अजमेर. अजमेर जिले के पीसांगन ब्लॉक में भावता गांव में आयोजित प्रशासन गांव के संग शिविर के दौरान ही ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए गांव में फर्जी डॉक्टर बनकर ग्रामीण मरीजों का लंबे समय से इलाज कर रहे एक झोलाछाप डॉक्टर को रंगे हाथों पकड़ लिया. झोलाछाप डॉक्टर के पास से कई एक्सपायरी डेट की दवाइयां बरामद की गईं हैं. इनमें डायबिटीज की एक्सपायरी डेट की दवा भी मिली है. जांच के दौरान आरोपी एलोपैथिक इलाज पद्धति की कोई डिग्री भी नहीं दिखा सका. कई साल से झोलाछाप डॉक्टर गांव में क्लीनिक संचालित कर रहा था.
ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी डॉ. घनश्याम मोयल ने बताया कि माता गांव में प्रशासन गांव के संग अभियान के दौरान उन्हें सूचना मिली थी कि गांव में ही एक व्यक्ति डॉक्टर बनकर लोगों का इलाज कर रहा है. गांव में उसने क्लीनिक खोल रखी है. मौके पर पहुंचने पर उसने मौजूद तीन मरीजों को भगा दिया और फिर खुद ने भी भागने की कोशिश की. उन्होंने बताया कि मौके पर जांच करने से पता चला कि आरोपी अजमेर जॉन्स गंज निवासी सुनील के पास इंडियन मेडिकल काउंसिल ऑफ राजस्थान मेडिकल काउंसिल प्रमाणित कोई दस्तावेज नहीं है.
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आरोपी की कथित क्लीनिक से कई तरह की दवाइयां भी मिलीं हैं. ऐसी कई दवाइयां हैं जो केवल मान्यता प्राप्त चिकित्सक के परामर्श से ही मेडिकल की दुकान पर मरीज को दी जाती है. इसके अलावा डायबिटीज की दवाइयां भी मिली है जिनकी एक्सपायर डेट निकल चुकी है. आरोपी लंबे समय से मनमाने तरीके से पैसे लेकर ग्रामीणों को इलाज के नाम पर ठग रहा था. मौके पर से ही पीसांगन थाना पुलिस को सूचना देकर बुलाया गया. पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लिया है, वहीं दवाइयां भी जब्त कर ली है. पीसांगन थाना पुलिस मामले की जांच कर रही है.