अजमेर. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ अपनी पत्नी के साथ रविवार को सेना के हेलीकॉप्टर से पुष्कर पंहुचे. यहां पत्नी के साथ उन्होंने जगतपिता ब्रह्मा के दर्शन किये. उपराष्ट्रपति कि सुरक्षा के मद्देनजर सुबह आठ बजे से ही जगतपिता ब्रह्मा मंदिर में दर्शनार्थियों का प्रवेश निषेध कर दिया गया. वहीं, मंदिर के आसपास के बाजार भी बंद कर दिए गए. जगतपिता ब्रह्मा मंदिर के दर्शन के बाद उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने पत्नी जाट समाज के शिव मंदिर में पूजा अर्चना की. बाद में जाट समाज के पदाधिकारियों से मुलाकात की. यहां से वह हेलीपैड पहुंचकर सेना के हेलीकॉप्टर से मेड़ता के लिए रवाना हो गए.
देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ अपनी पत्नी सुदेश धनखड़ के साथ रविवार को तीर्थ गुरु पुष्कर पहुंचे. 10 बजे करीब सेना के हेलीकॉप्टर से वह पुष्कर में सावित्री माता मंदिर की तलहटी में बनाए गए अस्थाई हेलीपैड पर पंहुचे. जहां उपराष्ट्रपति की सुरक्षा के मद्देनजर कड़े इंतजाम किए गए थे. अस्थाई हेलीपैड से करीब 200 मीटर की दूरी तक सुरक्षा घेरा पुलिस कर्मियों का रहा. यहां उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का हेलीपेड पर आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र सिंह राठौड़ और नगर पालिका चेयरमैन कमल पाठक, संभागीय आयुक्त बीएल मेहरा, कलक्टर अंशदीप ने उनका स्वागत किया. परंपरा के अनुसार उपराष्ट्रपति को हेलीपैड पर गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. यहां से उपराष्ट्रपति का काफिला जगतपिता ब्रह्मा के मंदिर पहुंचा जहां पत्नी के साथ उन्होंने दर्शन कर पूजा अर्चना की. मंदिर के पुजारी की ओर से उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को जगतपिता ब्रह्मा की तस्वीर भेंट की गई.
जाट समाज के शिव मंदिर में की पूजा अर्चना : तयशुदा कार्यक्रम के अनुसार उपराष्ट्रपति निकट ही जाट समाज के शिव मंदिर पहुचे. जहां उन्होंने अपनी पत्नी के साथ पूजा अर्चना की. यहां जाट समाज के पदाधिकारियों और मंदिर समिति से जुड़े पदाधिकारियों ने उनका स्वागत किया. उपराष्ट्रपति के आगमन पर उनका साफा पहनाकर स्वागत किया गया. वही शिव मंदिर को भी फूलों से सजाया गया. अजमेर लोकसभा सांसद भागीरथ चौधरी ने भी यहां उपराष्ट्रपति का शॉल ओढ़ाकर स्वागत किया. यहां से उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ काफिले के साथ वापस अस्थाई हेलीपैड पहुंचे. यहा से नागौर जिले के मेड़ता में वह पूर्व केंद्रीय मंत्री नाथूराम मिर्धा स्मृति स्मारक पर मूर्ति अनावरण कार्यक्रम में शिरकत करेंगे.
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उपराष्ट्रपति की कड़ी रही सुरक्षा : उपराष्ट्रपति की सुरक्षा के मद्देनजर सुबह 8 से 12 बजे तक जगतपिता ब्रह्मा मंदिर में दर्शनार्थियों का प्रवेश निषेध रहा. हेलीपैड से लेकर ब्रह्मा मंदिर और जाट समाज के शिव मंदिर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रही. सुरक्षा की दृष्टि से जगतपिता ब्रह्मा मंदिर के आसपास के क्षेत्र की दुकानें भी बंद रही. दूरदराज से आने वाले तीर्थ यात्रियों को जगतपिता ब्रह्मा मंदिर के दर्शन के लिए काफी इंतजार करना पड़ा. उपराष्ट्रपति की पुष्कर यात्रा को लेकर तीर्थ पुरोहितों में भी असंतोष रहा. 1 दिन पहले ही तीर्थ गुरु पुष्कर राज तीर्थ पुरोहित संघ ट्रस्ट की ओर से प्रशासन को पत्र लिखकर अपनी नाराजगी व्यक्त कर दी थी.
दरअसल तीर्थ पुरोहित संघ ट्रस्ट और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के पुश्तैनी तीर्थ पुरोहित आग्रह था कि उपराष्ट्रपति की पुष्कर यात्रा यहां की परंपरा के अनुसार हो. शास्त्रों के अनुसार पहले पुष्कर सरोवर की पूजा अर्चना की जाए उसके बाद जगतपिता ब्रह्मा मंदिर की दर्शन के लिए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ जाएं. लेकिन प्रशासन ने उपराष्ट्रपति कार्यालय से आए कार्यक्रम के अनुसार ही व्यवस्थाएं की. इस कारण तीर्थ पुरोहितों में रोष रहा.