अलवर/बानसूर. जिल में नकली दूध के खिलाफ विजिलेंस की टीम ने शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया. सरस डेयरी चेयरमैन विश्राम गुर्जर के नेतृत्व में विजिलेंस टीम ने बानसूर में तुराणा की ढाणी में छापामार कार्रवाई की. इस दौरान एक पशुपालक गुरदयाल गुर्जर के खेत में नकली दूध बनाने का खतरनाक केमिकल सोर्बिटोल से भरा 10 ड्रम मिला. पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि वह इस खतरनाक केमिकल से पिछले लंबे समय से मिलावटी दूध बना रहा है.
झाड़ियों के अंदर 10 ड्रम केमिकल मिले: डेयरी चेयरमैन विश्राम गुर्जर ने बताया कि मुखबिर से सूचना मिली थी कि बानसूर के तुराणा गांव में मिलावटी दूध का कारोबार किया जाता है. जिसके बाद ये कार्रवाई हुए. यहां झाड़ियों के अंदर केमिकल के 10 ड्रम मिले, जिनको मौके पर नष्ट कराया गया. उन्होंने बताया कि मिलावटी दूध बनाने वाला माफिया नहीं मिला. उसकी तलाश की जा रही है.
विशेषज्ञों ने क्या कहा जानिए: विशेषज्ञों ने बताया कि एक ड्रम में करीब 300 लीटर सोर्बिटोल लिक्विड पकड़ा है. 10 ड्राम ऑयल से भरे हुए मिले हैं. यह दूध में फैट बढ़ाने का काम करता है. जैसे गाय के दूध में 30 से 40 की फैट होती है, तो उसे 70 से 80 तक कर देता है. इसके अलावा इसमें मिल्क पाउडर, सोयाबीन ऑयल मिलता है. इस मौके पर कोई नकली दूध बनाते हुए नहीं मिला. हालांकि, दूध लोकल स्तर पर और अन्य बड़ी डेयरी में सप्लाई किया जाता है. पकड़े गए ऑयल की कीमत करीब 9 लाख रुपए है. जिसे तुरंत नष्ट करा दिया गया. उन्होंने बताया कि पास में ही एक निजी डेयरी का संग्रहण केंद्र मिला है जिस पर 50 खाली दूध के ड्रम मिले.
दिल्ली-एनसीआर में होती थी नकली दूध की सप्लाई: सरस डेयरी के अधिकारियों ने बताया कि लंबे समय से बानसूर क्षेत्र से दिल्ली-एनसीआर के क्षेत्रों में दूध सप्लाई होने की सूचना मिल रही थी. मिलावट खोर रात के अंधेरे में नकली दूध तैयार करते हैं और टैंकरों में भरकर बड़े नामी कंपनियों में सप्लाई करते हैं. साथ ही दिल्ली और एनसीआर के कई शहरों में अलग-अलग जगहों पर सप्लाई किया जाता है. यह दूध स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. इससे कई तरह की खतरनाक बीमारी होने का खतरा रहता है. दिल, लीवर संबंधित गंभीर बीमारियां होती है.