अजमेर. नसीराबाद मैं श्रीनगर थाना क्षेत्र के लवेरा गांव में पानी के बाद में गिरने से चार जनों की मौत का मामला गहराता जा रहा है. निष्पक्ष जांच में उचित मुआवजे की मांग को लेकर कल शाम से ग्रामीणों ने रास्ता जाम कर रखा है. रात्रि में अजमेर जिला कलेक्टर जिला पुलिस अधीक्षक ने नसीराबाद आकर गुर्जर समाज के लोगों से वार्ता भी की लेकिन मुआवजे को लेकर सहमति नहीं बनने पर ग्रामीणों ने मोर्चरी से शव नहीं उठाया.
गुर्जर समाज की ओर से बैठक का आह्वान किया गया. पूर्व विधायक महेंद्र सिंह गुर्जर, पूर्व विधायक रामनारायण गुर्जर उचित मुआवजे की मांग को लेकर रात्रि में जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. अभी भैरू चौराया मोर्चरी के बाहर गुर्जर समाज के लोगों ने जाम लगा दिया है. मोर्चरी के बाहर बैठक को लेकर गुर्जर समाज के लोगों की ओर द्वारा तंबू भी लगा दिया गया. विधायक रामस्वरूप लांबा भी मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों से बातचीत कर रहे हैं.
गौरतलब है कि जिले के नसीराबाद उपखंड क्षेत्र के लवेरा गांव में दिल दहलाने वाला मामला सामने आया है. पानी की हौद में उतरे युवक को बचाने के लिए एक के बाद एक उतरे 8 जने बेहोश हो गए. हादसे में चार युवकों की मौत हो गई. जबकि बेहोश तीन युवकों का नसीराबाद अस्पताल में प्रारंभिक इलाज के बाद उन्हें अजमेर रेफर किया गया. हौद में प्रथम दृष्टया जहरीली गैस की वजह से यह हादसा होना माना जा रहा है. पुलिस मामले की जांच कर रही है. वहीं ग्रामीणों की ओर से मोर्चरी के बाहर जमा लगाकर मुआवजे की मांग की जा रही है.
लवेरा गांव के महेंद्र गुर्जर ने पुलिस को हादसे की रिपोर्ट दी है. महेंद्र ने पुलिस को बताया कि दिन के वक्त वह अपने खेत में काम (Youth died in water Tank in Ajmer) कर रहा था. इस दौरान उसका भतीजा सुरेंद्र गुर्जर पास में ही हरदेव गुर्जर के कुएं के समीप बने हौद पर पीने के लिए पानी लेने गया. पानी निकालने के लिए उसने खुद प्रवेश किया. लेकिन काफी समय बाद भी हौद से नहीं निकलने पर आसपास खेतों में काम कर रहे शैतान गुर्जर, देवकरण गुर्जर, महेंद्र गुर्जर, शिवराज गुर्जर, शेरू गुर्जर, रतन गुर्जर, धनराज गुर्जर आदि उसे बचाने के लिए आए.
पढ़ें. पिकनिक मनाने आए दो युवक पानी में डूबे, एक की मौत, दूसरा सुरक्षित
हौद में सबसे पहले शैतान गुर्जर उतरा और वह बाहर नहीं आया. उसके बाद देवकरण, महेंद्र भी खोज में उतरे, लेकिन वह भी वापस नहीं आए. उन्हें बचाने के लिए शिवराज गुर्जर, सुरेंद्र, शेरू, धनराज और रतन भी हौद में उतर गए. हौद में उतरे यह सभी लोग बेहोश हो गए. महेंद्र गुर्जर ने बताया कि मैंने आसपास के खेतों से काम कर रहे लोगों को जोर से आवाज़ लगाकर मदद के लिए बुलाया. गांव वालों की मदद से हौद से उन्हें बाहर निकाल कर अस्पताल भेजा.
इनमें से शैतान, देवकरण, महेंद्र, शिवराज और धनराज को श्रीनगर अस्पताल लेकर आए. जहां चिकित्सकों ने शैतान गुर्जर, देवकरण गुर्जर, महेंद्र गुर्जर और शिवराज गुर्जर को मृत घोषित कर दिया. वहीं सुरेंद्र, रतन और शेरू को श्रीनगर अस्पताल से अजमेर रेफर कर दिया. धनराज गुर्जर की हालत स्थिर बताई जा रही है. मृतकों के शवों को पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए नसीराबाद अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया है. मृतक और बेहोश सभी लोग लवेरा गांव के ही निवासी है.
पढ़ें. भीलवाड़ाः पानी के हौद में डूबने से तीन भाई-बहन की मौत...गांव में पसरा सन्नाटा
घटना की जांच की मांगः महेंद्र गुर्जर ने बताया कि खेत के समीप हरदेव गुर्जर के बने पानी के हौद में प्रवेश करने से एक दूसरे को बचाने (People Fainted in water Tank in Ajmer) के चक्कर में सभी के बेहोश होने से यह हादसा हुआ है. महेंद्र गुर्जर ने हौद में उतरे लोगों की मौत और बेहोश होने के कारण का पता लगाने मांग की है.
लंबे समय से था हौद बंदः बताया जा रहा है कि हरदेव के कुएं के समीप बना हौद लंबे समय से बंद था. संभवतः हौद में जहरीली गैस थी. यही वजह है कि पीने के पानी के लिए हौद में उतरा सुरेंद्र गुर्जर पहले बेहोश हुआ और उसे बचाने के लिए हौद में उतरे सब लोग जहरीली गैस का शिकार हो गए. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
ग्रामीणों ने किया लगाया जाम: घटना के बाद मृतकों के परिजनों ने शवों को मोर्चरी से उठाने से मना कर दिया है. ग्रामीण नसीराबाद मोर्चरी के बाहर जाम लगाकर हादसे की निष्पक्ष जांच और मुआवजे की मांग कर रहे हैं. साथ ही जिला कलेक्टर को भी बुलाने की मांग की जा रही है.