अलवर. उद्योग नगरी भिवाड़ी के फेज वन औद्योगिक क्षेत्र स्थित शार्प मिंट उद्योग इकाई में भीषण आग दूसरे दिन सुबह तक भी जारी रही. इस घटना को लेकर दमकल विभाग पूरी तरह से संजीदा है. आग के कारणों का अभी कोई खुलासा नहीं हो पाया है. वहीं, आग ने शुरूआत में विकराल रूप ले लिया था और औद्योगिक इकाई आग के गोलों में तब्दील हो गई.
इस दौरान इकाई में कार्यरत श्रमिकों में भी अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया. आग पर काबू पाए जाने के लिए हरियाणा के समीपवर्ती क्षेत्र रेवाड़ी, धारूहेड़ा, तावडू, मेवात सहित राजस्थान के भिवाड़ी, तिजारा, बहरोड़, अलवर आदि क्षेत्रों से दमकलों को बुलवाया गया. सूचना पाते ही अग्निशमन केंद्र से दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंची.
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आग पर काबू पाने के लिए जुटे फायर फाइटर्स ने करीब 8 घंटे में आग पर काबू पाया, लेकिन अल सुबह फिर से आग धधक गई. इसके बाद दमकल की गाड़ियां फिर से मौके पर पहुंची ओर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया. दमकल की 15 गाड़ियों ने लगातार राउंड किया.
हादसे की सूचना मिलते ही उपखंड अधिकारी खेमाराम यादव और टपूकड़ा नायब तहसीलदार अजित सिंह सहित भिवाड़ी थानाधिकारी जितेंद्र सोलंकी और पुलिस उपाधीक्षक हरिराम कुमावत सहित सभी आलाधिकारी मौके पर नजर बनाए हुए थे. इस औद्योगिक इकाई में बड़ी संख्या में श्रमिक काम करते हैं. आग पर काबू पाने का सबसे पहले स्थानीय कामगारों ने काफी कोशिश किया, लेकिन कुछ देर बाद दमकल की गाड़ियों के पहुंचने के बाद भी आग प्रचंड होती चली गई. प्रशासनिक अधिकारियों ने आग का प्रचंड रूप को देखते हुए 500 मीटर के एरिया को बिल्कुल खाली करवाया और पुलिस की बेरिकेटिंग भी करवाई गई, जिससे कोई जनहानि ना हो.
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बता दें कि इस इंडस्ट्री में पैपरमिंट केमिकल बनाया जाता है, जो खास तौर पर फार्मा कंपनियों में काम में लिया जाता है. केमिकल से भरे टैंकरों में आग लगने से बीच-बीच में टैंकर फटने के धमाके की आवाज भी आ रही थी. देर शाम के समय कंपनी में अंधेरा होने की वजह से फायर फाइटर्स को आग पर काबू पाने में काफी परेशानी हो रही थी, लेकिन फायर फाइटर्स भी बुलंद हौंसले के साथ आग पर काबू पाने में जुट गए.