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अलवर: टोल लगने के बाद भी झेलने पड़ रहे हैं सफर में गड्ढें

अलवर शहर की सीमा से बाहर निकलते ही लोगों को टोल देना पड़ता है. प्रदेश में सबसे ज्यादा टोल प्लाजा अलवर जिले में है. लेकिन कुछ सड़कों हाल ऐसा है कि सफर करते वक्त सड़कें खराब होने की वजह से वाहन चालकों और आमजन को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा.

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अलवर शहर में सड़क की हालत खराब
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Published : Jan 17, 2020, 3:20 PM IST

अलवर. प्रदेश में सबसे ज्यादा टोल प्लाजा अलवर जिले में है. लेकिन कुछ सड़क मार्ग ऐसे हैं, जहां पर टोल देने के बाद भी लोगो को सफर करते वक्त गड्डों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं ऐसे में अलवर में सरकार के सभी दावे खोखले साबित हो रहे हैं.

अलवर शहर में सड़क की हालत खराब

बता दें कि अलवर जिले में कम से कम 20 से अधिक से अधिक टोल प्लाजा है. बता दें कि अलवर शहर की सीमा से बाहर निकलते ही सड़क मार्गों पर ही टोल टैक्स देना पड़ता है. वहीं वसुंधरा सरकार ने प्रदेश भर में टैक्स समाप्त हो गया था, लेकिन गहलोत सरकार में टैक्स फिर से चालू हो गया है.

पढ़ें: हमारी भी सुन लो सरकार! 70 साल से झोपड़ी में रह रहा ये परिवार, सड़क किनारे लगी लाइट की रोशनी में पढ़ते हैं बच्चे

ऐसे में सड़क मार्ग पर चलने में लोगों को खासी परेशानी होती है और सफर के दौरान समय की बर्बादी होती है. लेकिन सरकार और प्रशासन का इस तरफ कोई ध्यान नहीं जा रहा है. वहीं अधिकारी यह कहकर बात को टाल देते हैं कि सड़क मार्ग नया बन जाएगा.

अलवर. प्रदेश में सबसे ज्यादा टोल प्लाजा अलवर जिले में है. लेकिन कुछ सड़क मार्ग ऐसे हैं, जहां पर टोल देने के बाद भी लोगो को सफर करते वक्त गड्डों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं ऐसे में अलवर में सरकार के सभी दावे खोखले साबित हो रहे हैं.

अलवर शहर में सड़क की हालत खराब

बता दें कि अलवर जिले में कम से कम 20 से अधिक से अधिक टोल प्लाजा है. बता दें कि अलवर शहर की सीमा से बाहर निकलते ही सड़क मार्गों पर ही टोल टैक्स देना पड़ता है. वहीं वसुंधरा सरकार ने प्रदेश भर में टैक्स समाप्त हो गया था, लेकिन गहलोत सरकार में टैक्स फिर से चालू हो गया है.

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ऐसे में सड़क मार्ग पर चलने में लोगों को खासी परेशानी होती है और सफर के दौरान समय की बर्बादी होती है. लेकिन सरकार और प्रशासन का इस तरफ कोई ध्यान नहीं जा रहा है. वहीं अधिकारी यह कहकर बात को टाल देते हैं कि सड़क मार्ग नया बन जाएगा.

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अलवर शहर की सीमा से बाहर निकलते ही लोगों को टोल देना पड़ता है। प्रदेश में सबसे ज्यादा टोल प्लाजा अलवर जिले में है। लेकिन कुछ सड़क मार्ग ऐसे हैं, जहां पर टोल देने के बाद भी लोगों को सफर के दौरान गड्ढे झेलने पड़ रहे हैं। ऐसे में अलवर में सरकार के सभी दावे खोखले साबित हो रहे हैं।


Body:अलवर जिले में 20 से अधिक टोल प्लाजा पडते हैं। अलवर शहर की सीमा से बाहर निकलते ही सभी सड़क मार्गों पर लोगों को टोल टैक्स देना पड़ता है। वसुंधरा सरकार ने प्रदेश भर में टोल टैक्स समाप्त कर दिए थे लेकिन गहलोत सरकार ने फिर से टोल टैक्स शुरू कर दिए हैं। टोल शुरू करते समय गहलोत सरकार ने दलील दी थी की सड़क मार्गों के हालात खराब हो रहे हैं। उनकी समय पर मरम्मत नहीं हो पाती है। इसलिए फिर से टोल शुरू किए गए हैं। लेकिन अलवर में सरकार का यह दावा गलत साबित हो रहा है। अलवर रामगढ़ मार्ग पर अलवर से मथुरा जाते समय लोगों को तीन जगह पर टोल टैक्स देना पड़ता है। जबकि इसी मार्ग से भरतपुर जाते समय चार जगह पर टोल देना पड़ता है। इसके बाद भी इस सड़क मार्ग के हालात खराब है। पूरी सड़क टूटी हुई है तो वहीं जगह-जगह खड्डे हैं।


Conclusion:ऐसे में सड़क मार्ग पर चलने में लोगों को खासी परेशानी होती है व सफर के दौरान समय की बर्बादी होती है। लोग कई बार गड्ढों को ठीक कराने की मांग कर चुके हैं। लेकिन सरकार व प्रशासन का इस तरफ कोई ध्यान नहीं है। इन गड्ढों के चलते हादसे भी ज्यादा हो रहे हैं। अलवर में सबसे ज्यादा सड़क हादसे इसी मार्ग पर होते हैं। आए दिन लोगों की जान जाती है। लेकिन उसके बाद भी सड़क को ठीक नहीं कराया गया है। यही हालात रहे तो आने वाले समय में परेशानी और बढ़ सकती है। इस संबंध में संबंधित विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस मार्ग का दोहरीकरण कार्य चल रहा है। उसके तहत पूरा सड़क मार्ग नया बनाया जाएगा। ऐसे में अधिकारी यह बात बोल कर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं।
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