अजमेर. आगरा गेट इलाके में गत 21 फरवरी को सरेआम फायर कर मनी एक्सचेंज कारोबारी मनीष मूलचंद देने की हत्या की गई थी. पुलिस ने घटना के 5 महीने बाद 16 जुलाई को हत्याकांड का पर्दाफाश किया था. जिसमें वारदात के मुख्य आरोपी कमर सा जोबनेर निवासी जितेंद्र सिंह उर्फ जीतू बना जो एक कुख्यात गैंगस्टर भी है, उसे पुलिस प्रोडक्शन वारंट के जरिए फुलेरा से गिरफ्तार कर लाई थी. जहां कोतवाली थाना पुलिस ने जीतू को अदालत में पेश किया. पुलिस उससे कई बिंदुओं के आधार पर पूछताछ की जा रही है.
रणजीत की तलाश
मूलचंदानी ने लुटेरों को पकड़ने की कोशिश की तो रणजीत सिंह उर्फ रणसा पुत्र किशन सिंह शेखावत ने उस पर फायर कर दिया. जिससे उसकी मौत हो गई थी. रणसा जोबनेर का है. पुलिस को गैंग के अधिकांश लोगों को पकड़ चुकी है अब उसे केवल रंजीत की तलाश है.
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नहीं मिली अभी तक रकम
मूलचंदानी के कार्यालय से लुटेरों ने करीब 12 लाख रुपये लूटे थे. जिसमें पुलिस को रकम भी बरामद करनी है. वहीं पूछताछ में सामने आया है कि रंजीत और अन्य इसका पिछले 6 महीने से उपयोग कर चुके हैं.
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इस तरह बनी थी गैंग
जीतू को अजमेर केंद्रीय कारागृह में बंद चोरी के आरोपी में मनी एक्सचेंज मूलचंदानी के कारोबार उसकी गतिविधियों के बारे में जानकारी मिली थी. जीतू ने जयपुर जोबनेर बोराज निवासी मोइनुद्दीन उर्फ मेनू पुत्र हबीब खान के फार्म हाउस पर लूट की साजिश रची. इससे मोइनुद्दीन रंजीत सिंह और शहंशाह पुत्र किशन सिंह शेखावत सीताराम में अर्जुन और को भी शामिल किया गया था.
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वारदात से पहले की गई थी रैकी
वारदात से 1 दिन पहले 20 फरवरी को जीतू और उसके साथियों द्वारा मनी एक्सचेंज मूलचंदानी के कार्यालय की रेकी की गई और 21 फरवरी को इस गैंग ने योजना के तहत मूलचंदानी के दफ्तर पर वारदात को अंजाम दिया था.