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थाने में युवकों को मुर्गा बनाकर पीटने के मामले ने पकड़ा तूल, दोषी पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करने की मांग

अलवर में कोतवाली थाने के हेड कांस्टेबल द्वारा तीन युवकों को मुर्गा बनाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. ऐसे में सोमवार को पीड़ित और 'आप साथ दो सेवा समिति' ने दोषी पुलिसकर्मियों को बर्खास्त करने को लेकर प्रदर्शन किया.

युवकों को मुर्गा बनाने के मामले में पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करने की मांग
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Published : Jul 15, 2019, 9:30 PM IST

अलवर. कोतवाली थाना पुलिस हेड कांस्टेबल कृष्ण कुमार और अन्य पुलिस कर्मियों द्वारा थाने के अंदर 10 जुलाई को तीन युवकों को मुर्गा बनाने और उनके साथ मारपीट करने का मामला सामने आया था. इसके विरोध में सोमवार को 'आप साथ दो सेवा समिति' की ओर से थाने के बाहर धरना प्रदर्शन किया गया. साथ ही पुलिसकर्मियों को बर्खास्त करने की मांग की.

युवकों को मुर्गा बनाने के मामले में पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करने की मांग

बता दें कि पीड़ित स्कीम नंबर चार निवासी दिनेश कुमार ने बताया कि वह अपने दो अन्य दोस्तों के साथ शादी समारोह से आ रहा था. इस दौरान नंगली सर्किल पर ट्रैफिक पुलिस ने उन्हें रोका और बिना वजह कोतवाली थाने ले गए. जहां हेड कांस्टेबल कृष्ण कुमार सहित अन्य पुलिसकर्मियों ने बिना कोई कारण पूछे उनसे मुर्गा बनने को कहा गया. जब वे मुर्गा नहीं बने तो, उनसे उनकी जाति के बारे में पूछा गया.

इसके बाद कृष्ण कुमार सहित अन्य पुलिसकर्मियों ने उनके साथ मारपीट शुरू कर दी. इसके बाद अगले दिन उनके द्वारा पुलिस अधीक्षक को भी इस संबंध में शिकायत दी गई. लेकिन दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई और न ही उसकी पीठ पर लगी चोट का कोई मेडिकल कराया गया है. उनकी मांग है कि ऐसे पुलिसकर्मियों को बर्खास्त किया जाए.

उधर, समिति से जुड़े डॉ. पंकज गुप्ता ने बताया कि पुलिस का काम सज्जन लोगों की सुरक्षा और दुष्ट लोगों को सजा देने का काम है. लेकिन पुलिस द्वारा सज्जन लोगों के साथ इस तरह का बर्ताव किया जाना एकदम गलत है. ऐसे पुलिसकर्मियों को तुरंत बर्खास्त और निलंबित कर उनके साथ कठोर से कठोर कार्रवाई की जाए.

अलवर. कोतवाली थाना पुलिस हेड कांस्टेबल कृष्ण कुमार और अन्य पुलिस कर्मियों द्वारा थाने के अंदर 10 जुलाई को तीन युवकों को मुर्गा बनाने और उनके साथ मारपीट करने का मामला सामने आया था. इसके विरोध में सोमवार को 'आप साथ दो सेवा समिति' की ओर से थाने के बाहर धरना प्रदर्शन किया गया. साथ ही पुलिसकर्मियों को बर्खास्त करने की मांग की.

युवकों को मुर्गा बनाने के मामले में पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करने की मांग

बता दें कि पीड़ित स्कीम नंबर चार निवासी दिनेश कुमार ने बताया कि वह अपने दो अन्य दोस्तों के साथ शादी समारोह से आ रहा था. इस दौरान नंगली सर्किल पर ट्रैफिक पुलिस ने उन्हें रोका और बिना वजह कोतवाली थाने ले गए. जहां हेड कांस्टेबल कृष्ण कुमार सहित अन्य पुलिसकर्मियों ने बिना कोई कारण पूछे उनसे मुर्गा बनने को कहा गया. जब वे मुर्गा नहीं बने तो, उनसे उनकी जाति के बारे में पूछा गया.

इसके बाद कृष्ण कुमार सहित अन्य पुलिसकर्मियों ने उनके साथ मारपीट शुरू कर दी. इसके बाद अगले दिन उनके द्वारा पुलिस अधीक्षक को भी इस संबंध में शिकायत दी गई. लेकिन दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई और न ही उसकी पीठ पर लगी चोट का कोई मेडिकल कराया गया है. उनकी मांग है कि ऐसे पुलिसकर्मियों को बर्खास्त किया जाए.

उधर, समिति से जुड़े डॉ. पंकज गुप्ता ने बताया कि पुलिस का काम सज्जन लोगों की सुरक्षा और दुष्ट लोगों को सजा देने का काम है. लेकिन पुलिस द्वारा सज्जन लोगों के साथ इस तरह का बर्ताव किया जाना एकदम गलत है. ऐसे पुलिसकर्मियों को तुरंत बर्खास्त और निलंबित कर उनके साथ कठोर से कठोर कार्रवाई की जाए.

Intro:सर इस खबर में पहले पुलिस की बाइट भेज दी गई है अलवर जिले के कोतवाली थाना पुलिस के हेड कांस्टेबल कृष्ण कुमार व अन्य पुलिसकर्मियों द्वारा कोतवाली थाने के अंदर 10 जुलाई को तीन युवकों को मुर्गा बनाने और उनके साथ मारपीट करने के विरोध में सोमवार को आप साथ दो सेवा समिति की ओर से कोतवाली थाने के बाहर धरना प्रदर्शन किया गया। और मामले में आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई करने की मांग की गई।


Body:आपको बता दें कि पीड़ित स्कीम नंबर 4 निवासी दिनेश कुमार ने बताया कि 10 जुलाई की रात वह अपने दो अन्य दोस्तों के साथ शादी समारोह से आ रहे थे। इसी दौरान नंगली सर्किल पर ट्रैफिक पुलिस ने उन्हें रोका और बिना वजह कोतवाली थाने के अंदर ले गए। जहां हेड कॉन्स्टेबल कृष्ण कुमार सहित अन्य पुलिसकर्मियों ने बिना कोई कारण पूछे उनसे मुर्गा बनने को कहा। जब हम मुर्गा नहीं बने तो हमसे उसने जाति के बारे में पूछा। इसके बाद कृष्ण कुमार सहित अन्य पुलिसकर्मियों ने उनके साथ मारपीट शुरू कर दी। इसके बाद अगले दिन उनके द्वारा पुलिस अधीक्षक को भी इस संबंध में शिकायत दी गई। लेकिन दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई और ना ही मेरी पीठ पर लगी चोट का कोई मेडिकल कराया गया है। उनकी मांग है कि ऐसे पुलिसकर्मियों को निलंबित किया जाए।


Conclusion:उधर समिति से जुड़े डॉ पंकज गुप्ता ने बताया कि पुलिस का काम सज्जन लोगों की सुरक्षा और दुष्ट लोगों को सजा देने का काम है। लेकिन पुलिस द्वारा सज्जन लोगों के साथ इस तरह का बर्ताव किया जाना एकदम गलत है। गाड़ियां लोहारों के बच्चों को फ्री पढ़ाने वाले सज्जन दिनेश कुमार के साथ पुलिस द्वारा मुर्गा बनाने व मारपीट करना सरासर अन्याय है। ऐसे पुलिसकर्मियों को तुरंत बर्खास्त और निलंबित कर उनके साथ कठोर से कठोर कार्रवाई की जाए। बाईट1- दिनेश कुमार पीड़ित बाईट2- डॉ पंकज गुप्ता
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