नई दिल्ली: डिस्ट्रिक्ट एंड स्टेट कंज्यूमर कमिशन में रिक्तियों की वर्तमान स्थिति पर समीक्षा बैठक आयोजित की गई. इसमें उपभोक्ता अधिकारों के प्रोटेक्शन और सर्विस स्टैंडर्ड्स को बनाए रखने की दिशा में प्रभावी ढंग से काम करने के लिए इन पदों को भरने का आग्रह किया गया.
उपभोक्ता मामले, खाद्य और वितरण मंत्रालय के अनुसार बैठक में देश भर में रिक्तियों के आंकड़ों का गहन विश्लेषण किया गया. अक्टूबर तक जिला और राज्य उपभोक्ता आयोगों में अध्यक्ष और सदस्य के पद खाली पड़े हैं और इनमें भर्तियां होनी हैं.
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "राज्य आयोगों में अध्यक्ष के कुल 18 पद और सदस्यों के 56 पद खाली हैं. इसी तरह, देश भर के जिला आयोगों में अध्यक्ष के 162 पद और सदस्यों के 427 पद रिक्त हैं."
बढ़ती रिक्तियों पर गहरी चिंता व्यक्त की
यह भी पाया गया कि सभी के प्रयासों के बावजूद उपभोक्ता आयोगों में रिक्तियों में पिछले साल की तुलना में काफी वृद्धि हुई है. अधिकारी ने उपभोक्ता आयोगों में इन बढ़ती रिक्तियों पर गहरी चिंता व्यक्त की और राज्यों-केंद्र शासित प्रदेशों से तेजी से कार्रवाई करने और इस चुनौती का समाधान करने का आग्रह किया.
बैठक में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ इस विषय पर भी आम सहमति बनी कि सुनवाई में देरी से बचने और उपभोक्ता न्याय को प्रभावित करने वाले मामलों को कम करने के लिए रिक्तियों को भरना आवश्यक है.
'हितधारकों के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध'
मंत्रालय उपभोक्ता आयोगों में रिक्तियों को भरने के लिए एक कुशल, उद्देश्यपूर्ण और पारदर्शी प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए सभी हितधारकों के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध है. मंत्रालय ने कहा कि यह पहल उपभोक्ता निवारण तंत्र को मजबूत करने के लिए मंत्रालय की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है, जिसका उद्देश्य पूरे देश में दक्षता बढ़ाना है.
'नियुक्ति में तेजी लाने की जरूरत'
डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स की सचिव (CA) निधि खरे ने कहा कि यह जरूरी है कि रिक्त पदों को जल्द से जल्द भरा जाए, ताकि उपभोक्ता विवादों या मामलों को तुरंत और कुशलता से निपटाया जा सके. खरे ने देश भर में उपभोक्ता आयोगों में रिक्त पदों को भरने के लिए योग्य उम्मीदवारों की नियुक्ति में तेजी लाने की जरूरत पर जोर दिया.
उन्होंने कहा कि कार्रवाई का यह आह्वान सरकार की उस प्रतिबद्धता का अनुसरण करता है, जिसके तहत यह सुनिश्चित किया जाता है कि उपभोक्ता शिकायतों का तेजी से और प्रभावी ढंग से समाधान किया जाए. खरे ने सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों से इन पदों को भरने को प्राथमिकता देने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि उपभोक्ता आयोगों का प्रभावी कामकाज उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा और सेवा मानकों को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है.
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