अजमेर. बहुचर्चित सिद्दू मूसेवाला मर्डर केस में आरोपी दीपक उर्फ टीनू पंजाब में मानसा पुलिस को गच्चा देकर अजमेर के केकड़ी उपखंड के बघेरा गांव में फरारी काट रहा था. दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम ने दीपक टीनू को बुधवार को पकड़ा है. उसे पनाह देने वाले कैलाश कुम्हार और मंसूर अली उर्फ बाला को भी हिरासत में लेने की सूचना है. स्थानीय पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं की है. गुरुवार को पंजाब पुलिस के अधिकारियों ने अजमेर पुलिस अधीक्षक चुनाराम जाट से मुलाकात कर कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के स्थानीय कनेक्शन को लेकर चर्चा (Punjab police officials met Ajmer SP) की. हालांकि इस मामले में एसपी चुनाराम जाट ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.
लॉरेंस बिश्नोई और संपत नेहरा के करीबी दीपक के पकड़े जाने से एक बार फिर अजमेर चर्चा में आ गया (Lawrence Bishnoi network in Ajmer) है. बताया जा रहा है कि दीपक अजमेर के केकड़ी उपखंड क्षेत्र में बघेरा गांव में पिछले 6 दिन से फरारी काट रहा था. यहां मनसूर अली के कहने पर कैलाश कुम्हार ने दीपक को पनाह दे रखी थी. बताया जा रहा है कि बघेरा में फरारी के दौरान दीपक ने एक बार रोडवेज बस से केकड़ी और केकड़ी से बघेरा के लिए सफर भी किया था. वहीं आरोपी दीपक ने बघेरा में मनसूर अली के किसी रिश्तेदार की शादी में भी शिरकत की थी.
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बता दें कि कैलाश कुम्हार और मंसूर अली फरार हैं. माना जा रहा है कि दीपक के साथ दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने कैलाश कुम्हार को भी पनाह देने के आरोप में पकड़ा है. संभवत कैलाश कुम्हार की निशानदेही पर मंसूर अली को भी दिल्ली पुलिस पकड़ चुकी है. कैलाश कुम्हार और बाला के बारे में स्थानीय केकड़ी पुलिस अनभिज्ञता जाहिर कर रही है. वहीं दोनों ही आरोपियों के परिजन उनके गायब होने के बारे में कुछ भी कहने को तैयार नहीं है.
दिल्ली पुलिस के साथ थी एक प्राइवेट गाड़ी: दीपक को पकड़ने के लिए बघेरा पंहुची दिल्ली पुलिस के साथ एक प्राइवेट गाड़ी भी थी. यह कार पीछे चल रही थी. बघेरा गांव में प्रवेश के दौरान कार एक बाइक सवार से टकरा गई. बाइक सवार ने कार चालक को संदिग्ध मानते हुए ग्रामीणों को फोन करके सूचना दी. इस पर ग्रामीणों ने कार चला रहे चालक को पकड़ लिया. इस दौरान मामूली झड़प भी हुई. बाद में दिल्ली पुलिसकर्मियों ने मौके पर पंहुचकर उसे छुड़ाया. इस घटना का एक फोटो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. बाइक सवार का नाम रोहित खटीक बताया जा रहा है.
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रंगदारी के लिए कुख्यात है बाला गैंग: बाला गैंग का सरगना मनसूर अली ने रंगदारी वसूली के लिए गैंग बना रखी है. धनाढ्य लोगों को चिन्हित कर उन्हें डराने धमकाने के साथ ही उनसे मोटी रकम वसूलने के मामले में बाला और उसकी गैंग सक्रिय है. मंसूर अली उर्फ बाला के खिलाफ केकड़ी, जयपुर, कोटा में भी मुकदमे दर्ज हैं. वहीं उसका साथी कैलाश कुम्हार पर लूट और मारपीट के मामले में केकड़ी थाने में दो मुकदमे दर्ज हैं.
भूपेंद्र सिंह खरवा का परिचित है बाला: भूपेंद्र सिंह खरवा एनडीपीएस के मामले में पंजाब के फिरोजपुर जेल में बंद है. खरवा जेल में रहते हुए सोशल मीडिया पर सक्रिय रहता है. सोशल मीडिया पर खरवा ने खुद को लॉरेंस बिश्नोई गैंग का सदस्य बताया था. बता दें कि अजमेर शहर में गुजराती पेट्रोल पंप के मालिक को 5 करोड़ रुपए की फिरौती मांगने और पेट्रोल पंप संचालक के पुत्र पर ताबड़तोड़ फायरिंग कराने के मामले में मुख्य सूत्रधार भी खरवा था. बताया जा रहा है कि खरवा और मनसूर अली परिचित हैं. खरवा के इशारे पर ही मंसूर अली ने सिद्धू मूसे वाला हत्याकांड के आरोपी दीपक को पनाह दी थी.
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पंजाब पुलिस के अधिकारियों ने की मुलाकात: पंजाब पुलिस के अधिकारियों ने अजमेर एसपी चुनाराम जाट और एडिशनल एसपी विकास सांगवान से मुलाकात की है. बताया जा रहा है कि पंजाब पुलिस लॉरेंस बिश्नोई के अजमेर नेटवर्क के बारे में जानकारी जुटा रही है. दरअसल लॉरेंस बिश्नोई अजमेर की हाई सिक्युरिटी जेल में भी रह चुका है. हालांकि पिछले एक वर्ष से लॉरेंस को हाई सिक्यूरिटी जेल में नहीं लाया गया है.