जयपुर: राजधानी जयपुर में बुधवार से विज्ञान मेला सजेगा, जिसमें देशभर के 550 से ज्यादा छात्र 165 मॉडल पेश करेंगे. ये मॉडल नैनो टेक्नोलॉजी, इलेक्ट्रोमैग्नेटिक, मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित होंगे. खास बात ये है कि इस विज्ञान मेले में डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) के वैज्ञानिक भी पहुंचेंगे, जो छात्रों को डीआरडीओ में वैज्ञानिक बने का मार्ग भी प्रशस्त करेंगे.
विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान की ओर से करीब 17 साल बाद जयपुर में अखिल भारतीय विज्ञान मेले का आयोजन किया जा रहा है. विद्या भारती के अखिल भारतीय उपाध्यक्ष प्रो. रविंद्र कान्हेरे ने बताया कि विद्या भारती के देशभर में 12 हजार से ज्यादा विद्यालय संचालित है. इन विद्यालयों में से चुने हुए बाल वैज्ञानिक विज्ञान मेले में अपने मॉडल प्रदर्शित करेंगे. इस मेले का उद्देश्य छात्रों को अपने हुनर को दिखाने के लिए एक मंच पर लाना है. उन्होंने बताया कि विज्ञान मेले में तीन समूह बनाए गए हैं. बाल वर्ग, किशोर वर्ग, तरुण वर्ग, जो मॉडल, प्रश्न मंच, प्रेजेंटेशन और प्रयोग में भाग लेंगे. इससे छात्रों का चिंतन, वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित होगा.
कान्हेरे ने बताया कि यहां प्रतिभागी छात्रों से डीआरडीओ के एक वरिष्ठ वैज्ञानिकों की वार्ता भी होगी, जिसमें वैज्ञानिक छात्रों को डीआरडीओ के बारे में बताएंगे. छात्रों को उनकी कार्य शैली के बारे में और देश की आवश्यकताओं के बारे में जानने का मौका मिलेगा. उन्होंने बताया कि डीआरडीओ देश की सुरक्षा के लिए आवश्यक रिसर्च का कार्य करता है.
इसलिए यहां आने वाले वैज्ञानिक ही निर्धारित करेंगे कि वो कितनी बात पब्लिक के सामने करें. मुख्य बात ये है कि उनके कुछ प्रोजेक्ट्स के बारे में जानकारी और डीआरडीओ में वैज्ञानिक कैसे बनते हैं. छात्रों को इसकी जानकारी दी जाएगी, ताकि विद्यार्थियों को प्रोत्साहन मिले. उनमें डीआरडीओ में कार्य करने की इच्छा जागृत हो और इसका रास्ता उन्हें मालूम हो.
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उन्होंने बताया कि पिछले विज्ञान मेले में इसरो के वैज्ञानिक शामिल हुए थे, उनसे बच्चों ने यही प्रश्न ज्यादा पूछे कि वो इसरो में वैज्ञानिक के रूप में ज्वाइन करना चाहते हैं तो उसका रास्ता क्या हो सकता है. खास बात ये है कि देशभर में इससे पहले इस तरह के 21 विज्ञान मेले हो चुके हैं, जिसमें पार्टिसिपेट कर चुके छात्र आज कई रिसर्च लैब में वैज्ञानिक हैं. भारत का महत्वाकांक्षी प्रोग्राम चंद्रयान, उसमें विद्या भारती की ओर से संचालित विद्यालयों में अध्यनरत 9 छात्र चंद्रयान लॉन्चिंग टीम का हिस्सा रहे. इस दृष्टिकोण से ये विज्ञान मेला छात्रों के भविष्य को संवारने का काम करता है. छात्र देश के किस क्षेत्र से है, किस वर्ग से है, कौन से मीडियम से पढ़ा है, इसका महत्व नहीं है. छात्रों में आत्मविश्वास ये रहता है कि उन्हें विषय की शिक्षा कैसे मिली है और दृष्टिकोण क्या है.
वहीं, विद्या भारती संगठन मंत्री शिव प्रसाद ने बताया कि ये ऐसे छात्रों का समागम है जो अपने-अपने क्षेत्र में बाल वैज्ञानिक के रूप में प्रतिष्ठित हुए हैं. यहां कुल 165 मॉडल डिस्प्ले होंगे. इसमें ऊर्जा स्रोत, नैनोटेक्नोलॉजी, इलेक्ट्रोमैग्नेटिक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, पॉल्यूशन, स्वच्छ जल, रोड एक्सीडेंट और समाज से जुड़े हुए दूसरे प्रसंग से संबंधित मॉडल प्रदर्शित किए जाएंगे. इन मॉडल से यहां आने वाले दूसरे छात्रों को भी प्रेरणा मिलेगी. आपको बता दें कि 13 से 16 नवंबर तक आयोजित होने वाले इस विज्ञान मेले के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर मौजूद रहेंगे. वहीं, 14 नवंबर को होने वाली विज्ञान वार्ता में डिफेंस लेबोरेट्री के पूर्व निदेशक रवींद्र कुमार अग्रवाल शामिल होंगे.