अजमेर. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट के बीच की तकरार अब सड़कों पर भी नजर आने लगी है. गुरुवार को पार्टी की सह प्रभारी अमृता धवन के सामने दोनों गुटों के नेता और कार्यकर्ता भिड़ गए. मामला कांग्रेस की सह प्रभारी अमृता धवन की फीडबैक बैठक का था. स्वयं पायलट भी इस बार आर-पार की लड़ाई के मूड में नजर आ रहे. उन्होंने अशोक गहलोत सरकार को 30 मई तक अल्टीमेटम दे रखा है. उन्होंने जयपुर में मंच से ऐलान किया है कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी गईं तो वह प्रदेश में बड़ा आंदोलन करेंगे.
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फीडबैक बैठक के पहले ही शुरू हो गया विवादः सचिन पायलट के उक्त ऐलान के बाद उनके समर्थक भी अब नाराज नजर आ रहे हैं. यही वजह थी कि यहां अजमेर में बैठक से पहले ही पायलट और गहलोत गुट के कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच विवाद खड़ा हो गया था. देखते ही देखते यह विवाद इतना बढ़ गया कि बाद में हाथापाई भी हो गई. वैशाली नगर में गोविंदम पैलेस में आयोजित फीडबैक के लिए शहर के वर्तमान अध्यक्ष विजय जैन ने यह बैठक बुलाई थी. इस दौरान जिला देहात के कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया. विधायकों के सामने ही कार्यकर्ता एक-दूसरे का गिरेबां पकड़ते और झगड़ते रहे. पुलिस को भी बीच-बचाव करने के लिए मजबूर होना पड़ा.
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जगह कम पड़ने से हुई झगड़े की शुरुआतः अजमेर में हुए हंगामे को लेकर बताया जा रहा है कि स्थानीय डेयरी अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी के समर्थक बड़ी संख्या में बैठक में पहुंच गए थे. इसके बाद जब पायलट समर्थक नेता पहुंचे, तो जगह कम पड़ने से हंगामा शुरू हो गया. इस दौरान मसूदा से पायलट समर्थित विधायक राकेश पारीक और स्थानीय नेता महेंद्र सिंह रलावता के कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की. इसके बाद आरटीडीसी के चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ भी बैठक में पहुंचे थे, लेकिन पायलट समर्थकों ने उनके विरोध में भी नारेबाजी की. हालात यह हो गए कि हाथापाई शुरू हो गई. बीच में पुलिस ने आकर व्यवस्था को संभाला. वहीं इस पूरे मामले को लेकर निवर्तमान अध्यक्ष विजय जैन का कहना है कि कुछ लोग बिना बुलाए बैठक में आ गए और हंगामा किया. जिसके कारण यह फीडबैक का कार्यक्रम नहीं हो सका.