया. जिससे नवरात्रों के दिनों में भी मंदिर में सन्नाटा पसरा है. लोगों को मजबूरन घर पर ही पूजा-अर्चना करनी पड़ रही है. ईटीवी भारत की टीम ने करणी माता मंदिर का जायजा लिया. मंदिर पर केवल पुजारी हवन करते नजर आए. इसके अलावा मंदिर में कोई भी व्यक्ति और श्रद्धालु नजर नहीं आए.
पढ़ें: लॉकडाउनः अलवर कारागार स्टाफ का सराहनीय कदम, 100 जरूरतमंदों को रोज खाना खिलाने का फैसला
हालांकि, मंदिर में सुबह शाम आरती और पूजा होती है. लोगों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए प्रशासन की तरफ से सभी मंदिरों को बंद कराया गया है. प्रशासन ने सभी धार्मिक कार्यक्रम, शादी विवाह और अन्य सभी प्रोग्राम को रद्द किया है. पूरे जिले में लॉकडाउन है. केवल राशन, दवाई और सब्जी की दुकानें खुली हुई है.