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Elections: शरद पवार पर कुछ बोलने से क्यों बच रहे PM मोदी ? क्या है इसकी वजह, जानें

Maharashtra Election 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाराष्ट्र में ताबड़तोड़ चुनावी रैलियां कर रहे हैं. हालांकि, वह शरद पवार की आलोचना करने से बच रहे हैं.

Why PM Modi not criticizing Sharad Pawar in Maharashtra Assembly Election 2024
शरद पवार पर कुछ बोलने से क्यों बच रहे PM मोदी ? (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 13, 2024, 9:21 PM IST

Updated : Nov 13, 2024, 10:25 PM IST

पुणे : महाराष्ट्र में 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में राज्य ही नहीं, बल्कि देश भर के बड़े नेताओं की जनसभाएं जगह-जगह देखने को मिल रही हैं. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी राज्य में बड़े पैमाने पर रैलियां कर रहे हैं.

पीएम मोदी अपनी जनसभाओं में कांग्रेस पार्टी की तीखा हमला करते दिखते हैं. हालांकि, वह राज्य की राजनीति के केंद्र बिंदु राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के अध्यक्ष शरद पवार की आलोचना करने से बचते नजर आ रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी द्वारा कांग्रेस की सहयोगी पार्टी के नेता शरद पवार की आलोचना नहीं किए जाने को लेकर राजनीतिक चर्चा शुरू हो गई है.

सवाल उठाए जा रहे हैं कि पवार को लेकर पीएम मोदी चुप क्यों हैं? दरअसल, कुछ साल पहले जब मोदी बारामती आए थे और एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार के बारे में कहा था कि उनकी उंगली पकड़कर मैं राजनीति में आया, लेकिन उसके बाद जब भी प्रधानमंत्री मोदी राज्य में आए, वह हमेशा शरद पवार की आलोचना करते नजर आए. 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान पीएम मोदी ने शरद पवार की आलोचना करते हुए उन्हें 'भटकती आत्मा' कहा था.

महाराष्ट्र में चुनावी रैली में पीएम मोदी
महाराष्ट्र में चुनावी रैली में पीएम मोदी (ANI)

साथ ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में दो फाड़ होने के बाद राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के महायुति गठबंधन में शामिल होने के बाद भी यह देखा गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शरद पवार की आलोचना कर रहे हैं. इस बीच, राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव में एक तरफ शरद पवार महायुति और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कड़ी आलोचना करते नजर आ रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री मोदी ने राज्य में कई जगहों पर रैलियां कीं, लेकिन उन्होंने शरद पवार की आलोचना नहीं की. पवार की आलोचना न करने का प्रधानमंत्री मोदी का रुख चर्चा का विषय बन गया है.

पीएम मोदी की टिप्पणी पर हुआ था विवाद
लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान पीएम मोदी ने पुणे में एक रैली में बोलते हुए शरद पवार की आलोचना करते हुए उन्हें 'भटकती आत्मा' कहा था. इसके बाद राज्य भर में शरद पवार के पक्ष में सहानुभूति देखने को मिली और 8 सीटों पर पवार के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की.

पवार बनाम पवार
एनसीपी में फूट के बाद अजित पवार और शरद पवार की पार्टी की ओर से आरोप-प्रत्यारोप लगाए जा रहे हैं. लोकसभा चुनाव में बारामती संसदीय सीट पर अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार और उनकी चचेरी बहन सुप्रिया सुले के बीच मुकाबला देखने को मिला था. अब विधानसभा चुनाव में भी बारामती में चाचा और भतीजे के बीच लड़ाई देखने को मिल रही है.

एक ओर, प्रधानमंत्री मोदी शरद पवार के बारे में एक भी शब्द कहते नजर नहीं आ रहे हैं. दूसरी ओर, अजित पवार और उनकी एनसीपी के नेता प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से शरद पवार की आलोचना कर रहे हैं. इस बीच, सांगली में आयोजित एक रैली में अजित पवार ने सिंचाई घोटाले में दिवंगत नेता आरआर पाटिल का नाम लिया और पाटिल के बारे में बयान दिया. साथ ही अजित पवार ने खुलासा किया है कि 5 साल पहले भाजपा और एनसीपी के बीच गठबंधन के लिए शरद पवार, अमित शाह, गौतम अडाणी और प्रफुल्ल पटेल के बीच बैठक हुई थी. इसीलिए इस विधानसभा चुनाव में पवार बनाम पवार की लड़ाई और आलोचना देखने को मिल रही है.

...इसलिए पवार की आलोचना नहीं करते मोदी ?
इस संबंध में वरिष्ठ पत्रकार ज्ञानेश्वर बिजले ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राज्य में जगह-जगह प्रचार सभाएं हो रही हैं. ऐसा लगता है कि वह पवार की आलोचना नहीं कर रहे हैं. दरअसल लोकसभा चुनाव प्रचार में शरद पवार की आलोचना करने से एनसीपी की तरफ सहानुभूति दिखी थी. उनके खिलाफ कांग्रेस के उम्मीदवार हैं, इसलिए मोदी ने कांग्रेस की आलोचना पर ध्यान केंद्रित किया है. विदर्भ में 76 सीटों पर कांग्रेस और भाजपा के बीच लड़ाई है. इसीलिए मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधा है. विधानसभा चुनाव के बाद शरद पवार और भाजपा के साथ आने की बात राजनीतिक है और इसमें कोई सच्चाई नहीं है."

यह भी पढ़ें- महाराष्ट्र में MVA को कितनी सीटें मिल सकती हैं? क्या कहता है कांग्रेस का आंतरिक सर्वेक्षण

पुणे : महाराष्ट्र में 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में राज्य ही नहीं, बल्कि देश भर के बड़े नेताओं की जनसभाएं जगह-जगह देखने को मिल रही हैं. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी राज्य में बड़े पैमाने पर रैलियां कर रहे हैं.

पीएम मोदी अपनी जनसभाओं में कांग्रेस पार्टी की तीखा हमला करते दिखते हैं. हालांकि, वह राज्य की राजनीति के केंद्र बिंदु राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के अध्यक्ष शरद पवार की आलोचना करने से बचते नजर आ रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी द्वारा कांग्रेस की सहयोगी पार्टी के नेता शरद पवार की आलोचना नहीं किए जाने को लेकर राजनीतिक चर्चा शुरू हो गई है.

सवाल उठाए जा रहे हैं कि पवार को लेकर पीएम मोदी चुप क्यों हैं? दरअसल, कुछ साल पहले जब मोदी बारामती आए थे और एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार के बारे में कहा था कि उनकी उंगली पकड़कर मैं राजनीति में आया, लेकिन उसके बाद जब भी प्रधानमंत्री मोदी राज्य में आए, वह हमेशा शरद पवार की आलोचना करते नजर आए. 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान पीएम मोदी ने शरद पवार की आलोचना करते हुए उन्हें 'भटकती आत्मा' कहा था.

महाराष्ट्र में चुनावी रैली में पीएम मोदी
महाराष्ट्र में चुनावी रैली में पीएम मोदी (ANI)

साथ ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में दो फाड़ होने के बाद राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के महायुति गठबंधन में शामिल होने के बाद भी यह देखा गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शरद पवार की आलोचना कर रहे हैं. इस बीच, राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव में एक तरफ शरद पवार महायुति और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कड़ी आलोचना करते नजर आ रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री मोदी ने राज्य में कई जगहों पर रैलियां कीं, लेकिन उन्होंने शरद पवार की आलोचना नहीं की. पवार की आलोचना न करने का प्रधानमंत्री मोदी का रुख चर्चा का विषय बन गया है.

पीएम मोदी की टिप्पणी पर हुआ था विवाद
लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान पीएम मोदी ने पुणे में एक रैली में बोलते हुए शरद पवार की आलोचना करते हुए उन्हें 'भटकती आत्मा' कहा था. इसके बाद राज्य भर में शरद पवार के पक्ष में सहानुभूति देखने को मिली और 8 सीटों पर पवार के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की.

पवार बनाम पवार
एनसीपी में फूट के बाद अजित पवार और शरद पवार की पार्टी की ओर से आरोप-प्रत्यारोप लगाए जा रहे हैं. लोकसभा चुनाव में बारामती संसदीय सीट पर अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार और उनकी चचेरी बहन सुप्रिया सुले के बीच मुकाबला देखने को मिला था. अब विधानसभा चुनाव में भी बारामती में चाचा और भतीजे के बीच लड़ाई देखने को मिल रही है.

एक ओर, प्रधानमंत्री मोदी शरद पवार के बारे में एक भी शब्द कहते नजर नहीं आ रहे हैं. दूसरी ओर, अजित पवार और उनकी एनसीपी के नेता प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से शरद पवार की आलोचना कर रहे हैं. इस बीच, सांगली में आयोजित एक रैली में अजित पवार ने सिंचाई घोटाले में दिवंगत नेता आरआर पाटिल का नाम लिया और पाटिल के बारे में बयान दिया. साथ ही अजित पवार ने खुलासा किया है कि 5 साल पहले भाजपा और एनसीपी के बीच गठबंधन के लिए शरद पवार, अमित शाह, गौतम अडाणी और प्रफुल्ल पटेल के बीच बैठक हुई थी. इसीलिए इस विधानसभा चुनाव में पवार बनाम पवार की लड़ाई और आलोचना देखने को मिल रही है.

...इसलिए पवार की आलोचना नहीं करते मोदी ?
इस संबंध में वरिष्ठ पत्रकार ज्ञानेश्वर बिजले ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राज्य में जगह-जगह प्रचार सभाएं हो रही हैं. ऐसा लगता है कि वह पवार की आलोचना नहीं कर रहे हैं. दरअसल लोकसभा चुनाव प्रचार में शरद पवार की आलोचना करने से एनसीपी की तरफ सहानुभूति दिखी थी. उनके खिलाफ कांग्रेस के उम्मीदवार हैं, इसलिए मोदी ने कांग्रेस की आलोचना पर ध्यान केंद्रित किया है. विदर्भ में 76 सीटों पर कांग्रेस और भाजपा के बीच लड़ाई है. इसीलिए मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधा है. विधानसभा चुनाव के बाद शरद पवार और भाजपा के साथ आने की बात राजनीतिक है और इसमें कोई सच्चाई नहीं है."

यह भी पढ़ें- महाराष्ट्र में MVA को कितनी सीटें मिल सकती हैं? क्या कहता है कांग्रेस का आंतरिक सर्वेक्षण

Last Updated : Nov 13, 2024, 10:25 PM IST
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