अलवर. जिले में पहली बार महिला पुलिस अधीक्षक के रूप में तेजस्विनी गौतम को लगाया गया है. तेजस्विनी गौतम पहले दिन से एक्शन मोड में नजर आ रही है. उन्होंने कार्यभार ग्रहण करने के बाद क्राइम मीटिंग ली. वहीं अगले ही दिन से थाना पुलिस व कंट्रोल रूम सहित सभी जगहों का पुलिस अधीक्षक ने निरीक्षण शुरू कर दिया है.
अलवर में 15 हजार से अधिक औद्योगिक इकाइयां हैं जिनमें लाखों प्रवासी श्रमिक काम करते हैं. राजस्थान का सिंह द्वार होने के कारण अलवर देश-विदेश में विशिष्ट पहचान रखता है. उत्तर प्रदेश व हरियाणा से जिले की सीमा लगती है तो वहीं प्रदेश सरकार की अलवर पर पैनी नजर रहती है. ऐसे में अलवर में लगने वाले अधिकारी सीधे सरकार के संपर्क में रहते हैं व मॉनिटरिंग सरकार की जाती है. ऐसे में राजस्थान में सबसे बेहतर अधिकारियों को अलवर में लगाया जाता है.
अलवर में पहली बार महिला एसपी के रूप में तेजस्विनी गौतम को लगाया गया है. तेजस्विनी गौतम अपने काम को लेकर हमेशा चर्चा में रहती हैं. अलवर में आते ही उन्होंने ताबड़तोड़ निरीक्षण व मीटिंग लेने का सिलसिला शुरू कर दिया है. ड्यूटी ज्वाइन करने के अगले दिन से उन्होंने पुलिस अन्वेषण भवन में आला अधिकारियों की एक बैठक ली.
पढ़ें: अलवर: SP तेजस्विनी गौतम ने किया रामगढ़ थाने का निरीक्षण
जिसमें क्राइम कंट्रोल को करने के लिए कई जरूरी निर्देश दिए. उसके बाद पुलिस कंट्रोल रूम व जिले के थानों का निरीक्षण करने का काम भी शुरू कर दिया गया है. बता दें कि अलवर में क्राइम के हर साल 17 से 18 हजार मामले दर्ज होते हैं. गुरुवार को तेजस्विनी गौतम ने अलवर पुलिस लाइन, पुलिस कंट्रोल रूम, रामगढ़ थाना, नोगामा थाना सहित कई थानों का निरीक्षण किया व थानों के रिकॉर्ड चेक किए. इस दौरान उन्होंने पुलिस कर्मियों को बेहतर काम करने और अपराधियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए.
इस दौरान उन्होंने पुलिसकर्मियों की भी समस्याएं सुनी, लगातार जिले में पुलिस कर्मियों की समस्याएं बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि अलवर बड़ा जिला है इसलिए पुलिसकर्मियों की समस्याएं भी ज्यादा है. तेजस्विनी गौतम ने कहा कि अलवर में लोगों को अलग-अलग पुलिसिंग सिस्टम देखने को मिलेगी. जनता के मन में पुलिस के प्रति बेहतर छवि बनाने के प्रयास किए जाएंगे, इसको लेकर लगातार काम चल रहा है.