जोधपुर : मकर संक्रांति आने वाली है और राजस्थान, विशेष रूप से शेखावाटी और जयपुर में पतंगबाजी का दौर शुरू हो चुका है. हालांकि, जोधपुर में पतंग उड़ाने की परंपरा नहीं है, लेकिन इस शहर के एक पतंगबाज असगर बेलिम ने अपनी कला से न केवल जोधपुर बल्कि दुनिया भर में पहचान बनाई है. असगर बेलिम की बनाई पतंगे पूरी दुनिया में पसंद की जाती हैं और वह 25 हजार रुपये तक की पतंगे बनाते हैं. खास पतंगें बनाने के लिए वह विदेश से विशेष कपड़ा मंगवाते हैं.
जोधपुर के बंबा मोहल्ले में अपने घर में पतंग बनाने वाले असगर बेलिम ने बताया कि लगभग 30-35 साल पहले उनका जुनून यह था कि वह अपनी पतंगों के जरिए भारतीय संस्कृति को प्रदर्शित करें. इस दिशा में उन्हें अपने अमेरिकी दोस्त टोल स्ट्रीटर से प्रेरणा मिली थी, जिनसे उनकी मुलाकात 1993 में जोधपुर में हुई थी. उन्होंने कहा था कि कुछ अलग करना चाहिए, जिसके बाद से असगर ने भारतीय संस्कृति पर आधारित पतंगें बनानी शुरू की.
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35 देशों में पतंगबाजी : असगर बेलिम ने बताया कि उन्होंने अपनी पतंगों पर भारतीय गांवों और ग्रामीण जीवन की संस्कृति को उकेरने के लिए कई स्थानों पर यात्रा की और फिर उसे अपनी पतंगों में उतारा. उनका मानना है कि आजकल लोग मोबाइल और अन्य गैजेट्स में व्यस्त रहते हैं, लेकिन अगर वे थोड़ा समय पतंगबाजी को देंगे तो यह उन्हें बेहद मजेदार लगेगा और वह इससे जुड़ जाएंगे. असगर अब तक 35 देशों में पतंगबाजी कर चुके हैं और कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पुरस्कार जीत चुके हैं. वह विभिन्न नए प्रयोग भी करते रहते हैं, जैसे कि विदेशों में एलईडी नाइट शो के दौरान पतंग उड़ाना. उनका कहना है कि अगर हवा सही रहती है तो वह एक साथ 15 एलईडी पतंगें उड़ाते हैं.
विरासत में मिली कला, किया नवाचार : असगर बेलिम का परिवार सदियों से पतंग बनाने और बेचने का काम करता आ रहा है. यह परंपरा उनके परिवार में लगभग 200 वर्षों से चली आ रही है. असगर ने इस विरासत को अपनाया और सरकारी नौकरी छोड़कर अपने पारंपरिक काम को ही आगे बढ़ाया. वह अपने पतंगों के माध्यम से भारतीय कला, संस्कृति और ग्रामीण जीवन को दुनिया भर में प्रदर्शित करते हैं.
असगर ने अपनी पतंगों के लिए यूरोप और अमेरिका से विशेष कागज और कपड़ा मंगवाया है. वह यूरोपियन देशों मंगवाए रिप स्टॉप नायलॉन थ्रेड, माइलार पेपर और अमेरिका से मंगवाए ऑरकॉन पेपर का उपयोग करते हैं. इसके अलावा पतंग बनाने के लिए वह महंगे बांस और फाइबर स्टिक्स का उपयोग करते हैं, जबकि पतंग उड़ाने के लिए कॉटन का मांझा इस्तेमाल करते हैं.