अजमेर. जिले में जलदाय विभाग के कार्यरत ठेकेदारों द्वारा श्रमिकों का शोषण किया जा रहा है. शोषण के विरोध में श्रमिकों ने श्रम नियमों के अंतर्गत लाभ परिलाभ दिए जाने की मांग की है. इसके तहत भारतीय जलदाय कर्मचारी संघ, जिला अजमेर के बैनर तले श्रम विभाग के संभागीय संयुक्त निदेशक अनुपम गौड़ का घेराव किया. वहीं, जिला मुख्यालय पहुंचकर प्रदर्शन भी किया.
दरअसल, अजमेर जिले में बीसलपुर पेयजल परियोजना का कार्य संधारण एवं संचालन के लिए राज्य सरकार और विभाग के द्वारा सर जीसीकैसी प्रोजेक्ट एंड वर्क्स प्राइवेट लिमिटेड को साल 2017 से 5 वर्ष के लिए कार्य करने का वर्क ऑर्डर जारी किया गया था. लेकिन, कंपनी ने अन्य ठेकेदार कंपनी को कार्य सब लेट कर दिया. कंपनी के अधीन जिले में करीब 450 श्रमिक कार्य कर रहे हैं. श्रमिकों का आरोप है कि ठेकेदार कंपनी श्रम नियमों की अवहेलना करते हुए उनका शोषण कर रही है. वहीं, लाभ पर इलाज उन्हें नहीं दिए जा रहे. साथ ही मांग करने पर उन्हें स्थानांतरण करने या नौकरी से निकालने की धमकी दी जाती है.
श्रमिकों ने बताया कि श्रम विभाग को भी मामले की पूर्व में शिकायत दी थी, लेकिन विभाग ने कुछ नहीं किया. श्रमिकों ने 15 जुलाई तक के लिए अल्टीमेटम दिया है. श्रमिकों का कहना है कि 15 जुलाई तक उनकी मांगे पूरी नहीं की गई तो बीसलपुर परियोजना में ठेकेदार के आधीन लगे कर्मचारी सामूहिक अवकाश पर जाएंगे.
इधर, श्रम विभाग के संयुक्त निदेशक अनुपम गौड़ ने बताया कि ठेकेदार के अधीन कर्मचारियों की शिकायत पर दोनों पक्षों को सुना जा रहा है. विभाग की ओर से दोनों पक्षों में समझौते की पेशकश की गई है. दोनों पक्षों को सुनने के बाद ही कोई निर्णय पर पहुंचा जा सकेगा.
श्रमिकों की यह है मांगें
श्रमिकों ने 8 सूत्रीय मांगे प्रशासन के समक्ष रखी है. इनमें नियुक्ति पत्र जारी करने, साप्ताहिक अवकाश देने, पीएफ और ईएसआई सुविधा का लाभ देने, समय पर वेतन का भुगतान करने, 2 वर्ष से बकाया दीपावली बोनस का भुगतान करने, वर्दी सुविधा देने, वार्षिक वेतन वृद्धि 10 से 15 फीसदी करने, वर्क ऑर्डर के अनुसार श्रमिक लगाने की मांग की है.