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Divya Mittal Bribery Case: अब 10 अप्रैल को होगी जमानत अर्जी पर सुनवाई

बुधवार को अपर जिला व सेशन कोर्ट में निलंबित एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल की जमानत अर्जी पर सुनवाई हुई. कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस को सुनते हुए जमानत अर्जी पर 10 अप्रैल को अगली सुनवाई की तारीख मुकर्रर (Divya Mittal NDPS Case) की है.

Divya Mittal Bribery Case
Divya Mittal Bribery Case
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Published : Apr 5, 2023, 3:40 PM IST

Updated : Apr 5, 2023, 5:09 PM IST

एनडीपीएस विशेष कोर्ट के लोक अभियोजक राजेंद्र सिंह राठौड़

अजमेर. निलंबित एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल के NDPS प्रकरण में जमानत अर्जी पर अब आगामी 10 अप्रैल सुनवाई होगी. अपर जिला व सेशन कोर्ट संख्या एक में दिव्या मित्तल की ओर से चार अप्रैल को जमानत अर्जी लगाई गई थी. अभियोजन पक्ष की ओर से बुधवार को जमानत अर्जी का विरोध किया गया. एनडीपीएस एक्ट की विशेष कोर्ट में लोक अभियोजक राजेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि दिव्या मित्तल को एनडीपीएस मामले में 4 अप्रैल को एसओजी ने पेश किया था. मित्तल को कोर्ट ने 18 अप्रैल तक न्यायिक अभिरक्षा में भेजा था. साथ ही निलंबित एसीपी की ओर से कोर्ट में जमानत अर्जी पेश की गई थी. वहीं, जमानत अर्जी पर बुधवार को सुनवाई हुई.

जमानत अर्जी को लेकर दोनों पक्षों की ओर से कोर्ट में बहस हुई. इस दौरान अभियोजन पक्ष और अनुसंधान अधिकारी ने जमानत अर्जी का विरोध किया. लोक अभियोजक राजेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि अजमेर के रामगंज थाने में एनडीपीएस एक्ट के दो मुकदमे दर्ज हैं. इनमें अजमेर एसओजी की तत्कालीन एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल अनुसंधान अधिकारी थी. एक प्रकरण में अभियुक्त को गिरफ्तार कर उसे कोर्ट में पेश किया गया था. जबकि दूसरे मुकदमे में विभाग से स्वीकृति लेने के बाद भी दिव्या मित्तल ने अभियुक्त को गिरफ्तार नहीं किया था, बल्कि विभाग से आरोपी को गिरफ्तार करने की स्वीकृति को कैंसिल करवाने की मांग की थी. वर्तमान अनुसंधान अधिकारी व जोधपुर एसओजी के एडिशनल एसपी कमल सिंह तंवर और अभियोजन पक्ष की ओर से बहस में कोर्ट के समक्ष यह तर्क प्रस्तुत कर जमानत अर्जी का विरोध किया गया. उन्होंने बताया कि कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस को सुनते हुए जमानत अर्जी पर 10 अप्रैल को अगली सुनवाई की तारीख मुकर्रर की है.

इसे भी पढ़ें - एसओजी ने दिव्या मित्तल को कोर्ट में किया पेश, 18 अप्रैल तक मिली न्यायिक अभिरक्षा

जानें पूरा मामला - दो करोड़ के घूस प्रकरण में दिव्या मित्तल को बीते 16 जनवरी को जयपुर एसीबी ने गिरफ्तार किया था. निलंबित एसीपी दिव्या मित्तल पर आरोप था कि रामगंज थाने में दो और अलवर गेट थाने में एक एनडीपीएस एक्ट के मुकदमे में वो अनुसंधान अधिकारी थी. अजमेर एसओजी की एडिशनल एसपी रहते हुए वो मुकदमे की तीनों फाइल पर अनुसंधान कर रही थी. मुकदमे से मुख्य अभियुक्त का नाम हटाने की एवज में बर्खास्त सिपाही सुमित कुमार के जरिए परिवादी से दो करोड़ रुपए की घूस मांगी थी. इसके बाद परिवादी ने एसीबी से इसकी शिकायत की थी. मामले के सत्यापन के दौरान दिव्या मित्तल और दलाल की रिकॉर्डिंग के साथ ही अन्य तथ्य एसीबी के हाथ लगे थे. लेकिन मामले की भनक लगते ही बर्खास्त सिपाही सुमित कुमार उदयपुर से फरार हो गया.

बता दें कि परिवादी को दिव्या मित्तल ने दलाल व बर्खास्त सिपाही सुमित कुमार के पास सौदे के लिए भेजा था. इस प्रकरण में दिव्या मित्तल 100 दिन से अधिक समय तक न्यायिक अभिरक्षा में रही. हालांकि, हाईकोर्ट से जमानत होने के तुरंत बाद उन्हें जेल के बाहर से एसओजी ने एनडीपीएस प्रकरण में गिरफ्तार कर लिया था. दिव्या जिन एनडीपीएस प्रकरण के 3 मुकदमों की अनुसंधान कर रही थी. उन तीनों फाइलों का अनुसंधान अब जोधपुर के एसओजी एडिशनल एसपी कमल सिंह तंवर कर रहे हैं. तंवर की जांच में सामने आया है कि अभियुक्त सुनील नंदवानी को फायदा पहुंचाने के लिए मित्तल ने उसे गिरफ्तार नहीं किया था, जबकि दिव्या के पास उसे गिरफ्तार करने की स्वीकृति थी.

एनडीपीएस विशेष कोर्ट के लोक अभियोजक राजेंद्र सिंह राठौड़

अजमेर. निलंबित एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल के NDPS प्रकरण में जमानत अर्जी पर अब आगामी 10 अप्रैल सुनवाई होगी. अपर जिला व सेशन कोर्ट संख्या एक में दिव्या मित्तल की ओर से चार अप्रैल को जमानत अर्जी लगाई गई थी. अभियोजन पक्ष की ओर से बुधवार को जमानत अर्जी का विरोध किया गया. एनडीपीएस एक्ट की विशेष कोर्ट में लोक अभियोजक राजेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि दिव्या मित्तल को एनडीपीएस मामले में 4 अप्रैल को एसओजी ने पेश किया था. मित्तल को कोर्ट ने 18 अप्रैल तक न्यायिक अभिरक्षा में भेजा था. साथ ही निलंबित एसीपी की ओर से कोर्ट में जमानत अर्जी पेश की गई थी. वहीं, जमानत अर्जी पर बुधवार को सुनवाई हुई.

जमानत अर्जी को लेकर दोनों पक्षों की ओर से कोर्ट में बहस हुई. इस दौरान अभियोजन पक्ष और अनुसंधान अधिकारी ने जमानत अर्जी का विरोध किया. लोक अभियोजक राजेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि अजमेर के रामगंज थाने में एनडीपीएस एक्ट के दो मुकदमे दर्ज हैं. इनमें अजमेर एसओजी की तत्कालीन एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल अनुसंधान अधिकारी थी. एक प्रकरण में अभियुक्त को गिरफ्तार कर उसे कोर्ट में पेश किया गया था. जबकि दूसरे मुकदमे में विभाग से स्वीकृति लेने के बाद भी दिव्या मित्तल ने अभियुक्त को गिरफ्तार नहीं किया था, बल्कि विभाग से आरोपी को गिरफ्तार करने की स्वीकृति को कैंसिल करवाने की मांग की थी. वर्तमान अनुसंधान अधिकारी व जोधपुर एसओजी के एडिशनल एसपी कमल सिंह तंवर और अभियोजन पक्ष की ओर से बहस में कोर्ट के समक्ष यह तर्क प्रस्तुत कर जमानत अर्जी का विरोध किया गया. उन्होंने बताया कि कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस को सुनते हुए जमानत अर्जी पर 10 अप्रैल को अगली सुनवाई की तारीख मुकर्रर की है.

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जानें पूरा मामला - दो करोड़ के घूस प्रकरण में दिव्या मित्तल को बीते 16 जनवरी को जयपुर एसीबी ने गिरफ्तार किया था. निलंबित एसीपी दिव्या मित्तल पर आरोप था कि रामगंज थाने में दो और अलवर गेट थाने में एक एनडीपीएस एक्ट के मुकदमे में वो अनुसंधान अधिकारी थी. अजमेर एसओजी की एडिशनल एसपी रहते हुए वो मुकदमे की तीनों फाइल पर अनुसंधान कर रही थी. मुकदमे से मुख्य अभियुक्त का नाम हटाने की एवज में बर्खास्त सिपाही सुमित कुमार के जरिए परिवादी से दो करोड़ रुपए की घूस मांगी थी. इसके बाद परिवादी ने एसीबी से इसकी शिकायत की थी. मामले के सत्यापन के दौरान दिव्या मित्तल और दलाल की रिकॉर्डिंग के साथ ही अन्य तथ्य एसीबी के हाथ लगे थे. लेकिन मामले की भनक लगते ही बर्खास्त सिपाही सुमित कुमार उदयपुर से फरार हो गया.

बता दें कि परिवादी को दिव्या मित्तल ने दलाल व बर्खास्त सिपाही सुमित कुमार के पास सौदे के लिए भेजा था. इस प्रकरण में दिव्या मित्तल 100 दिन से अधिक समय तक न्यायिक अभिरक्षा में रही. हालांकि, हाईकोर्ट से जमानत होने के तुरंत बाद उन्हें जेल के बाहर से एसओजी ने एनडीपीएस प्रकरण में गिरफ्तार कर लिया था. दिव्या जिन एनडीपीएस प्रकरण के 3 मुकदमों की अनुसंधान कर रही थी. उन तीनों फाइलों का अनुसंधान अब जोधपुर के एसओजी एडिशनल एसपी कमल सिंह तंवर कर रहे हैं. तंवर की जांच में सामने आया है कि अभियुक्त सुनील नंदवानी को फायदा पहुंचाने के लिए मित्तल ने उसे गिरफ्तार नहीं किया था, जबकि दिव्या के पास उसे गिरफ्तार करने की स्वीकृति थी.

Last Updated : Apr 5, 2023, 5:09 PM IST
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