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अजमेरः विद्यार्थियों की मुहिम लाई रंग, 'नेकी की दीवार' में किताबों का संग्रह हुआ शुरू - ajmer news

अजमेर के सनातन धर्म राजकीय महाविद्यालय में व्याख्याता और विद्यार्थियों के प्रयास से नेकी की दीवार अभियान शुरू किया गया है. जिसमें कॉलेज स्टाफ के साथ विद्यार्थी अपने घर पर काम नहीं आने वाली सामग्री जैसे कपड़े, खिलौने, बैग, बर्तन के साथ ही पुरानी पुस्तकें, प्रश्न-पत्र, पास बुक, शिक्षण सामग्री रख देते हैं. वहीं इन चीजों को जरुरतमंद लोगों को बांटा जाता है.

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किताबों का संग्रह
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Published : Jan 21, 2020, 7:49 PM IST

अजमेर. जिले का एकमात्र राजकीय ब्यावर कॉलेज में नेकी की दीवार पर सर्दी बढ़ने के साथ समाजसेवियों सहित विभिन्न सामाजिक संगठनों की ओर से जरूरतमंद लोगों को वस्त्रदान किए जाते हैं. लेकिन शहर के सनातन धर्म राजकीय महाविद्यालय में शुरू की गई नेकी की दीवार पर वस्त्र देने के साथ ही शिक्षा से वंचित विद्यार्थियों के साथ कॉलेज आने वाले उन विद्यार्थियों के लिए वरदान साबित हो रही है, जो महंगी किताबें और अन्य शिक्षण सामाग्री नहीं खरीद पाते हैं.

नेकी की दीवार में किताबों का संग्रह हुआ शुरू

जानकारी के अनुसार सनातन धर्म राजकीय महाविद्यालय वर्तमान में विद्यार्थियों को शिक्षा देने के साथ ही उनकी मदद करने का भी कार्य कर रहा है. कॉलेज व्याख्याताओं और विद्यार्थियों के संयुक्त प्रयास से नेकी की दीवार शुरू की है. इसमें कॉलेज स्टाफ के साथ विद्यार्थी अपने घर पर काम नहीं आने वाली सामग्री जैसे कपड़े, खिलौने, बैग, बर्तन के साथ ही पुरानी पुस्तकें, प्रश्न-पत्र, पास बुक, शिक्षण सामग्री रख देते हैं.

पढ़ेंः 'ऑपरेशन क्लीन स्वीप' के तहत 35 जगहों पर छापेमार कार्रवाई, 25 तस्कर गिरफ्तार

कॉलेज व्याख्याता और विद्यार्थी शहर की बस्तियों में जाकर आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को कपड़े वितरण करने के साथ बच्चों को कॉपी, किताबें सहित बैग देते हैं. कॉलेज व्याख्याता नरेन्द्र साद और हरीश गुजराती ने बताया कि कॉलेज में शीतकालीन अवकाश के समय राष्ट्रीय सेवा योजना के तहत सात दिवसीय शिविर का आयोजन किया गया था.

शिविर में होने वाली गतिविधियों के तहत हमारे साथ विद्यार्थी उन शहर की बस्तियों में गए, जहां लोगों के पास सर्दी में पहने के लिए कपड़े तक नहीं थे. यह देख मन में पूर्व में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की मदद के लिए कपड़े वितरण किए जाने का विचार आया, जिसकी शुरुआत नहीं कर पा रहे थे. लेकिन विद्यार्थियों की ओर से मिले सहयोग से नेकी की दीवार शुरू की गई है.

जिसके तहत कॉलेज के अन्य व्याख्याताओं ने भी मदद करना शुरू किया. कॉलेज व्याख्याताओं ने कपड़े देने के साथ उन विद्यार्थियों की मदद करने का भी सुझाव दिया जिनके पास किताबें, शिक्षण सामाग्री आदि नहीं होती है. इस पर किताबें, बैग आदि शिक्षण सामाग्री भी देने की योजना शुरू कर दी गई है.

पढ़ेंः '28 जनवरी को राहुल गांधी युवाओं को जयपुर आकर देंगे खास संदेश'

बता दें कि उपखंड के एक मात्र राजकीय महाविद्यालय में शहर के साथ ही निकटवर्ती ग्राम से विद्यार्थी यहां पढने आते हैं. इनमें से कई विद्यार्थी ऐसे होते हैं, जिनके पास किताबें सहित अन्य सामाग्री लेने तक की राशि नहीं होती है. इसी सोच को पूरा करने के लिए कॉलेज के स्टाफ सदस्यों ने इस संबंध में विद्यार्थियों से मदद ली है.

कॉलेज व्याख्याता नरेन्द्र और हरीश ने बताया कि नेकी की दीवार का शुभांरभ राष्ट्रीय सेवा योजना के राज्य समन्वयक बनय सिंह, संयुक्त निदेशक कॉलेज शिक्षा सुभाष यादव, पूर्व संयुक्त निदेशक जैनाराम नागौरा, प्राचार्य पुखराज देपाल, जेपी टेलर और जलालुद्दीन ने किया था.

अजमेर. जिले का एकमात्र राजकीय ब्यावर कॉलेज में नेकी की दीवार पर सर्दी बढ़ने के साथ समाजसेवियों सहित विभिन्न सामाजिक संगठनों की ओर से जरूरतमंद लोगों को वस्त्रदान किए जाते हैं. लेकिन शहर के सनातन धर्म राजकीय महाविद्यालय में शुरू की गई नेकी की दीवार पर वस्त्र देने के साथ ही शिक्षा से वंचित विद्यार्थियों के साथ कॉलेज आने वाले उन विद्यार्थियों के लिए वरदान साबित हो रही है, जो महंगी किताबें और अन्य शिक्षण सामाग्री नहीं खरीद पाते हैं.

नेकी की दीवार में किताबों का संग्रह हुआ शुरू

जानकारी के अनुसार सनातन धर्म राजकीय महाविद्यालय वर्तमान में विद्यार्थियों को शिक्षा देने के साथ ही उनकी मदद करने का भी कार्य कर रहा है. कॉलेज व्याख्याताओं और विद्यार्थियों के संयुक्त प्रयास से नेकी की दीवार शुरू की है. इसमें कॉलेज स्टाफ के साथ विद्यार्थी अपने घर पर काम नहीं आने वाली सामग्री जैसे कपड़े, खिलौने, बैग, बर्तन के साथ ही पुरानी पुस्तकें, प्रश्न-पत्र, पास बुक, शिक्षण सामग्री रख देते हैं.

पढ़ेंः 'ऑपरेशन क्लीन स्वीप' के तहत 35 जगहों पर छापेमार कार्रवाई, 25 तस्कर गिरफ्तार

कॉलेज व्याख्याता और विद्यार्थी शहर की बस्तियों में जाकर आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को कपड़े वितरण करने के साथ बच्चों को कॉपी, किताबें सहित बैग देते हैं. कॉलेज व्याख्याता नरेन्द्र साद और हरीश गुजराती ने बताया कि कॉलेज में शीतकालीन अवकाश के समय राष्ट्रीय सेवा योजना के तहत सात दिवसीय शिविर का आयोजन किया गया था.

शिविर में होने वाली गतिविधियों के तहत हमारे साथ विद्यार्थी उन शहर की बस्तियों में गए, जहां लोगों के पास सर्दी में पहने के लिए कपड़े तक नहीं थे. यह देख मन में पूर्व में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की मदद के लिए कपड़े वितरण किए जाने का विचार आया, जिसकी शुरुआत नहीं कर पा रहे थे. लेकिन विद्यार्थियों की ओर से मिले सहयोग से नेकी की दीवार शुरू की गई है.

जिसके तहत कॉलेज के अन्य व्याख्याताओं ने भी मदद करना शुरू किया. कॉलेज व्याख्याताओं ने कपड़े देने के साथ उन विद्यार्थियों की मदद करने का भी सुझाव दिया जिनके पास किताबें, शिक्षण सामाग्री आदि नहीं होती है. इस पर किताबें, बैग आदि शिक्षण सामाग्री भी देने की योजना शुरू कर दी गई है.

पढ़ेंः '28 जनवरी को राहुल गांधी युवाओं को जयपुर आकर देंगे खास संदेश'

बता दें कि उपखंड के एक मात्र राजकीय महाविद्यालय में शहर के साथ ही निकटवर्ती ग्राम से विद्यार्थी यहां पढने आते हैं. इनमें से कई विद्यार्थी ऐसे होते हैं, जिनके पास किताबें सहित अन्य सामाग्री लेने तक की राशि नहीं होती है. इसी सोच को पूरा करने के लिए कॉलेज के स्टाफ सदस्यों ने इस संबंध में विद्यार्थियों से मदद ली है.

कॉलेज व्याख्याता नरेन्द्र और हरीश ने बताया कि नेकी की दीवार का शुभांरभ राष्ट्रीय सेवा योजना के राज्य समन्वयक बनय सिंह, संयुक्त निदेशक कॉलेज शिक्षा सुभाष यादव, पूर्व संयुक्त निदेशक जैनाराम नागौरा, प्राचार्य पुखराज देपाल, जेपी टेलर और जलालुद्दीन ने किया था.

Intro:अजमेर जिले का एकमात्र राजकीय ब्यावर कॉलेज। जहां है ऐसी नेकी की दीवार सर्दी बढने के साथ समाजसेवियों सहित विभिन्न सामाजिक संगठनों की ओर से जरूरतमंद लोगों को वस्त्रदान किए जाते हैं, लेकिन शहर के सनातन धर्म राजकीय महाविद्यालय में शुरू की गई नेकी की दीवार पर वस्त्र देने के साथ शिक्षा से वंचित विद्यार्थियों के साथ कॉलेज आने वाले उन विद्यार्थियों के लिए वरदान साबित हो रही है, जो महंगी किताबें व अन्य शिक्षण सामाग्री नहीं खरीद पाते हैं। सनातन धर्म राजकीय महाविद्यालय वर्तमान में विद्यार्थियों को शिक्षा देने के साथ ही उनकी मदद करने का भी कार्य कर रहा है। Body:अजमेर जिले का एकमात्र राजकीय ब्यावर कॉलेज। जहां है ऐसी नेकी की दीवार सर्दी बढने के साथ समाजसेवियों सहित विभिन्न सामाजिक संगठनों की ओर से जरूरतमंद लोगों को वस्त्रदान किए जाते हैं, लेकिन शहर के सनातन धर्म राजकीय महाविद्यालय में शुरू की गई नेकी की दीवार पर वस्त्र देने के साथ शिक्षा से वंचित विद्यार्थियों के साथ कॉलेज आने वाले उन विद्यार्थियों के लिए वरदान साबित हो रही है, जो महंगी किताबें व अन्य शिक्षण सामाग्री नहीं खरीद पाते हैं। सनातन धर्म राजकीय महाविद्यालय वर्तमान में विद्यार्थियों को शिक्षा देने के साथ ही उनकी मदद करने का भी कार्य कर रहा है। कॉलेज व्याख्याताओं व विद्यार्थियों के संयुक्त प्रयास से नेकी की दीवार शुरू की है। इसमें कॉलेज स्टाफ के साथ विद्यार्थी अपने घर पर काम नहीं आने वाली सामग्री जैसे कपड़े, खिलौने, बैग, बर्तन के साथ ही पुरानी पुस्तकें, प्रश्न-पत्र, पास बुक, शिक्षण सामग्री रख देते हैं। कॉलेज व्याख्याता व विद्यार्थी शहर की बस्तियों में जाकर आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को कपड़े वितरण करने के साथ बच्चों को कॉपी, किताबें सहित बैग देते हैं। कॉलेज व्याख्याता नरेन्द्र साद व हरीश गुजराती ने बताया कि कॉलेज में शीतकालीन अवकाश के समय राष्ट्रीय सेवा योजना के तहत सात दिवसीय शिविर का आयोजन किया गया था। शिविर में होने वाली गतिविधियों के तहत हमारे साथ विद्यार्थी उन शहर की बस्तियों में गए, जहां लोगों के पास सर्दी में पहने के लिए कपड़े तक नहीं थे। यह देख मन में पूर्व में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की मदद के लिए कपड़े वितरण किए जाने का विचार आया, जिसकी शुरुआत नहीं कर पा रहे थे, लेकिन विद्यार्थियों की ओर से मिले सहयोग से नेकी की दीवार शुरू की गई। इसमें कॉलेज के अन्य व्याख्याताओं ने भी मदद करना शुरू किया। कॉलेज व्याख्याताओं ने कपड़े देने के साथ उन विद्यार्थियों की मदद करने का भी सुझाव दिया जिनके पास किताबें, शिक्षण सामाग्री आदि नहीं होती। इस पर किताबें, बैग आदि शिक्षण सामाग्री भी देने की योजना शुरू कर दी गई।

बाईट
धीरज कुमार पारीक
प्रोफेसर

कॉलेज व्याख्याता नरेन्द्र व हरीश ने बताया कि नेकी की दीवार का शुभारम्भ राष्ट्रीय सेवा योजना के राज्य समन्वयक बनय सिंह, संयुक्त निदेशक कॉलेज शिक्षा सुभाष यादव, पूर्व संयुक्त निदेशक जैनाराम नागौरा, प्राचार्य पुखराज देपाल, जेपी टेलर व जलालुद्दीन ने किया था। उपखंड के एक मात्र राजकीय महाविद्यालय में शहर के साथ ही निकटवर्ती ग्राम से विद्यार्थी यहां पढने आते हैं। इनमें से कई विद्यार्थी ऐसे होते हैं, जिनके पास किताबें सहित अन्य सामाग्री लेने तक की राशि नहीं होती है। इसी सोच को पूरा करने के लिए कॉलेज के स्टाफ सदस्यों ने इस संबंध में विद्यार्थियों से मदद ली। विद्यार्थियों ने भी अपना सहयोग देते हुए घर रखी पुस्तकें, कॉलेज स्टाफ द्वारा स्पेसिमैन कॉपी के रूप में प्राप्त पुस्तकें, पास बुक, पुराने प्रश्न पत्र, बड़े स्केल तथा परखनली आदि वस्तुएं रखी है।


स्लग-
व्याख्खयाता और विद्यार्थियों के प्रयास से शुरू किया गया अभियान
जरूरतमंद छात्र हो रहे हैं लाभान्वितConclusion:
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