कुचामनसिटी : राज्य सरकार ने हाल ही में बड़े पैमाने पर अधिकारियों और कर्मचारियों के ट्रांसफर किए हैं. अब इन्हें लेकर विरोध के स्वर भी उठने लगे हैं. इस मामले में लाडनूं विधायक मुकेश भाकर ने आरोप लगाया कि सरकार जाति और धर्म के आधार पर टारगेट करते हुए ट्रांसफर कर रही है.
भाकर मंगलवार को डीडवाना में आयोजित दिशा कमेटी की बैठक के बाद मीडिया से बातचीत कर रहे थे. उन्होंने तबादलों में कथित भेदभाव पर नाराजगी जताई. विधायक भाकर ने कहा कि सरकार तबादला नीति में भेदभाव को बढ़ावा दे रही है. जाट, दलित और अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकारियों व कर्मचारियों को टारगेट किया जा रहा है. द्वेषतापूर्ण व भेदभाव की नीति अपनाकर इन समुदायों के अधिकारियों और कर्मचारियों को जिले से दूर भेजा जा रहा है. उन्होंने कहा कि भाजपा एक और रामराज्य की बात कहती है. दूसरी ओर सामंतशाही अपनाकर जाति विशेष के कर्मचारियों में डर पैदा करना चाहती है.
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उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि इस तरह की नीति से कोई डरने वाला नहीं है, बल्कि इसका पुरजोर तरीके से विरोध किया जाएगा. उन्होंने कहा कि तबादलों में नीति का अभाव है. यह मुद्दा हमने लोकसभा चुनाव से पहले हमने उठाया था, लेकिन भाजपा सरकार ने सबक नहीं लिया. इसका परिणाम यह हुआ कि लोकसभा चुनाव में भाजपा को शिकस्त खानी पड़ी.
भाकर ने सवाल किया कि क्या सीएम ने लाडनूं विधानसभा क्षेत्र को नौसिखिया लोगों को ठेके पर दे दिया है? क्या इन लोगों को किसानों और दलित समाज के अधिकारियों व कर्मचारियों को प्रताड़ित करने का लाइसेंस दे रखा है. एक सवाल के जवाब में विधायक ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल केवल भाजपा के मुख्यमंत्री बन कर रह गए हैं, इसलिए वे केवल भाजपा के हारे हुए प्रत्याशियों से मिलते हैं. जबकि उन्होंने आज तक कोई जीते हुए विधायकों के साथ बैठक नहीं की और ना ही उनके सुझाव लिए हैं.