अलवर. जिले में टीबी मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. वहीं जिले में बने टीबी अस्पताल में मरीजों के लिए कोई सुविधा नहीं है. अस्पताल में केवल 2 पद है, जबकि जिले में 11 तहसील है. ऐसे में यहां टीवी के मरीजों की संख्या भी अन्य जिलों की तुलना में ज्यादा है, लेकिन उसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग का इस तरफ कोई ध्यान नहीं है, इसका नुकसान मरीजों को उठाना पड़ रहा है.
जिले में टीबी के 6000 मरीज सरकारी व 3000 मरीज प्राइवेट हॉस्पिटल में रजिस्टर हैं, जबकि 250 से अधिक मरीज एमडीआर टीबी के मरीज हैं, उसके बाद भी टीबी हॉस्पिटल में सुविधाओं का अभाव हैं.इसके अलावा मरीजों के भर्ती की भी सुविधा ना होने के कारण उन्हें सामान्य हॉस्पिटल के वार्डों में भर्ती करना पड़ता है.
ऐसे में सामान्य मरीजों में भी टीवी के संक्रमण फैलने का खतरा रहता है. वहीं टीवी के गम्भीर मरीजों का इलाज भी सामान्य हॉस्पिटल के वार्डों में चल रहा है.ऐसे में अन्य मरीजों में गम्भीर बीमारी फैलने का खतरा बना रहता है.
वहीं हॉस्पिटल में केवल दो पद हैं। एक पद डीटीओ और दूसरे पद वरिष्ठ विशेषज्ञ का है. वहीं हॉस्पिटल में स्पुटम की जांच, शुगर, एचआईवी व सीबीनाट के जरिए एमडीआर जांच की जाती है. अन्य जांच की जरूरत होने पर मरीज को सामान्य हॉस्पिटल में जाना पड़ता है.