अलवर. अलवर सरस डेयरी में नियम विरूद्ध पैसा खर्च करने सहित अन्य कई अनियमितताओं के मामले में सरस डेयरी अध्यक्ष बन्नाराम मीणा पर बर्खास्तगी की गाज गिर सकती है. दरअसल सहकारिता मंत्री अलवर डेयरी के चेयरमैन बन्नाराम मीणा की निगरानी याचिका पर सुनवाई करेंगे.
अलवर सरस डेयरी के चेयरमैन बन्नाराम मीणा पर गिर सकती है गाज
अलवर सरस डेयरी में नियम विरूद्ध पैसा खर्च करने सहित अन्य कई अनियमितताओं के मामले में सरस डेयरी अध्यक्ष बन्नाराम मीणा पर बर्खास्तगी की गाज गिर सकती है.
अलवर सरस डेयरी
अलवर. अलवर सरस डेयरी में नियम विरूद्ध पैसा खर्च करने सहित अन्य कई अनियमितताओं के मामले में सरस डेयरी अध्यक्ष बन्नाराम मीणा पर बर्खास्तगी की गाज गिर सकती है. दरअसल सहकारिता मंत्री अलवर डेयरी के चेयरमैन बन्नाराम मीणा की निगरानी याचिका पर सुनवाई करेंगे.
Intro:अलवर सरस डेयरी में नियम विरूद्ध पैसा खर्च करने सहित अन्य कई अनियमितताओं के मामले में सरस डेयरी अध्यक्ष बन्नाराम मीणा पर बर्खास्तगी की गाज गिर सकती है। दरअसल सहकारिता मंत्री अलवर डेयरी के चेयरमैन बन्नाराम मीणा की निगरानी याचिका पर सुनवाई करेंगे। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि मंत्री निगरानी याचिका को खारिज कर सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो रजिस्टर सहकारिता बर्खास्तगी के आदेश जारी कर देंगे।
Body:किसानों पशुपालकों पर जो राशि खर्च होने वाली थी उस राशि को भाजपा के मंत्री विधायकों के स्वागत सत्कार पर खर्च करने के मामले में दोषी पाए गए। अलवर सरस डेयरी चेयरमैन बन्नाराम मीणा को सरकार करीब 20 माह बाद भी पद से हटाने का निर्णय नहीं ले पाई थी। चेयरमैन को नियमित तरीके से राशि खर्च करने समितियों को अवैध तरीके से खोलने और बंद करने के मामले में सहकारिता रजिस्टार ने अगस्त 2017 में धारा 30 व 57 में दोषी पाया था। दोषी के बाद रजिस्ट्रार के पद से हटाने का निर्णय लिया था। दोषी पाए जाने के बाद भी चेयरमैन को तत्कालीन सहकारिता मंत्री अजय सिंह किलक निगरानी याचिका के माध्यम से बचाते रहे। अब सरकार बदलने के बाद भी चेयरमैन को पद से नहीं हटाया गया है।
6 मार्च 2018 में चली विधानसभा में विधायक मोहनलाल गुप्ता के प्रश्नों के जवाब में तत्कालीन सहकारिता मंत्री अजय सिंह ने जवाब में अलवर डेयरी चेयरमैन को राजस्थान सहकारी सोसायटी अधिनियम 2001 की धारा 55 की जांच में गंभीर दोषी बताया। राजस्थान सोसायटी अधिनियम 2001 की धारा 30 के तहत कार्रवाई रजिस्ट्रार सहकारिता के समक्ष प्रतिक्रियाधिन है। जबकि रजिस्ट्रार ने अगस्त 2017 में धारा 30 व 57 में दोषी पाए जाने पर चेयरमैन को पद से हटाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद भी मंत्री चेयरमेन को निगरानी याचिका के जरिए बजाते रहे।
अलवर डेयरी में 15 अप्रैल 2017 में एक समारोह हुआ था। उसमें चेयरमैन ने किसानों व पशुपालकों को प्रशिक्षण देने और डेवलपमेंट पर खर्च होने वाली राशि को बीजेपी मंत्री विधायकों के स्वागत सत्कार समारोह पर खर्च करने, करोडों की अनियमितता करने, मिलावटी दूध समितियों को लेकर खोलने दोषी, अधिकारी कर्मचारियों की रुपए लेकर बहाल करने सहित 2 साल में 108 बार अधिकारी कर्मचारियों के तबादले के मामले में धारा 30 व 57 में दोषी पाया गया। धारा 30 में कोई दोषी पाया जाता है तो उसे पद से हटाने की कार्रवाई होती है। वहीं धारा 57 में वसूली होती है। इस मामले में सरकार के मंत्री भी दो बार निगरानी याचिका पर सुनवाई की तारीख बढ़ा चुके हैं। लेकिन बताया जा रहा है कि राजगढ़ के विधायक जोहरी लाल मीणा बन्ना राम मीना को हटाने के लिए राज्य सरकार पर दबाव बना रहे हैं। इस मामले में मुख्यमंत्री से भी कार्रवाई की मांग की गई है।
Conclusion:दबाव के चलते जो सुनवाई 19 मार्च को होनी थी। वो सुनवाई अब मंगलवार को होगी। ऐसे में अध्यक्ष बना राम मीणा की याचिका खारिज होने से पूरी संभावना है की याचिका खारिज होने के बाद रजिस्ट्रार बर्खास्तगी के आदेश जारी करेंगे। उधर शिकायतकर्ता का कहना है कि भाजपा सरकार ने दिल्ली चेयरमैन बन्नाराम मीणा को संरक्षण दिया था। लेकिन अब कांग्रेस सरकार इस मामले को लेकर गंभीर है।
Body:किसानों पशुपालकों पर जो राशि खर्च होने वाली थी उस राशि को भाजपा के मंत्री विधायकों के स्वागत सत्कार पर खर्च करने के मामले में दोषी पाए गए। अलवर सरस डेयरी चेयरमैन बन्नाराम मीणा को सरकार करीब 20 माह बाद भी पद से हटाने का निर्णय नहीं ले पाई थी। चेयरमैन को नियमित तरीके से राशि खर्च करने समितियों को अवैध तरीके से खोलने और बंद करने के मामले में सहकारिता रजिस्टार ने अगस्त 2017 में धारा 30 व 57 में दोषी पाया था। दोषी के बाद रजिस्ट्रार के पद से हटाने का निर्णय लिया था। दोषी पाए जाने के बाद भी चेयरमैन को तत्कालीन सहकारिता मंत्री अजय सिंह किलक निगरानी याचिका के माध्यम से बचाते रहे। अब सरकार बदलने के बाद भी चेयरमैन को पद से नहीं हटाया गया है।
6 मार्च 2018 में चली विधानसभा में विधायक मोहनलाल गुप्ता के प्रश्नों के जवाब में तत्कालीन सहकारिता मंत्री अजय सिंह ने जवाब में अलवर डेयरी चेयरमैन को राजस्थान सहकारी सोसायटी अधिनियम 2001 की धारा 55 की जांच में गंभीर दोषी बताया। राजस्थान सोसायटी अधिनियम 2001 की धारा 30 के तहत कार्रवाई रजिस्ट्रार सहकारिता के समक्ष प्रतिक्रियाधिन है। जबकि रजिस्ट्रार ने अगस्त 2017 में धारा 30 व 57 में दोषी पाए जाने पर चेयरमैन को पद से हटाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद भी मंत्री चेयरमेन को निगरानी याचिका के जरिए बजाते रहे।
अलवर डेयरी में 15 अप्रैल 2017 में एक समारोह हुआ था। उसमें चेयरमैन ने किसानों व पशुपालकों को प्रशिक्षण देने और डेवलपमेंट पर खर्च होने वाली राशि को बीजेपी मंत्री विधायकों के स्वागत सत्कार समारोह पर खर्च करने, करोडों की अनियमितता करने, मिलावटी दूध समितियों को लेकर खोलने दोषी, अधिकारी कर्मचारियों की रुपए लेकर बहाल करने सहित 2 साल में 108 बार अधिकारी कर्मचारियों के तबादले के मामले में धारा 30 व 57 में दोषी पाया गया। धारा 30 में कोई दोषी पाया जाता है तो उसे पद से हटाने की कार्रवाई होती है। वहीं धारा 57 में वसूली होती है। इस मामले में सरकार के मंत्री भी दो बार निगरानी याचिका पर सुनवाई की तारीख बढ़ा चुके हैं। लेकिन बताया जा रहा है कि राजगढ़ के विधायक जोहरी लाल मीणा बन्ना राम मीना को हटाने के लिए राज्य सरकार पर दबाव बना रहे हैं। इस मामले में मुख्यमंत्री से भी कार्रवाई की मांग की गई है।
Conclusion:दबाव के चलते जो सुनवाई 19 मार्च को होनी थी। वो सुनवाई अब मंगलवार को होगी। ऐसे में अध्यक्ष बना राम मीणा की याचिका खारिज होने से पूरी संभावना है की याचिका खारिज होने के बाद रजिस्ट्रार बर्खास्तगी के आदेश जारी करेंगे। उधर शिकायतकर्ता का कहना है कि भाजपा सरकार ने दिल्ली चेयरमैन बन्नाराम मीणा को संरक्षण दिया था। लेकिन अब कांग्रेस सरकार इस मामले को लेकर गंभीर है।