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Divya Mittal Bribe Case: दिव्या मित्तल ने वॉयस सैंपल देने से इनकार करते हुए दी ये दलील, जानिए कोर्ट ने इस पर क्या कहा

निलंबित अजमेर एसओजी एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल ने कोर्ट में वॉयस सैंपल देने से इनकार कर दिया. साथ ही दलील दी कि विधि में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है.

Divya Mittal denied to give voice sample, court sent her to jail
दिव्या मित्तल ने वॉयस सैंपल देने से इनकार करते हुए दी ये दलील, जानिए कोर्ट ने इस पर क्या कहा
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Published : Feb 17, 2023, 6:37 PM IST

अजमेर. दो करोड़ की घूस के मामले में आरोपी निलंबित अजमेर एसओजी की एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल का वॉयस टेस्ट कोर्ट में नहीं हो पाया है. आरोपी दिव्या मित्तल के वकील ने रिकॉल प्रार्थना पत्र कोर्ट में पेश किया. इस पर कोर्ट ने सहमति जताई. वहीं दिव्या मित्तल ने भी वॉयस सैंपल देने से इनकार करते हुए कहा कि ऐसा करने का विधि में कोई नियम नहीं है. इस पर कोर्ट ने दिव्या मित्तल को वापस जेल भेज दिया.

आरोपी दिव्या मित्तल के वकील प्रीतम सिंह सोनी ने बताया कि जयपुर एसीबी की ओर से कोर्ट में दिव्या के वॉयस टेस्ट के लिए उसे आदेशित करने की अर्जी लगाई थी. एसीबी की फर्जी पर कोर्ट ने दिव्या मित्तल को वॉयस टेस्ट देने के लिए आदेशित किया था. शुक्रवार को दिव्या मित्तल का एसीजेएम कोर्ट 1 में वॉयस टेस्ट लिया जाना था. उन्होंने बताया कि दिव्या मित्तल की ओर से कोर्ट में रिकॉल प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया. साथ ही दिव्या मित्तल ने भी कोर्ट में उसे वॉयस सैंपल के लिए आदेशित करने का कोई विधि में नियम नहीं होने का हवाला दिया.

पढ़ें: Divya Mittal Bribery Case : एसीबी 17 फरवरी को लेगी दिव्या का वॉयस सैंपल, एसीजेएम कोर्ट ने दिए आदेश

कोर्ट में दलील दी गई कि किसी भी आरोपी को उसके विरुद्ध साक्ष्य देने के कोर्ट की ओर से बात ही नहीं किया जा सकता. विधि में आवाज का नमूना लिए जाने का कोई प्रावधान नहीं है. आरोपी दिव्या मित्तल ने भी कोर्ट में कहा कि वह अपना वॉयस टेस्ट नहीं करवाना चाहती है. आरोपी पक्ष के तर्कों से सहमत होते हुए कोर्ट ने आदेश दिया है कि वॉयस टेस्ट के लिए आदेशित करने का कोई भी विधि में नियम नहीं है. इसलिए एसीबी का प्रार्थना पत्र निस्तारित किया जाता है.

पढ़ें: Divya Mittal bribery case: 2 करोड़ की घूस मांगने का मामला, दिव्या मित्तल की न्यायिक अभिरक्षा 17 फरवरी तक बढ़ाई

एसीबी क्यों चाहती है दिव्या का वॉयस टेस्ट : अजमेर एसओजी में एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल एनडीपीएस एक्ट के 3 मुकदमों में वह जांच अधिकारी थीं. दिव्या मित्तल एक मुकदमे में आरोपी दवा कंपनी के मालिक का नाम मुकदमे से हटाने की एवज में उससे 2 करोड़ रिश्वत की डिमांड कर रही थी. आरोपी ने परिवादी बनकर जयपुर एसीबी में दिव्या मित्तल के खिलाफ शिकायत दी. जयपुर एसीबी ने शिकायत का सत्यापन किया, तो राजस्थान पुलिस के बर्खास्त सिपाही सुमित कुमार की भूमिका दलाल के रूप में सामने आई.

पढ़ें: Corrupt ASP दिव्या मित्तल को सम्मानित करने वाली थी SOG, निलंबित हुईं, तो बदला फैसला...

दिव्या मित्तल ने परिवादी को उदयपुर में सुमित कुमार के पास भेजा था. जहां परिवादी और दलाल सुमित कुमार के बीच जो भी बातचीत हुई वह वॉयस रिकॉर्डर में है. इतना ही नहीं दलाल सुमित कुमार ने इस दौरान दिव्या मित्तल से भी परिवादी की बात मोबाइल पर करवाई थी. लिहाजा दिव्या मित्तल की आवाज भी रिकॉर्डर में है. एसीबी वॉयस रिकॉर्डर मे कैद दिव्या मित्तल की आवाज की पुष्टि करवाने के लिए उसका वॉयसटेस्ट करवाना चाहती थी. लेकिन एसीबी को कोर्ट से झटका लगा है.

अब दलाल सुमित कुमार की गिरफ्तारी के बाद ही अनुसंधान आगे बढ़ पाएगा. बता दें कि सत्यापन की कार्रवाई के बाद से ही दलाल सुमित कुमार को एसीबी की कार्रवाई की भनक लग गई थी. एसीबी जब उसे ट्रैप करने के लिए उदयपुर के रिसोर्ट में पहुंची थी, तब दलाल सुमित कुमार मौका देखकर फरार हो गया था. वह अब भी एसीबी की पहुंच से दूर है. बता दें कि एसीबी कोर्ट में दिव्या मित्तल को 3 मार्च को पेश किया जाएगा.

अजमेर. दो करोड़ की घूस के मामले में आरोपी निलंबित अजमेर एसओजी की एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल का वॉयस टेस्ट कोर्ट में नहीं हो पाया है. आरोपी दिव्या मित्तल के वकील ने रिकॉल प्रार्थना पत्र कोर्ट में पेश किया. इस पर कोर्ट ने सहमति जताई. वहीं दिव्या मित्तल ने भी वॉयस सैंपल देने से इनकार करते हुए कहा कि ऐसा करने का विधि में कोई नियम नहीं है. इस पर कोर्ट ने दिव्या मित्तल को वापस जेल भेज दिया.

आरोपी दिव्या मित्तल के वकील प्रीतम सिंह सोनी ने बताया कि जयपुर एसीबी की ओर से कोर्ट में दिव्या के वॉयस टेस्ट के लिए उसे आदेशित करने की अर्जी लगाई थी. एसीबी की फर्जी पर कोर्ट ने दिव्या मित्तल को वॉयस टेस्ट देने के लिए आदेशित किया था. शुक्रवार को दिव्या मित्तल का एसीजेएम कोर्ट 1 में वॉयस टेस्ट लिया जाना था. उन्होंने बताया कि दिव्या मित्तल की ओर से कोर्ट में रिकॉल प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया. साथ ही दिव्या मित्तल ने भी कोर्ट में उसे वॉयस सैंपल के लिए आदेशित करने का कोई विधि में नियम नहीं होने का हवाला दिया.

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कोर्ट में दलील दी गई कि किसी भी आरोपी को उसके विरुद्ध साक्ष्य देने के कोर्ट की ओर से बात ही नहीं किया जा सकता. विधि में आवाज का नमूना लिए जाने का कोई प्रावधान नहीं है. आरोपी दिव्या मित्तल ने भी कोर्ट में कहा कि वह अपना वॉयस टेस्ट नहीं करवाना चाहती है. आरोपी पक्ष के तर्कों से सहमत होते हुए कोर्ट ने आदेश दिया है कि वॉयस टेस्ट के लिए आदेशित करने का कोई भी विधि में नियम नहीं है. इसलिए एसीबी का प्रार्थना पत्र निस्तारित किया जाता है.

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एसीबी क्यों चाहती है दिव्या का वॉयस टेस्ट : अजमेर एसओजी में एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल एनडीपीएस एक्ट के 3 मुकदमों में वह जांच अधिकारी थीं. दिव्या मित्तल एक मुकदमे में आरोपी दवा कंपनी के मालिक का नाम मुकदमे से हटाने की एवज में उससे 2 करोड़ रिश्वत की डिमांड कर रही थी. आरोपी ने परिवादी बनकर जयपुर एसीबी में दिव्या मित्तल के खिलाफ शिकायत दी. जयपुर एसीबी ने शिकायत का सत्यापन किया, तो राजस्थान पुलिस के बर्खास्त सिपाही सुमित कुमार की भूमिका दलाल के रूप में सामने आई.

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दिव्या मित्तल ने परिवादी को उदयपुर में सुमित कुमार के पास भेजा था. जहां परिवादी और दलाल सुमित कुमार के बीच जो भी बातचीत हुई वह वॉयस रिकॉर्डर में है. इतना ही नहीं दलाल सुमित कुमार ने इस दौरान दिव्या मित्तल से भी परिवादी की बात मोबाइल पर करवाई थी. लिहाजा दिव्या मित्तल की आवाज भी रिकॉर्डर में है. एसीबी वॉयस रिकॉर्डर मे कैद दिव्या मित्तल की आवाज की पुष्टि करवाने के लिए उसका वॉयसटेस्ट करवाना चाहती थी. लेकिन एसीबी को कोर्ट से झटका लगा है.

अब दलाल सुमित कुमार की गिरफ्तारी के बाद ही अनुसंधान आगे बढ़ पाएगा. बता दें कि सत्यापन की कार्रवाई के बाद से ही दलाल सुमित कुमार को एसीबी की कार्रवाई की भनक लग गई थी. एसीबी जब उसे ट्रैप करने के लिए उदयपुर के रिसोर्ट में पहुंची थी, तब दलाल सुमित कुमार मौका देखकर फरार हो गया था. वह अब भी एसीबी की पहुंच से दूर है. बता दें कि एसीबी कोर्ट में दिव्या मित्तल को 3 मार्च को पेश किया जाएगा.

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